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दिल्ली चुनाव में हार पीएम मोदी-नड्डा की नहीं, अमित शाह की विफलता है : शिवसेना

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Published : Feb 12, 2020, 6:31 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 2:54 AM IST

दिल्ली में विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद शिवसेना ने कहा कि दिल्ली में आप की 'काम की राजनीति' भाजपा के ध्रुवीकरण के प्रयासों पर भारी पड़ गई. नागरिकता कानून लाए जाने के बाद हुए चुनाव के नतीजों को शिवसेना ने अमित शाह की विफलता बताया है.

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फाइल फोटो

मुंबई : शिवसेना ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को निशाने पर लिया. शिवसेना ने कहा कि दिल्ली में बीजेपी का खराब प्रदर्शन पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा या नरेंद्र मोदी की हार नहीं, बल्कि अमित शाह की हार है.

पार्टी ने अपने मुखपत्र 'सामना' के एक संपादकीय में कहा, 'यह असाधारण है क्योंकि भारत में चुनाव आम तौर पर भावनात्मक मुद्दों पर लड़े जाते हैं.'

पार्टी ने कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी विमर्श को सीएए, 'हिंदू-मुस्लिम' और शाहीन बाग को मुस्लिमों का आंदोलन बताने जैसे मुद्दों पर केंद्रित रखा लेकिन मतदाता ऐसे 'ध्रुवीकरण' के चक्कर में नहीं पड़े और केजरीवाल के पक्ष में मतदान किया.

शिवसेना ने केजरीवाल को जीत की बधाई देते हुए कहा, 'भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने सांसदों, विधायकों और पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की पूरी फौज के साथ उतरी थी, लेकिन केजरीवाल अकेले उनपर भारी पड़ गए. यह घमंड की और उस रवैये, कि 'हम करें सो कायदा' , की हार है.'

मराठी दैनिक ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद शाह अपनी पार्टी के लिए एक जीत चाहते थे, जो लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद एक एक कर राज्य विधानसभा चुनाव हार रही है.

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फाइल फोटो

शिवसेना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय नेताओं समेत 'भाजपा नेताओं की सेना' का अकेले मुकाबला किया और शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी सरकार द्वारा किए गए कार्यों को सफलतापूर्वक पेश किया.

संपादकीय में कहा गया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव हारना और देश की वित्तीय राजधानी (महाराष्ट्र) में शिवसेना का मुख्यमंत्री बनना केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लिए 'बेहद दुखी करने वाला' होगा जो राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद भाजपा की कम से कम एक जीत को तरस रहे थे.

महाराष्ट्र सरकार का निर्णय - दफ्तरों में पांच दिन कार्य, कॉलेजों में राष्ट्रगान अनिवार्य

मंगलवार को केजरीवाल नीत आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक बार फिर शानदार जीत हासिल की. संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में जारी प्रदर्शनों के बीच इस मुकाबले पर सबकी नजर थी, जहां आप ने मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा को जबर्दस्त झटका दिया और कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया कर दिया.

संपादकीय में दावा किया गया कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था का केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आना भी आप के लिए लाभकारी रहा.

मुंबई : शिवसेना ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को निशाने पर लिया. शिवसेना ने कहा कि दिल्ली में बीजेपी का खराब प्रदर्शन पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा या नरेंद्र मोदी की हार नहीं, बल्कि अमित शाह की हार है.

पार्टी ने अपने मुखपत्र 'सामना' के एक संपादकीय में कहा, 'यह असाधारण है क्योंकि भारत में चुनाव आम तौर पर भावनात्मक मुद्दों पर लड़े जाते हैं.'

पार्टी ने कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी विमर्श को सीएए, 'हिंदू-मुस्लिम' और शाहीन बाग को मुस्लिमों का आंदोलन बताने जैसे मुद्दों पर केंद्रित रखा लेकिन मतदाता ऐसे 'ध्रुवीकरण' के चक्कर में नहीं पड़े और केजरीवाल के पक्ष में मतदान किया.

शिवसेना ने केजरीवाल को जीत की बधाई देते हुए कहा, 'भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने सांसदों, विधायकों और पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की पूरी फौज के साथ उतरी थी, लेकिन केजरीवाल अकेले उनपर भारी पड़ गए. यह घमंड की और उस रवैये, कि 'हम करें सो कायदा' , की हार है.'

मराठी दैनिक ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद शाह अपनी पार्टी के लिए एक जीत चाहते थे, जो लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद एक एक कर राज्य विधानसभा चुनाव हार रही है.

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फाइल फोटो

शिवसेना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय नेताओं समेत 'भाजपा नेताओं की सेना' का अकेले मुकाबला किया और शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी सरकार द्वारा किए गए कार्यों को सफलतापूर्वक पेश किया.

संपादकीय में कहा गया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव हारना और देश की वित्तीय राजधानी (महाराष्ट्र) में शिवसेना का मुख्यमंत्री बनना केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लिए 'बेहद दुखी करने वाला' होगा जो राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद भाजपा की कम से कम एक जीत को तरस रहे थे.

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मंगलवार को केजरीवाल नीत आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक बार फिर शानदार जीत हासिल की. संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में जारी प्रदर्शनों के बीच इस मुकाबले पर सबकी नजर थी, जहां आप ने मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा को जबर्दस्त झटका दिया और कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया कर दिया.

संपादकीय में दावा किया गया कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था का केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आना भी आप के लिए लाभकारी रहा.

Last Updated : Mar 1, 2020, 2:54 AM IST
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