गुवाहाटी : असम में लगातार बारिश व बाढ़ के चलते राज्य के 16 जिलों में स्थिति गंभीर हो रही है और ब्रह्मपुत्र नदी के बढ़ते जलस्तर की वजह से 2.5 लाख लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ है. इस बाढ़ में गत 22 मई से अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अधिकारी ने बताया कि बाढ़ ने शुक्रवार शाम तक इन जिलों के 706 गांवों को अपने घेरे में ले लिया था. जिला प्रशासन की ओर से स्थापित 142 राहत शिविरों में 18,000 से अधिक लोगों ने शरण ली है.
अधिकारी ने बताया कि बाढ़ के अलावा इस वर्ष राज्य में भूस्खलन से अब तक 21 लोगों की मौत हुई है.
एएसडीएमए के अधिकारी ने बताया कि धेमाजी, तिनसुकिया, बिश्वनाथ, उदलगुरी, बक्सा, नलबाड़ी, कोकराझार, बारपेटा, नागांव, गोलाघाट, जोरहाट, माजुली, शिवसागर, दरवान, बारपेटा और डिब्रूगढ़ जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. हालांकि धेमाजी, तिनसुकिया, बिश्वनाथ और डिब्रूगढ़ जिलों में अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.
पढ़ें - असम : बाढ़ से काजीरंगा नेशनल पार्क जलमग्न, जानवर दूसरी जगह जाने को मजबूर
उधर डिब्रूगढ़ के डिप्टी कमिश्नर पल्लव गोपाल झा ने मीडिया को बताया, 'बारिश और ब्रह्मपुत्र के बढ़ते जलस्तर के कारण लगभग 25,000 लोग प्रभावित हुए हैं. हमने जिले में 14 राहत शिविर लगाए हैं. भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के घर में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. हमने उनकी बीमार मां को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया है.'
बाढ़ की वजह से खासकर डिब्रूगढ़ में आम जनजीवन ठप हो गया है. शहर की मुख्य सड़कों पर पानी भर गया है. रूपई टी एस्टेट के पास डंगोरी नदी पर बना आरसीसी पुल बह गया है.
पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. इससे 100 गैंडे, 1,500 जंगली भैंसे और अन्य वन्यजीव प्रभावित हुए हैं. उन्हें किसी ऊंची जगह पर ले जाना चुनौती है. लगभग 12,000 हेक्टेयर कृषि भूमि भी बाढ़ के पानी से प्रभावित हुई है.