पटना : देश की पुरानी कहावत 'एक चित्र हजार शब्दों के बराबर' की तर्ज पर हमेशा से चित्रकार समसामयिक मुद्दों को उठाते रहे हैं. इसी क्रम में दुनिया पर काली छाया की तरह मंडरा रहे कोरोना महामारी पर पद्मश्री श्याम शर्मा ने विशाल 'चोंच वाली लाल चिड़िया' नाम की एक पेंटिंग बनाई है. मामले में चित्रकार ने बताया कि उन्होंने कोरोना संक्रमण पर एक ड्राइंग शृंखला बनाई है.
पटना आर्ट कॉलेज में लगाई जाएगी प्रदर्शनी
श्याम शर्मा ने 'कोरोना संक्रमण' पर ड्राइंग शृंखला 'चोंच वाली लाल चिड़िया' शीर्षक से छह बड़े आकार की ड्राइंग बनाई है. जिसमें पांच श्वेत-श्याम और एक रंगीन ड्राइंग है. साथ ही वu अभी छोटे आकार के 16 चित्रों को फाइनल टच देने में जुटे हैं.
उन्होंने बताया कि समय अनुकूल होते ही पटना आर्ट कॉलेज में इसकी प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी.
इंसान के वैचारिक विकास का माध्यम
कोरोना पर ड्राइंग शृंखला को लेकर पटना आर्ट कॉलेज के प्राचार्य पद से अवकाश प्राप्त 79 वर्षीय चित्रकार शर्मा को रोजाना छह से आठ घंटे काम करने पड़े. मौके पर उन्होंने बड़े ही बेबाकी से कहा कि चीन की लम्बी चोंच वाली लाल चिड़िया बहुत खतरनाक है.
मास्क लपेटे आदमी, स्ट्रेचर पर लेटे आदमी, मौत की गिरफ्त, दहशत में लोग, चाहते तो ये सब आसानी से बना देते. लेकिन कला केवल मनोरंजन नहीं है, यह ज्ञानार्जन और इंसान के वैचारिक विकास का माध्यम भी है.
संक्रमण का एक प्रतीक
गौरतलब है कि विश्व के मशहूर चित्रकार पाब्लो पिकासो ने द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद जो चित्र बनाया. वह आज भी लोगों के जेहन में है. उन्होंने अपने चित्र का नाम दिया था ब्लैक कैट. ठीक उसी प्रकार आज कोरोना से पूरा विश्व जूझ रहा है. ऐसी स्थिति में श्याम शर्मा ने जो सीरीज बनायी है. उन्होंने अपनी कलाकृतियों में 'भाग कोरोना भाग' और 'लाल चोंच वाली विशाल चिड़िया' को संक्रमण का एक प्रतीक बनाया है.
वहीं दूसरी तरफ बिहार के पश्चिम चंपारण भी कोरोना महामारी से ग्रसित है. वहां भी पेंटिंग के माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलाया जा रहा है. जिले का एक चित्रकार अपनी कला का सदुपयोग समाज के लोगों को जागरूक करने में कर रहा है. वह गांव और शहरों में अपने कार्टून और पेंटिंग्स के जरिए लोगों को कोरोना से बचने का संदेश दे रहा है.
पेंटर बना कोरोना योद्धा
बगहा के रतनमाला अंतर्गत वार्ड नं-35 के रहने वाले नंदकिशोर पेंटर ने लॉकडाउन में अपनी सकारात्मक पेंटिंग्स के जरिए कोरोना से बचाव के उपाय बताए. दरअसल पटना कला एवं शिल्प महाविद्यालय से पेंटिंग की डिग्री ले चुके नंदकिशोर साहनी समाज को सकारात्मक संदेश देने के लिए गांव और शहर की दीवारों पर पेंटिंग्स और कार्टून बना रहे हैं.
सकारात्मक संदेश देती पेंटिंग
लॉकडाउन में रोजगार पर अंकुश लग गया तो पेंटर नंदकिशोर ने अपनी पेंटिंग्स को समाज को संदेश देने का जरिया बना लिया. नंदकिशोर अब तक दर्जनों गांव और शहरों की दीवारों पर अपनी सकारात्मक पेंटिंग्स के जरिए कोरोना से बचने की तमाम सावधानियों को दीवारों पर उकेर चुके हैं.
हर व्यक्ति कोरोना योद्धा
नंदकिशोर ने बताया कि इस महामारी के दौर में हर वह व्यक्ति कोरोना योद्धा है, जो समाज में लोगों को किसी न किसी माध्यम से जागरूक कर रहा है. उनका कहना है कि इस संकट की घड़ी में कोई भी व्यक्ति पैनिक न हो, इसलिए अपने पेंटिंग्स से वह लोगों को जागरूक कर रहे हैं.
हर तरफ हो रही सराहना
पेंटर नंदकिशोर की इन पेंटिंग्स की चारों तरफ सराहना हो रही है. ग्रामीणों ने बताया कि इन पेंटिंग्स में लिखे संदेशों का उन पर असर पड़ रहा है और लोग इसका अनुसरण भी कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि इन संदेशों का ही असर है कि गांव सुरक्षित है और अब तक यहां कोई कोरोना संक्रमित नहीं मिला है. बता दें कि पाश्चिम चम्पारण में अब तक एक भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला है.