नई दिल्ली : शिवसेना सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) विरोध पर भाजपा का साथ दिया है. उन्होंने कहा है कि सीएए-एनसीआर पर कुछ लोग बिना पढ़े-जानें इसका विरोध कर रहे है. इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में कानून का विरोध करने का, समर्थन करने का अधिकार है. जिसको जो चाहे करे, लेकिन इससे देश का बंटवारा ना हो.
बता दें कि देशभर में तमाम पार्टियां वैचारिक कारण बताकर सीएए-एनसीआर का विरोध कर रही हैं. इससे इतर महाराष्ट्र में सत्तारुढ़ दल शिवसेना अपनी विचारधारा से ठीक उलट कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन की सरकार चला रही है.
शरजील पर की गई कार्रवाई को लेकर 'सामना' में केंद्र सरकार की प्रशंसा की गई थी. ज्ञात हो कि 'सामना' शिवसेना का मुखपत्र है. देश में चल रहे राजनैतिक उठापटक से जुड़े विषयों पर शिवसेना सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने ईटीवी भारत से बातचीत की.
वहीं सीएए-एनसीआर के विरोध पर शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने स्पष्ट जबाव दिया. सावंत ने कहा कि संसद में भले ही तमाम विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार की सीएए और एनपीआर का विरोध कर रही है, लेकिन हमारी अपनी विचारधारा है और शिवसेना इसका विरोध नहीं करेगी. सीएए का विरोध करने वाले दलों के साथ महाराष्ट्र में गठबंधन पर सावंत ने कहा कि हम न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत कांग्रेस, एनसीपी के साथ सरकार बनाए हैं.
वर्तमान में शाहीन बाग जैसे ज्वलंत मुद्दे से जुड़े एक सवाल पर शिवसेना सांसद ने कहा कि दिल्ली की जनता चुनाव में तय करेगी की क्या सच है और क्या झूठ है.
हालिया देश में उत्पन्न माहौल पर सावंत ने कहा कि देश में कुछ लोग चाहते है कि देश में दंगा फैले. हालांकि उन्होंने इस दौरान किसी भी दल का नाम लेने से साफ इंकार कर दिया.
शाहीन बाग प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि संविधान धरना करने का अधिकार देता है लेकिन उसका दुरुपयोग नहीं करें.
इसे भी पढ़ें- कांग्रेस, एनसीपी के सामने झुक गई है शिवसेना : रामदास अठावले
क्या शिवसेना का स्टैंड भाजपा के लिए फिर से सॉफ्ट हो रहा है इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सॉफ्ट होने का सवाल ही नहीं है. शिवसेना कभी भी सॉफ्ट विचारधारा वाली पार्टी नहीं रही है. वह तो केंद्र में भाजपा के साथ रहकर भी विरोध किया करती थी. हां यह जरूर है कि जब बात राष्ट्रवाद कि या फिर हिंदुत्व की हो, इन तमाम मुद्दों पर शिवसेना की विचारधारा एक है. यह विचारधार बाला साहब ठाकरे के समय से चला आ रहा है.
बता दें कि शिवसेना ने सीएए पर संसद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का लोकसभा में साथ दिया और राज्यसभा में वॉकआउट कर गई थी.