वाराणसी: श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी बनारस में रविवार की सुबह बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया. इसके बाद उन्होंने काल भैरव के दरबार में मत्था टेका. कुछ होटल में विश्राम के बाद राजपक्षे बौद्धस्थली सारनाथ पहुंचे. उन्होंने पूरे सारनाथ परिसर का भ्रमण किया और भगवान गौतम बुद्ध की मूर्ति के सामने बैठकर पूजा-अर्चना की.
राजपक्षे ने देश में शांति और भारत-श्रीलंका के रिश्ते को और मजबूत करने की कामना की. पूजा-अर्चना कराने वाले पुजारी ने बताया कि श्रीलंका के प्रधानमंत्री को यह देख कर बड़ी खुशी हुई कि भारत में गौतम बुद्ध से जुड़ी हुई जितनी भी चीजें हैं, वह बेहद ही सुरक्षित और संरक्षित रूप से रखी गई हैं.
श्रीलंकाई प्रधानमंत्री राजपक्षे ने सारनाथ के म्यूजियम में गौतम बुद्ध से जुड़ी सारी चीजों का अवलोकन किया. इसके बाद उन्होंने खुदाई में प्राप्त हुए अशोक स्तंभ और खंडों का जायजा लिया. यहां से वह धम्म स्तूप के पास पहुंचे और काफी देर तक सारी चीजों के बारे में जानकारी लेते दिखे.
राजपक्षे धम्म स्तूप से निकलकर सीधे गौतम बुद्ध मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने पूजन-अर्चन किया और काफी भव्य तरीके से मंदिर में भेंट भी चढ़ाई. मंदिर पर पहुंचे लोगों ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री को सिल्क के दुपट्टे भी पहनाए और उनका भव्य रूप से स्वागत किया.
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श्रीलंकाई प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे जब भगवान बुद्ध के उपदेश स्थली पर पहुंचे, तो वहां भी गौतम बुद्ध से जुड़ी चीजों को देखकर वह बेहद ही उत्साहित और खुश नजर आए. उनका मानना था कि जिस तरीके से भारत में गौतम बुद्ध से जुड़ी हुई चीजों को संरक्षित रखा गया है यह बेहद खास है. कहीं न कहीं पूरे विश्व में शांति हो. इसकी भी कामना श्रीलंकाई प्रधानमंत्री ने की.