ETV Bharat / bharat

प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के सामने दूसरों से एक कदम आगे रहने की चुनौती : कुलपति

प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय की कुलपति अनुराधा लोहिया ने विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए कहा है कि दो शताब्दी पहले इस 'असाधारण उच्च शिक्षा संस्थान' की स्थापना किसी चुनौती से कम नहीं थी और आज इस संस्थान के सामने एक बड़ी चुनौती दूसरे से 'एक कदम आगे' रहने की है.

डिजाइन फोटो
डिजाइन फोटो
author img

By

Published : Jan 20, 2020, 10:06 PM IST

Updated : Feb 17, 2020, 7:12 PM IST

कोलकाता : प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय की कुलपति अनुराधा लोहिया ने सोमवार को कहा कि 203 साल पुराने इस संस्थान के सामने एक बड़ी चुनौती दूसरे से 'एक कदम आगे' रहने की है.

लोहिया यहां विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थीं. उन्होंने कहा कि दो शताब्दी पहले इस 'असाधारण उच्च शिक्षा संस्थान' की स्थापना किसी चुनौती से कम नहीं थी.

उन्होंने कहा, 'प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय की स्थापना उस समय हुई, जब देश में कहीं भी इस तरह का उच्च शिक्षा संस्थान नहीं था. ऐसे में हमने अपने संस्थापकों की दूरदर्शिता में योगदान किया, जो एक ऐतिहासिक उच्च शिक्षा संस्थान बनाने के बारे में था. उस समय यह एक चुनौती थी.'

लोहिया ने कहा, 'बीते कई वर्षों के दौरान अत्यधिक अनुभव, कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के साथ कई संस्थान सामने आई हैं. हमें अपने संस्थापकों को खुश रखने के लिए एक कदम आगे रहना होगा... आज यहां जो लोग उपस्थित हैं, छात्र, संकाय, सभी को मिलकर काम करना होगा, ताकि प्रेसिडेंसी दूसरों से हमेशा एक कदम आगे रहे.'

प्रेसिडेंसी कॉलेज की स्थापना 1817 में हुई थी और इसे 2010 में विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया.

स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान वामपंथी छात्र संगठनों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के शुभजीत सरकार ने बताया कि इस दौरान सैकड़ों छात्रों ने नारे लगाए - 'फासिज्म मानबो न' (फासीवाद नहीं चलेगा).

परिसर में लगाए गए सफेद रंग के एक बड़े बोर्ड में छात्रों और पूर्व छात्रों ने विरोध दर्ज करते हुए संदेश भी लिखे.

कोलकाता : प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय की कुलपति अनुराधा लोहिया ने सोमवार को कहा कि 203 साल पुराने इस संस्थान के सामने एक बड़ी चुनौती दूसरे से 'एक कदम आगे' रहने की है.

लोहिया यहां विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थीं. उन्होंने कहा कि दो शताब्दी पहले इस 'असाधारण उच्च शिक्षा संस्थान' की स्थापना किसी चुनौती से कम नहीं थी.

उन्होंने कहा, 'प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय की स्थापना उस समय हुई, जब देश में कहीं भी इस तरह का उच्च शिक्षा संस्थान नहीं था. ऐसे में हमने अपने संस्थापकों की दूरदर्शिता में योगदान किया, जो एक ऐतिहासिक उच्च शिक्षा संस्थान बनाने के बारे में था. उस समय यह एक चुनौती थी.'

लोहिया ने कहा, 'बीते कई वर्षों के दौरान अत्यधिक अनुभव, कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के साथ कई संस्थान सामने आई हैं. हमें अपने संस्थापकों को खुश रखने के लिए एक कदम आगे रहना होगा... आज यहां जो लोग उपस्थित हैं, छात्र, संकाय, सभी को मिलकर काम करना होगा, ताकि प्रेसिडेंसी दूसरों से हमेशा एक कदम आगे रहे.'

प्रेसिडेंसी कॉलेज की स्थापना 1817 में हुई थी और इसे 2010 में विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया.

स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान वामपंथी छात्र संगठनों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के शुभजीत सरकार ने बताया कि इस दौरान सैकड़ों छात्रों ने नारे लगाए - 'फासिज्म मानबो न' (फासीवाद नहीं चलेगा).

परिसर में लगाए गए सफेद रंग के एक बड़े बोर्ड में छात्रों और पूर्व छात्रों ने विरोध दर्ज करते हुए संदेश भी लिखे.

Intro:Body:

प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के सामने दूसरों से एक कदम आगे रहने की चुनौती : कुलपति

कोलकाता, 20 जनवरी (भाषा) प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय की कुलपति अनुराधा लोहिया ने सोमवार को कहा कि 203 साल पुराने इस संस्थान के सामने एक बड़ी चुनौती दूसरे से 'एक कदम आगे' रहने की है.



लोहिया यहां विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थीं. उन्होंने कहा कि दो शताब्दी पहले इस 'असाधारण उच्च शिक्षा संस्थान' की स्थापना किसी चुनौती से कम नहीं थी.



उन्होंने कहा, 'प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय की स्थापना उस समय हुई, जब देश में कहीं भी इस तरह का उच्च शिक्षा संस्थान नहीं था. ऐसे में हमने अपने संस्थापकों की दूरदर्शिता में योगदान किया, जो एक ऐतिहासिक उच्च शिक्षा संस्थान बनाने के बारे में था. उस समय यह एक चुनौती थी.'



लोहिया ने कहा, '(बीते कई वर्षों के दौरान) अत्यधिक अनुभव, कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के साथ कई संस्थान सामने आए हैं. हमें अपने संस्थापकों को खुश रखने के लिए एक कदम आगे रहना होगा... आज यहां जो लोग उपस्थित हैं, छात्र, संकाय, सभी को मिलकर काम करना होगा, ताकि प्रेसिडेंसी दूसरों से हमेशा एक कदम आगे रहे.'

प्रेसिडेंसी कॉलेज की स्थापना 1817 में हुई थी और इसे 2010 में विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया.

स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान वामपंथी छात्र संगठनों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के शुभजीत सरकार ने बताया कि इस दौरान सैकड़ों छात्रों ने नारे लगाए - 'फासिज्म मानबो न' (फासीवाद नहीं चलेगा).

परिसर में लगाए गए सफेद रंग के एक बड़े बोर्ड में छात्रों और पूर्व छात्रों ने विरोध दर्ज करते हुए संदेश भी लिखे.


Conclusion:
Last Updated : Feb 17, 2020, 7:12 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.