लखनऊ: अयोध्या के बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में रविवार को कुल 7 आरोपियों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया, लेकिन इसमें से केवल 6 लोग पहुंचे. 1047 सवालों का जवाब दर्ज होने में लगने वाले समय को ध्यान में रखते हुए अदालत ने पहले दिन विश्व हिंदू परिषद के विजय बहादुर का बयान दर्ज किया है. अन्य लोगों को अगले दिन बुलाया गया है.
इस मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए विनय कटियार, रामविलास वेदांती, पवन पांडे, विजय बहादुर, गांधी यादव व संतोष दुबे आदि अभियुक्त कोर्ट पहुंचे थे.
सीबीआई कोर्ट में दर्ज किए जा रहे अभियुक्तों के बयान
सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में अयोध्या स्थित विवादित ढांचा विध्वंस मामले में बयान दर्ज कराने विनय कटियार सहित अन्य अभियुक्त पहुंचे. लखनऊ की कोर्ट ने सभी अभियुक्तों को हाजिर होने का निर्देश पहले ही जारी कर दिया था. मामले की सुनवाई कर रही विशेष सीबीआई अदालत ने आज बयान दर्ज करने की तारीख तय की थी. वहीं भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और साध्वी ऋतम्भरा की आज पेशी नहीं होगी.
1047 सवालों की है सूची
सीबीआई की विशेष अदालत में सीआरपीसी की धारा 313 के तहत आरोपियों के बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया गुरुवार को शुरू हुई. आरोपियों का बयान हालांकि पहले दर्ज हो चुका है, लेकिन सीबीआई की ओर से जो गवाह पेश किए गए, उनके बयान के आधार पर अदालत में 1047 सवालों की सूची तैयार की गई है. अब इन सवालों के आधार पर आरोपियों के बयान दर्ज किए जाएंगे.
आडवाणी, जोशी समेत 32 लोग हैं आरोपी
इस मामले में कुल 32 आरोपी जीवित हैं, जिनमें पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, चंपत राय, साध्वी ऋतंभरा, साध्वी उमा भारती, बृजभूषण शरण सिंह, जयभान सिंह पवैया, जय भगवान गोयल, रामचंद्र गोयल, रामचंद्र खत्री, आरएन श्रीवास्तव, पवन पांडे और गांधी यादव आदि शामिल हैं.
विगत 28 मई को हुई सुनवाई में सीबीआई कोर्ट ने कहा था कि चार जून को सभी अभियुक्तों के बयान दर्ज किए जाएंगे. कोर्ट ने अभियुक्तों को अदालत में हाजिर होने के निर्देश भी दिए हैं.
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धारा 133 के अंतर्गत होगी पूछताछ
सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में बचाव पक्ष के वकील के. के. मिश्रा ने बताया कि कोर्ट सीआरपीसी की धारा 313 के अंतर्गत आरोपियों से पूर्व में सीबीआई व गवाहों की तरफ से पेश किए गए साक्ष्यों और एविडेंस के आधार पर सवाल जवाब करेगी. जहां तक आडवाणी और अन्य आरोपियों की बात है तो वे लोग इस समय प्रदेश से बाहर हैं और धीरे-धीरे जब सुनवाई की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी तो फिर वे लोग आएंगे और कोर्ट की प्रक्रिया पूरी होगी.
गौरतलब है कि इस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतम्भरा, साक्षी महाराज, राम विलास वेदांती और बृज भूषण शरण सिंह समेत 32 लोग अभियुक्त हैं.
गत 28 मई को सीबीआई कोर्ट के निर्देश के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो के वकील ललित सिंह और आरके यादव ने बताया था कि आडवाणी, जोशी और उमा भारती को अगले आदेश तक अदालत में हाजिर होने से छूट मिली थी.
बचाव पक्ष के वकील ने क्या बताया
बचाव पक्ष के अधिवक्ता केके मिश्रा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि गुरुवार को अदालत में जिन सात आरोपियों को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया था, उनमें पूर्व सांसद विनय कटियार, राम विलास वेदांती, महंत धर्मदास, पूर्व विधायक पवन पांडे, संतोष दुबे, विजय बहादुर और गांधी यादव को पेश होना था. इसमें से महंत धर्मदास अकेले हैं, जो उपस्थित नहीं हुए. सुबह जब अदालत शुरू हुई तो विश्व हिंदू परिषद के विजय बहादुर का बयान दर्ज करना शुरू किया गया.
अधिवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि अदालत की ओर से पहले आरोपियों को लिखित जवाब लाकर जमा करने के लिए कहा गया था, लेकिन अभियोजन पक्ष की ओर से इसका विरोध किया गया. अभियोजन पक्ष ने अदालत में ही बयान दर्ज करने के नियम का हवाला दिया. इसके बाद विश्व हिंदू परिषद के विजय बहादुर सिंह का बयान दर्ज कराया गया.
उन्होंने बताया कि इतने सवाल हैं, जिनका जवाब देने में हर आरोपी को कम से कम 3 दिन लगेंगे. ऐसे में 3 महीने से ज्यादा का वक्त बयान दर्ज करने के लिए चाहिए. अदालत इस पर विचार कर रही है कि समय सीमा को कम किया जाए. इसलिए संभावना है कि शुक्रवार से तीन या चार स्टेनोग्राफर अदालत में मौजूद रहेंगे. इस तरह एक दिन में तीन से चार आरोपियों के बयान दर्ज हो सकेंगे.