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काफी अहम होगा PM मोदी का श्रीलंका दौरा, जानें किन मुद्दों पर होगी बातचीत

दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी मालदीव और श्रीलंका दौरे पर जा रहे हैं. उनका यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इसे लेकर ईटीवी भारत ने भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त ऑस्टिन फर्नांडो से खास बातचीत की. उन्होंने भारत पर क्या कुछ कहा, जानें.

भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त ऑस्टिन फर्नांडो.
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Published : Jun 7, 2019, 2:05 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को श्रीलंका जाएंगे. वह मालदीव की एक दिन की यात्रा के बाद कोलंबों पहुंचेंगे. श्रीलंका में मोदी की यह तीसरी यात्रा होगी. दिल्ली में उनके उच्चायुक्त ने ईटीवी भारत को इस यात्रा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है.

आठ जून को मालदीव के बाद नौ जून को पीएम मोदी भारत वापसी से पहले श्रीलंका जाएंगे. श्रीलंका में 21 अप्रैल को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद पहुंच रहे पीएम मोदी की कोशिश पड़ोसी मुल्क को हर संभव मदद का भरोसा देने की होगी. बम धमाकों से दहले श्रीलंका का दौरा करने वाले पीएम मोदी पहले विदेशी नेता हैं.

भारत के विदेश सचिव गोखले ने कहा कि पूरा देश श्रीलंका के साथ इस मुश्किल घड़ी में साथ खड़ा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कुछ घंटों की कोलंबो यात्रा के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और पूर्व राष्ट्रपति महिंद राजपक्षे समेत कई नेताओं से मुलाकात करेंगे.

पढ़ें: PM मोदी गुरुवायुर के कृष्ण मंदिर और वेंकेटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे

भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त ऑस्टिन फर्नांडो ने पीएम मोदी की यात्रा को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि दोनों देशों के नेतृत्व के बीच होने वाली बातचीत में सुरक्षा सहयोग एक अहम मुद्दा होगा. सूचनाओं के आदान-प्रदान के अलावा किस तरह दोनों देश सक्रिय सुरक्षा सहयोग कर सकें इस पर बात होगी.

ईटीवी से बातचीत करते भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त ऑस्टिन फर्नांडो.

आतंकवाद की चुनौती से मुकाबले के लिए बिम्सटेक के परचम तले नई आतंकवाद रोधी व्यवस्था की संभावना के बारे में पूछे जाने पर फर्नांडो ने कहा कि चरमपंथ और आतंकवाद इस क्षेत्र के लगभग सभी देशों की समस्या है. साथ ही 21 अप्रैल के धमाकों ने बता दिया है कि इस अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का दायरा किसी भी एक देश तक सीमित नहीं है. ऐसे में अगर सुरक्षा सहयोग की कोई भी व्यवस्था बनती है तो यह सभी के हित में होगी. श्रीलंका इसके लिए भारत के साथ सहयोग करेगा.

ईटीवी से बातचीत करते भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त ऑस्टिन फर्नांडो.

21 अप्रैल को हुए बम धमाकों के बारे में सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि अब देश में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं.

ईटीवी से बातचीत करते भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त ऑस्टिन फर्नांडो.

यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों देशों के पास आतंक का मुकाबला करने के लिए सहयोग करने की कोई योजना है, ऑस्टिन फर्नांडो ने लिट्टे के दिनों में भारत-श्रीलंका सहयोग की याद दिलाई. उन्होंने कहा, 'आतंक का मुकाबला करने में सहायता करने वाले देशों में भारत प्रमुख हितधारकों में से एक है.'

श्रीलंका में मोदी की यह तीसरी यात्रा होगी. इससे पहले, उन्होंने 2015 और 2017 में श्रीलंका की यात्रा की थी.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को श्रीलंका जाएंगे. वह मालदीव की एक दिन की यात्रा के बाद कोलंबों पहुंचेंगे. श्रीलंका में मोदी की यह तीसरी यात्रा होगी. दिल्ली में उनके उच्चायुक्त ने ईटीवी भारत को इस यात्रा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है.

आठ जून को मालदीव के बाद नौ जून को पीएम मोदी भारत वापसी से पहले श्रीलंका जाएंगे. श्रीलंका में 21 अप्रैल को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद पहुंच रहे पीएम मोदी की कोशिश पड़ोसी मुल्क को हर संभव मदद का भरोसा देने की होगी. बम धमाकों से दहले श्रीलंका का दौरा करने वाले पीएम मोदी पहले विदेशी नेता हैं.

भारत के विदेश सचिव गोखले ने कहा कि पूरा देश श्रीलंका के साथ इस मुश्किल घड़ी में साथ खड़ा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कुछ घंटों की कोलंबो यात्रा के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और पूर्व राष्ट्रपति महिंद राजपक्षे समेत कई नेताओं से मुलाकात करेंगे.

पढ़ें: PM मोदी गुरुवायुर के कृष्ण मंदिर और वेंकेटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे

भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त ऑस्टिन फर्नांडो ने पीएम मोदी की यात्रा को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि दोनों देशों के नेतृत्व के बीच होने वाली बातचीत में सुरक्षा सहयोग एक अहम मुद्दा होगा. सूचनाओं के आदान-प्रदान के अलावा किस तरह दोनों देश सक्रिय सुरक्षा सहयोग कर सकें इस पर बात होगी.

ईटीवी से बातचीत करते भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त ऑस्टिन फर्नांडो.

आतंकवाद की चुनौती से मुकाबले के लिए बिम्सटेक के परचम तले नई आतंकवाद रोधी व्यवस्था की संभावना के बारे में पूछे जाने पर फर्नांडो ने कहा कि चरमपंथ और आतंकवाद इस क्षेत्र के लगभग सभी देशों की समस्या है. साथ ही 21 अप्रैल के धमाकों ने बता दिया है कि इस अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का दायरा किसी भी एक देश तक सीमित नहीं है. ऐसे में अगर सुरक्षा सहयोग की कोई भी व्यवस्था बनती है तो यह सभी के हित में होगी. श्रीलंका इसके लिए भारत के साथ सहयोग करेगा.

ईटीवी से बातचीत करते भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त ऑस्टिन फर्नांडो.

21 अप्रैल को हुए बम धमाकों के बारे में सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि अब देश में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं.

ईटीवी से बातचीत करते भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त ऑस्टिन फर्नांडो.

यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों देशों के पास आतंक का मुकाबला करने के लिए सहयोग करने की कोई योजना है, ऑस्टिन फर्नांडो ने लिट्टे के दिनों में भारत-श्रीलंका सहयोग की याद दिलाई. उन्होंने कहा, 'आतंक का मुकाबला करने में सहायता करने वाले देशों में भारत प्रमुख हितधारकों में से एक है.'

श्रीलंका में मोदी की यह तीसरी यात्रा होगी. इससे पहले, उन्होंने 2015 और 2017 में श्रीलंका की यात्रा की थी.

Intro:For Sri Lanka, Prime Minister Narendra Modi's upcoming visit upholds a lot of significance. Primarily, as he will be the government head from any nation post Easter Sunday serial bombing to visit Ceylon.


Body:Talking exclusively to ETV Bharat, Sri Lankan High Commissioner to India Austin Fernando claimed that PM Modi's visit to Ceylon is equivalent to lifting of the updated travel advisory issued by government of India to its citizens.

Stressing that the condition in his country is returning to normal at a rapid pace, Austin Fernando said that he is in continous touch with Ministry of External Affairs to completely lift the travel advisory.

In the updated travel advisory released by government of India on May 28th it had asked its citizens to remain careful and vigilant during their visit to the island nation.





Conclusion:When asked whether both countries have any plans of collaborating to counter terror, Austin Fernando reminded of the India-Sri Lanka collaboration during LTTE days.

He even pointed towards members of Indian agencies visiting Ceylon. Adding further he said, 'India being one of the major stakeholders in assisting countries to counter terror, collaboration on it can be an important item on the agenda.'

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