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हनी ट्रैप मामला: बेंगलुरु से जुड़े तार, मास्टरमाइंड महिला के खिलाफ मिले साक्ष्य

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Published : Oct 3, 2019, 7:56 PM IST

मध्य प्रदेश के चर्चित हनीट्रैप मामले में एसआईटी ने बेंगलुरु की एक कंपनी से दस्तावेज और सबूत जब्त किए हैं. जानकारी के मुताबिक हनीट्रैप के मास्टर मांइड के कहने पर संतोष जैन सारे फोटो और वीडियो को ट्रैक करता था. जानें विस्तार से क्या है मामला...

मध्य प्रदेश का हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले

भोपाल: मध्य प्रदेश के हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले में एसआईटी को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. एसआईटी ने बेंगलुरु की एक निजी सर्विलांस और साइबर सुरक्षा कंपनी से हनीट्रैप मामले से जुड़े अहम दस्तावेज और सबूत भी जब्त किए हैं.

बता दें, इस कंपनी को मास्टर माइंड महिला ने काम दिया था. बताया जा रहा है कि संतोष नाम के व्यक्ति की ये कंपनी केंद्रीय एजेंसियों के लिए भी काम कर चुकी है.

मध्य प्रदेश के हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले में एसआईटी की जांच में यह खुलासा हुआ था कि, ब्यूटी गैंग की मास्टरमाइंड श्वेता विजय जैन ने बेंगलुरु की एक कंपनी को वीडियो और फोटो समेत कॉल डिटेल्स की जानकारी के लिए हायर कर रखा था.

हनीट्रैप मामले में एसआईटी ने बेंगलुरु से जब्त किए अहम दस्तावेज

इसके बाद एसआईटी की टीम बेंगलुरु पहुंची. बेंगलुरु से एसआईटी ने हनी ट्रैप मामले से जुड़े कई अहम दस्तावेज और सबूत जब्त किए हैं.

बताया जा रहा है कि इस कंपनी से जुड़े संतोष नामक व्यक्ति ने अधिकारियों और नेताओं के अलावा उद्योगपतियों के फोन कॉल और चैटिंग को भी ट्रैक करने में महिला की मदद करता था.

इसे भी पढे़ं- हनीट्रैप की पांचों महिला आरोपियों को 14 दिन न्यायिक हिरासत, इंदौर जिला कोर्ट ने दिया आदेश

दरअसल तकनीक की मदद से हनीट्रैप के शिकार लोगों के मैसेजिंग एप से चैट के साथ ही एसएमएस फोटो गैलरी और ईमेल से भी जानकारी चोरी की जाती थी. सुरक्षित माने जाने वाले फोन से भी जानकारी चुराई जाती थी. इतना ही नहीं एसआईटी को इस बात के भी जानकारी मिली है कि यह कंपनी कई केंद्रीय एजेंसियों के लिए भी काम कर चुकी है.

भोपाल: मध्य प्रदेश के हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले में एसआईटी को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. एसआईटी ने बेंगलुरु की एक निजी सर्विलांस और साइबर सुरक्षा कंपनी से हनीट्रैप मामले से जुड़े अहम दस्तावेज और सबूत भी जब्त किए हैं.

बता दें, इस कंपनी को मास्टर माइंड महिला ने काम दिया था. बताया जा रहा है कि संतोष नाम के व्यक्ति की ये कंपनी केंद्रीय एजेंसियों के लिए भी काम कर चुकी है.

मध्य प्रदेश के हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले में एसआईटी की जांच में यह खुलासा हुआ था कि, ब्यूटी गैंग की मास्टरमाइंड श्वेता विजय जैन ने बेंगलुरु की एक कंपनी को वीडियो और फोटो समेत कॉल डिटेल्स की जानकारी के लिए हायर कर रखा था.

हनीट्रैप मामले में एसआईटी ने बेंगलुरु से जब्त किए अहम दस्तावेज

इसके बाद एसआईटी की टीम बेंगलुरु पहुंची. बेंगलुरु से एसआईटी ने हनी ट्रैप मामले से जुड़े कई अहम दस्तावेज और सबूत जब्त किए हैं.

बताया जा रहा है कि इस कंपनी से जुड़े संतोष नामक व्यक्ति ने अधिकारियों और नेताओं के अलावा उद्योगपतियों के फोन कॉल और चैटिंग को भी ट्रैक करने में महिला की मदद करता था.

इसे भी पढे़ं- हनीट्रैप की पांचों महिला आरोपियों को 14 दिन न्यायिक हिरासत, इंदौर जिला कोर्ट ने दिया आदेश

दरअसल तकनीक की मदद से हनीट्रैप के शिकार लोगों के मैसेजिंग एप से चैट के साथ ही एसएमएस फोटो गैलरी और ईमेल से भी जानकारी चोरी की जाती थी. सुरक्षित माने जाने वाले फोन से भी जानकारी चुराई जाती थी. इतना ही नहीं एसआईटी को इस बात के भी जानकारी मिली है कि यह कंपनी कई केंद्रीय एजेंसियों के लिए भी काम कर चुकी है.

Intro:भोपाल- मध्य प्रदेश के हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले में एसआईटी को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसआईटी ने बेंगलुरु की एक निजी सर्विलांस और साइबर सुरक्षा कंपनी से हनीट्रैप मामले से जुड़े अहम दस्तावेज और सबूत जब्त किए हैं। इस कंपनी को मास्टर माइंड श्वेता विजय जैन ने काम दिया था। बताया जा रहा है कि, संतोष नामक व्यक्ति की ये कंपनी केंद्रीय एजेंसियों के लिए भी काम कर चुकी है।


Body:मध्य प्रदेश के हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले में एसआईटी की जांच में यह खुलासा हुआ था कि, ब्यूटी गैंग की मास्टरमाइंड श्वेता विजय जैन ने बेंगलुरु की एक कंपनी को वीडियो और फोटो समेत कॉल डिटेल्स की जानकारी के लिए हायर कर रखा था। जिसके बाद एसआईटी की टीम बेंगलुरु पहुंची। बताया जा रहा है कि बेंगलुरु से एसआईटी ने हनी ट्रैप मामले से जुड़े कई अहम दस्तावेज और सबूत जप्त किए हैं। मास्टरमाइंड श्वेता जैन ने बेंगलुरु की इस निजी सर्विलांस और साइबर सुरक्षा कंपनी को हनीट्रेप से जुड़े वीडियो, फोटो और दस्तावेज सुरक्षित रखने का काम दिया था। बताया जा रहा है कि, श्वेता जैन ने इस कंपनी से जुड़े संतोष नामक व्यक्ति को पूरा जिम्मा सौप रखा था।


Conclusion:बताया जा रहा है कि इस कंपनी से जुड़े संतोष नामक व्यक्ति ने अधिकारियों और नेताओं के अलावा उद्योगपतियों के फोन कॉल और चैटिंग को भी ट्रैक करने में श्वेता की मदद की थी। तकनीक की मदद से हनीट्रैप के शिकार लोगों के मैसेजिंग एप से चैट के साथ ही एसएमएस फोटो गैलरी और ईमेल से भी जानकारी चोरी की जाती थी। सुरक्षित माना जाने वाले फोन से भी जानकारी चुराई गई है। इतना ही नहीं एसआईटी को इस बात के भी जानकारी मिली हैं कि यह कंपनी कई केंद्रीय एजेंसियों के लिए भी काम कर चुकी है।
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