नई दिल्ली: देश में मॉब लिंचिंग पर छिड़ी बहस और पीएम मोदी को चिट्ठी लिखे जाने के बीच शोमैन कहे जाने वाले फिल्मकार सुभाष घई ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. वे इस मामले पर कुछ भी कहने बचते दिखे. दिल्ली में चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल के संबंध में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का पूरा अधिकार है.
सुभाष घई से पूछे गए सवाल कि सभी कलाकार मॉब लिंचिग के मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, इस पर उनके क्या विचार हैं पर उन्होंने कहा कि सबको अपनी बात रखने का अधिकार है. यही देश की खूबसूरती है, जो नकारात्मक बात करते हैं, हो सकता है कि उनकी बात किसी और के लिये सकारात्मक हो. इसलिये सब अपनी जगह सही हैं.
बॉलीवुड को सबसे सेक्युलर कम्युनिटी बताते हुए सुभाष घई ने कहा कि यहां कोई किसी का नाम देख कर काम नहीं करता, बल्कि सिर्फ कला को देखता है.
कुल मिलाकर मॉब लिंचिंग और धर्मनिरपेक्षता पर छिड़ी बहस में सब अपनी-अपनी राय देते दिख रहे हैं ऐसे में शोमैन सुभाष घई ने किसी एक पक्ष में होने की बजाय बीच का रास्ता अपनाया है और दोनों पक्षों को ही अपनी-अपनी जगह सही बताया है.
जाहिर तौर पर बंगाल के 40 से ज्यादा कलाकारों और प्रबुद्ध लोगों के द्वारा मॉब लिंचिंग और 'जय श्री राम' के मुद्दे पर प्रधानमंत्री को लिखे गये पत्र को सुभाष घई का समर्थन मिल गया है. हालांकि, उस चिट्ठी के जवाब में बॉलीवुड की 60 से ज्यादा हस्तियों ने भी एक चिट्ठी लिखी है. सुभाष घई ने उनको भी जायज ही ठहराया है.