नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को श्रीलंका जाएंगे. वह मालदीव की एक दिन की यात्रा के बाद कोलंबों पहुंचेंगे. श्रीलंका में मोदी की यह तीसरी यात्रा होगी. दिल्ली में उनके उच्चायुक्त ने ईटीवी भारत को इस यात्रा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है.
आठ जून को मालदीव के बाद नौ जून को पीएम मोदी भारत वापसी से पहले श्रीलंका जाएंगे. श्रीलंका में 21 अप्रैल को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद पहुंच रहे पीएम मोदी की कोशिश पड़ोसी मुल्क को हर संभव मदद का भरोसा देने की होगी. बम धमाकों से दहले श्रीलंका का दौरा करने वाले पीएम मोदी पहले विदेशी नेता हैं.
भारत के विदेश सचिव गोखले ने कहा कि पूरा देश श्रीलंका के साथ इस मुश्किल घड़ी में साथ खड़ा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कुछ घंटों की कोलंबो यात्रा के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और पूर्व राष्ट्रपति महिंद राजपक्षे समेत कई नेताओं से मुलाकात करेंगे.
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भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त ऑस्टिन फर्नांडो ने पीएम मोदी की यात्रा को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि दोनों देशों के नेतृत्व के बीच होने वाली बातचीत में सुरक्षा सहयोग एक अहम मुद्दा होगा. सूचनाओं के आदान-प्रदान के अलावा किस तरह दोनों देश सक्रिय सुरक्षा सहयोग कर सकें इस पर बात होगी.
आतंकवाद की चुनौती से मुकाबले के लिए बिम्सटेक के परचम तले नई आतंकवाद रोधी व्यवस्था की संभावना के बारे में पूछे जाने पर फर्नांडो ने कहा कि चरमपंथ और आतंकवाद इस क्षेत्र के लगभग सभी देशों की समस्या है. साथ ही 21 अप्रैल के धमाकों ने बता दिया है कि इस अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का दायरा किसी भी एक देश तक सीमित नहीं है. ऐसे में अगर सुरक्षा सहयोग की कोई भी व्यवस्था बनती है तो यह सभी के हित में होगी. श्रीलंका इसके लिए भारत के साथ सहयोग करेगा.
21 अप्रैल को हुए बम धमाकों के बारे में सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि अब देश में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों देशों के पास आतंक का मुकाबला करने के लिए सहयोग करने की कोई योजना है, ऑस्टिन फर्नांडो ने लिट्टे के दिनों में भारत-श्रीलंका सहयोग की याद दिलाई. उन्होंने कहा, 'आतंक का मुकाबला करने में सहायता करने वाले देशों में भारत प्रमुख हितधारकों में से एक है.'
श्रीलंका में मोदी की यह तीसरी यात्रा होगी. इससे पहले, उन्होंने 2015 और 2017 में श्रीलंका की यात्रा की थी.