लखनऊ : बलिया गोलीकांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है. डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे ने कहा कि आरोपी पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी. बलिया से बिहार तक मुख्य आरोपी की छान-बीन की जा रही थी. डीआईजी ने बताया की लगातार दबाव बनाने का यह परिणाम है कि मुख्य आरोपी गिरफ्तार हुआ है.
डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे ने मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है. उन्होंने यह स्पष्ट बताया कि मुख्य आरोपी पर ऐसी कार्रवाई की जाएगी कि ताकि भविष्य में दूसरे लोग सबक लेकर अपराध करने की कोशिश न करें.
उन्होंने बताया कि बलिया पुलिस मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह को लाने के लिए बलिया से निकल चुकी है. रविवार की देर रात या सोमवार सुबह मुख्य आरोपी को बलिया लाया जाएगा. सुरक्षा के विषय में पूछे जाने पर डीआईजी ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि मुख्य आरोपी को कड़ी सुरक्षा के साथ बलिया लाया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि विधायक बैरिया सुरेंद्र सिंह के भी तथ्य को ध्यान में रखकर जांच की जाएगी. जांच में जो भी तथ्य सामने आएगा उसपर कार्रवाई अवश्य की जाएगी.
बता दें कि जिले के दुर्जनपुर गांव में 15 अक्टूबर को गोलीकांड हुआ था. आरोपी ने पुलिस प्रशासन के आलाधिकारियों के सामने युवक को गोली मारी थी. गोलीकांड के बाद से ही आरोपी फरार चल रहा था. इस घटना से संबंधित दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है.
बलिया जिले में हुए इस हत्याकांड के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए वारदात के समय मौजूद एसडीएम, सीओ और पुलिस के जवानों को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए थे. इसके साथ ही सीएम ने अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करने के निर्देश दिए थे.
मौके से फरार हुआ धीरेंद्र
वहीं, घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी धीरेंद्र सिंह मौके से फरार हो गया. मिली जानकारी के अनुसार कोटे की दुकान को लेकर दोनों में विवाद चल रहा था, जिसको लेकर एसडीएम और सीओ गांव में कोटे के विवाद की पंचायत कराने पहुंचे थे.
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मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह ने इससे पूर्व स्वयं को निर्दोष करार देते हुए दावा किया था कि रेवती की घटना में उसके परिवार के एक व्यक्ति की भी मौत हो गई है तथा आधा दर्जन लोग घायल हैं. धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्ल्यू ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर शुक्रवार रात जारी वीडियो में स्वयं को पूर्व सैनिक संगठन का अध्यक्ष बताया.
उसने घटना को पूर्व नियोजित करार देते हुए कहा है कि उसने आवंटन के लिये बैठक शुरू होते ही उप जिलाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक व अन्य अधिकारियों से बवाल होने की संभावना जताई थी, लेकिन अधिकारियों ने उसकी बात पर कोई ध्यान नही दिया.
धीरेंद्र ने कहा था कि अधिकारियों की मौजूदगी में उसके 80 वर्षीय वृद्ध पिता व भाभी पर हमला किया गया. उसने अधिकारियों पर दूसरे पक्ष से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए दावा किया है और कहा कि कि इस घटना में उसके परिवार के एक व्यक्ति की मौत होने की सूचना उसे मिली है. उसके अनुसार एक व्यक्ति की हालत नाजुक बनी हुई है एवं घटना में उसके पक्ष के आठ से अधिक लोग घायल हुए हैं.
उन्होंने कहा है कि उसे नही जानकारी है कि जय प्रकाश पाल गामा की मौत किसकी गोली लगने से हुई है. उसने प्रशासन पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी शिकायत पर पुलिस मुकदमा दर्ज नही कर रही.
गौरतलब है कि जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में गुरुवार को सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान के चयन के दौरान गोली चलने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी तथा कई लोग घायल हो गये थे.