सिरसा : कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन लागू है. इस बीच हरियाणा में किसान अपनी गेहूं की फसल को काट रहा है और उसे बेचने के लिए अनाज को मंडियों में लाया जा रहा है. वहीं प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश भी रही है, जिससे प्रदेश की कई मंडियों में गेहूं बुरी तरह से भीगा है. इसी के मद्देनजर ईटीवी भारत की टीम मंडियों में किए गए इंतजाम और वहां हो रहे काम काज का जायजा ले रही है. इसी सिलसिले में हमारी टीम सिरसा के भगत सिंह स्टेडियम में बनाए गए खरीद केंद्र में पहुंची.
नहीं हो रहा गेहूं का उठान
खरीद केंद्र में गेहूं खरीद को लेकर पूरे इंतजाम है. कोरोना वायरस और लॉकडाउन के मद्देजनर गेहूं की बोरियों को सैनिटाइज भी किया जा रहा है. किसानों का कहना है कि यहां गेहूं की बिक्री हाथों हाथ हो रही है, लेकिन गेहूं का उठान ना होने की वजह से गेहूं से भरी बोरियां खुले आसमान के नीचे पड़ी हुई है और दूसरे किसानों को यहां अपनी फसल आने में दिक्कत होने लगी है. उन्होंने कहा कि अगर बारिश आती है तो खुले आसमान में पड़ी गेहूं की सारी बोरियां भीग जाएगी और किसान को भारी नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि स्टेडियम में गेहूं को बारिश से बचाने के लिए प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किया है. बारिश आने से उनकी गेहूं की फसल भीग जाएगी तो आढ़ती भी खरीदने से मना कर देंगे.
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मार्केट कमेटी की लापरवाही से पड़ा है गेहूं
वहीं आढ़तियों का भी कहना है कि गेहूं का उठान नहीं हो रहा है. उपायुक्त और एसडीएम आकर निर्देश दे जाते हैं कि गेहूं का उठान जल्द से जल्द करवाया जाए. लेकिन मार्केट कमेटी के कर्मचारी यहां से गेहूं का उठान नहीं कर रहे हैं और ना ही उन्हें अपनी पर्सनल गाड़ी का इस्तेमाल करने की इजाजत दे रहे हैं. आढ़तियों का कहना है कि अगर बारिश आ जाए तो उनका खरीदा गेहूं खराब हो जाएगा. आढ़ती प्रशासन से जल्द से जल्द बोरियों का उठान कराने की मांग कर रहे हैं.
बारिश से भारी नुकसान होने की आशंका
सिरसा जिले में अब तक करीब 1 लाख 59 हजार 651 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हो चुकी है. जिले में कुल 186 और सिरसा शहर में कुल 66 केंद्र गेहू खरीद के लिए बनाये गए हैं. जिसमें से कई खरीद केंद्रों पर सेड नहीं है और किसानों की फसल खुले आसमान में पड़ी हुई है. ऐसे में अगर बारिश आ जाए तो किसानों और आढ़तियों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. किसानों और आढ़तियों का कहना है कि गेहूं को बारिश से बचाने के लिए एक ही तरीका है कि यहां से फसल का उठान जल्द से जल्द किया जाए और उसे सुरक्षित जगह पर स्टोर किया जाए.