श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में धार्मिक स्थलों की विरासत को संरक्षित करने के लिए विकास परियोजनाओं पर सरकार ने ध्यान केंद्रित किया है. इतिहास की गवाही देतीं इन धार्मिक विरासतों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है.
यह धार्मिक विरासतें ही हैं, जो कहीं न कहीं वर्तमान पीढ़ी को इतिहास से जोड़े रखती हैं. इसी कड़ी में श्रीनगर शहर के फतेह कदल इलाके में झेलम नदी के तट पर स्थित सदियों पुराना रघुनाथ मंदिर भी शामिल है, जो वर्तमान में अतीत के गौरव को दिखाता नजर आ रहा है.
भगवान राम को समर्पित रघुनाथ मंदिर, घाटी के सबसे पूजनीय मंदिरों में से एक माना जाता है. इस मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य इन दिनों जोरों पर चल रहा है. मंदिर के पुनरुद्धार कार्य को स्मार्ट सिटी योजना के तहत कराया जा रहा है और पर्यटन विभाग द्वारा इस कार्य की देखरेख की जा रही है.
एससीई के सीईओ अमित वांचो ने बताया कि ऐतिहासिक मंदिर पिछले तीन दशकों से जर्जर हालत में है. मंदिर की मरम्मत का कार्य तीन महीने पहले शुरू किया गया था, जिसकी अनुमानित लागत 54 लाख रुपए थी. इस वर्ष के अंत तक इसके पूरा होने की उम्मीद है. जीर्णोद्धार के तुरंत बाद, ऐतिहासिक मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा.
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हिंदू कल्याण सोसायटी श्रीनगर के पब्लिसिटी सेक्रेटरी रविंद्र कुमार ने बताया कि रघुनाथ मंदिर 1835 में महाराजा गुलाब सिंह द्वारा बनवाया गया था और निर्माण उनके बेटे और उनके उत्तराधिकारी महाराजा रणबीर सिंह ने 1860 में पूरा किया था.
आपको बता दें कि इस मंदिर के अलावा सरकार ने ड्रगजन में एक चर्च, एचएमटी जैनकोट में एक गुरुद्वारा और श्रीनगर के हसनाबाद में एक इमामबाड़े का भी जीर्णोद्धार कराया है. इन सभी पवित्र स्थलों को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पुनर्निर्मित किया जा रहा है.
अमित वांचो ने बताया कि मुख्य रूप से मुख्य रूप से, ऐतिहासिक रघुनाथ मंदिर 90 के दशक में एक आग की घटना में क्षतिग्रस्त हो गया था.