नई दिल्लीः आगामी 3 अक्टूबर से बांग्लादेश की प्रमुख शेख हसीना की भारत की यात्रा प्रारंभ होगी और वह 6 अक्टूबर तक भारत में रहेंगी. इस दौरान दोनों पड़ोसी देशों के कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने की संभावना है.
सरकार के सूत्रों ने शुक्रवार को ईटीवी भारत को बताया कि भारत अवैध बांग्लादेशियों के मुद्दे के साथ-साथ पूर्वी क्षेत्र में सीमा पर बाड़ लगाने के मुद्दों को भी उठा सकता है.
बता दें, बांग्लादेश सरकार ने बयान दिया था कि अगर वह किसी व्यक्ति के किसी भी दस्तावेज को प्रदान कर सकते हैं तो वह उस व्यक्ति को वापस ले लेंगे. साथ ही भारत द्वारा 31 अगस्त को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की अंतिम सूची प्रकाशित किए जाने के बाद, बांग्लादेश ने कहा था कि 'यह भारत का आंतरिक मामला था'.
असम में अंतिम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) सूची प्रकाशित होने के बाद पहली बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री भारत आ रही हैं. उनकी इस यात्रा के दौरान भारत बांग्लादेश के प्रतिनिधिमंडल के साथ अवैध प्रवासियों के मुद्दे को उठाने की कोशिश करेगा.
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अगस्त में बांग्लादेश का दौरा किया था. जयशंकर ने अपने बांग्लादेश के समकक्ष एके अब्दुल मोमन के साथ बातचीत की थी. खबरों के अनुसार उन्होंने हसीना की यात्रा के संबंध में तैयारीयों को लेकर चर्चा भी की थी.
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गौरतलब है, हसीना की यात्रा के दौरान दिल्ली और ढाका के बीच कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है. मुलाकात में तीस्ता जल बंटवारे को लेकर भी चर्चा हो सकती है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा किए गए विरोध के कारण तीस्ता जल बंटवारे के मुद्दे को हल नहीं किया जा सका. मुख्यमंत्री ममता का मानना है, अगर भारत बांग्लादेश के साथ तीसाट नदी का पानी साझा करता है, तो उनके राज्य के कई जिले सूख जाएंगे.
वरिष्ठ पत्रकार सीके नायक ने इसपर ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा, भारत और बांग्लादेश के बीच बहुत ही सामयिक संबंध हैं और शेख हसीना की यात्रा से संबंध और मजबूत होंगे. भारत अवैध बांग्लादेशियों का मुद्दा उठा सकता है. भारत तीस्ता जल मुद्दे को सुलझाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहरा सकता है.