नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में बीते दिनों हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा सामाजिक कार्यकर्ताओं पर की गई बर्बरता के खिलाफ बुधवार को यहां कई राजनीतिक दल एकजुट हुए और उन्होंने जबरन गिरफ्तार किए गए लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की.
लोकतांत्रिक जनता दल के सुप्रीमो और पूर्व सांसद शरद यादव ने इस दौरान कहा कि देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद इतने बुरे हालात हो गए हैं, जितना इमरजेंसी के समय भी नहीं थे. लोग आज जितने परेशान हैं, वे उस दौर में भी नहीं हुए थे.
इमरजेंसी के दौरान अपने निजी अनुभव को मीडिया से शेयर करते हुए यादव ने कहा, 'इंदिरा गांधी के शासन काल में जो आपात काल लागू किया गया था, उसमें राजनेताओं को बंद किया गया था, नेताओं की आवाज दबाई गई थी, मै भी उस दौरान जेल में बंद था, लेकिन आम जनता को कोई परेशानी नहीं थी.'
शरद यादव ने आज के हालात पर कहा, 'आज तो जो जेल से बाहर है, वह भी तंग व परेशान हाल है और जो जेल में डाले जा रहे हैं, उनकी हालत तो और भी बुरी है. जेल से बाहर आए लोग जो अनुभव बता रहे हैं, वह चौकाने वाला है.'
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राजनीतिक दलों के इस प्रदर्शन में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई नेता डी. राजा, वृंदा करात, 77 वर्षीय रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एस.आर. दारापुरी, सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस नेत्री सदफ जफर व एक्टिविस्ट दीपक कबीर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे. इनमें दारापुरी, सदफ जफर व दीपक कबीर को सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था.