हैदराबाद : कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने रविवार को दावा किया कि पीवी नरसिम्हा राव सरकार उचित, सुलहपूर्ण और सबको साथ लेकर चलने के नजरिए की वजह से पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते बरकरार रखने में सफल थी, जबकि मौजूदा भाजपा सरकार इस क्षेत्र में विफल है.
कांग्रेस की तेलंगाना इकाई द्वारा 'भारत की विदेश नीति- पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव' विषय पर आयोजित एक चर्चा में थरूर ने राव को मरणोपरांत 'भारत रत्न' दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि दिवंगत नेता 'भारत के वास्तविक रत्न' थे.
राव की विदेश नीति और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विदेश नीति को संभालने से जुड़े सवाल पर थरूर ने आरोप लगाया, 'आज चीजें खराब हैं तो इसका कारण है, पहला- एक विभाजक, विचारधारा से प्रेरित और अभिमानी राजनीति, जिस पर हमारे पड़ोसी भी ध्यान देते हैं.'
उन्होंने कहा, 'दूसरा, हमारे देश के मौजूदा नेतृत्व के अहंकार और नरसिम्हा राव के शांत, विनम्र व समझदारी भरे दृष्टिकोण के बीच व्यक्तित्व का व्यापक अंतर है.'
तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा कि नरसिम्हा राव व्यवहारिक थे और चाहते थे कि 'चीजों में बदलाव' ऐसे हो कि बदलाव नजर न आए.
उन्होंने कहा, 'नरसिम्हा राव व्यवहारिक थे. आपने उनका कोई ऐसा भाषण नहीं सुना होगा जिसमें वह कह रहे हों कि हमारी पुरानी सभी विदेश नीति खराब थी और मैं सब कुछ बदल रहा हूं. उन्होंने ऐसा दिखाया जैसा कि सब कुछ पहले की तरह ही चल रहा हो, लेकिन इसके साथ ही साथ उन्होंने मूलभूत बदलाव किए.'
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थरूर के मुताबिक नरसिम्हा राव पड़ोसियों के साथ जुड़ने की कला जानते थे, उन्हें दिखाते थे कि भारत उनसे जितना लेगा उससे कहीं ज्यादा उन्हें देगा, जबकि मौजूदा सरकार में ऐसा नहीं है.
थरूर ने कहा, 'उदाहरण के लिए, नेपाल के साथ (वहां के) संविधान को लेकर टकराव में ऐसा लगा कि नेपाल जितना दे सकता है भारत उससे कहीं ज्यादा पड़ोसी देश से मांग रहा है. किसी बड़े देश का पड़ोसी छोटे देश के साथ ऐसा रुख नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'हमें व्यवहारिक, सुलहपूर्ण और सबको साथ लेकर चलने के लिए दायरा व्यापक करना होगा. दुखद है, मौजूदा सरकार यहां विफल है जहां नरसिम्हा राव सफल थे.'