नई दिल्ली : भारतीय एयरोस्पेस उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए आयोजित एक सम्मेलन में वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि इस परिदृश्य में पूर्वी लद्दाख में 'कोई यद्ध कोई शांति नहीं' (नो वॉर नो पीस) जैसी असहज स्थिति बनी हुई है. भदौरिया ने मंगलवार को पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ लंबी सीमा रेखा का जिक्र किया.
एक सम्मेलन के दौरान भदौरिया ने कहा कि वायुसेना ने तुरंत स्थिति का जवाब दिया है. इसके साथ ही वह क्षेत्र में किसी भी तरह के दुस्साहस का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
उन्होंने कहा कि हमारी उत्तरी सीमाओं पर वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य एक तरह से नो वॉर नो पीस की स्थिति में है. जैसा कि आप जानते हैं कि हमारी सेना किसी भी घटना के लिए पूरी तरह से तैयार है.
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उन्होंने भारतीय एयरोस्पेस उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए आयोजित एक सम्मेलन के दौरान एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा कि सी -17 ग्लोबमास्टर विमानों के पिछले अधिग्रहणों के साथ-साथ चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टरों के साथ राफेल जेट्स की हालिया शुरूआत ने भारतीय वायुसेना को पर्याप्त सामरिक और रणनीतिक क्षमता में वृद्धि प्रदान की है.
उन्होंने कहा कि पांच फ्रांसीसी निर्मित बहु-भूमिका राफेल लड़ाकू जेट को 10 सितंबर को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था. यह बेड़े पिछले कुछ हफ्तों में पूर्वी लद्दाख में काम कर रहे हैं.
आईएएफ प्रमुख ने यह भी कहा कि लड़ाकू विमान तेजस के दो स्क्वाड्रन का उद्भव और कुछ ही समय में Su-30 MKI लड़ाकू जेट पर कुछ स्वदेशी हथियारों का एकीकरण सबसे बढ़िया विकास रहा है, जो देश की क्षमताओं को विकसित करने की ओर इशारा करता है.