कोलकाता : विज्ञान की नगरी कोलकाता में आयोजित पांचवें भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2019 के पहले दिन मंगलवार को खगोल भौतिकी के प्रशिक्षण में एक साथ 1,598 छात्रों ने भागीदारी की. इस दौरान स्पेक्ट्रोस्कोप का इस्तेमाल किए जाने का सबसे बड़ी कक्षा आयोजित होने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम हुआ.
दरअसल, चार दिवसीय इस विज्ञान महोत्सव में चार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिनमें महोत्सव के पहले ही दिन पहली कामयाबी मिल चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज्ञान महोत्सव को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मंगलवार को संबोधित किए जाने के तुरंत बाद पहला गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किए जाने की घोषणा की गई.
इस उपलब्धि को भारत के महान वैज्ञानिक मेघनाथ साहा और सी.वी. रमण को समर्पित किया गया.
इसे भी पढ़ें- PM मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से किया इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का उद्घाटन
आगे की कार्यक्रमों में और तीन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम करने की कोशिश की जाएगी.
खगोल वैज्ञानिक आकाशीय पिंडों का तापमान, रासायनिक संरचना जैसे तथ्य जानने के लिए स्पेक्ट्रोस्कोप का इस्तेमाल करते हैं. कार्डबोर्ड के एक बक्से का इस्तेमाल करके कोई आसानी से एडवांस्ड स्पेक्ट्रोस्कोप का निजी तौर पर छोटा सा मॉडल बना सकता है. स्पेक्ट्रोस्को में प्रकाश का पहुंचाने के लिए अत्यंत छोटी खिड़की का इस्तेमाल किया जाता है. विवर्तन की प्रक्रिया द्वारा प्रकाश को बिखेरने के लिए कॉपैक्ट डिस्क का इस्तेमाल किया जाता है.