नई दिल्ली : लीबिया में पिछले महीने अपहृत सात भारतीयों को रिहा कर दिया गया है. यह जानकारी सोमवार को विदेश मंत्रालय ने दी. यह सभी आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात और उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे.
भारतीय नागरिकों को 14 सितंबर को अश्वेरिफ से तब अपहृत कर लिया गया था, जब वे भारत लौटने के लिए त्रिपोली हवाई अड्डे की तरफ जा रहे थे.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमें यह सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि लीबिया के अश्वेरिफ में 14 सितंबर को अपहृत सात भारतीय नागरिकों को कल रिहा कर दिया गया.
मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पिछले हफ्ते कहा था कि ये भारतीय निर्माण और तेल आपूर्ति कंपनियों में काम कर रहे थे.
मंत्रालय ने कहा कि अपहर्ताओं द्वारा उन्हें अल शोहा अल मुदिया कंपनी को सौंपे जाने के बाद ट्यूनीशिया में भारत के राजदूत पुनीत रॉय कुंडल ने उनसे फोन पर बात की थी. सभी का स्वास्थ्य अच्छा है और वर्तमान में वह कंपनी के ब्रेगा स्थित परिसर में ठहरे हुए हैं. हम उनके भारत लौटने के लिए औपचारिकताएं पूरी करने का प्रयास कर रहे हैं.
अपहरण के बाद ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास ने लीबिया सरकार के अधिकारियों और वहां मौजूद अंतरराष्ट्रीय संगठनों से संपर्क किया. उन्होंने भारतीय नागरिकों की रिहाई में मदद की अपील की थी.
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ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास लीबिया में भारतीय नागरिकों के कल्याण से जुड़े मामलों को देखता है. उत्तर अफ्रीका के तेल समृद्ध राष्ट्र लीबिया में 2011 में मुअम्मर कज्जाफी की सरकार के पतन के बाद से व्यापक हिंसा और अशांति फैली हुई है.
मंत्रालय ने कहा कि हम लीबिया के अधिकारियों और क्षेत्र के कबायली नेताओं को धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने हमारे नागरिकों की सुरक्षित रिहाई में मदद की.
बता दें कि, भारतीय नागरिकों की लीबिया यात्रा मई 2016 से ही सुरक्षा स्थिति के कारण प्रतिबंधित है. भारत सरकार ने सितंबर 2015 में वहां की सुरक्षा स्थिति के कारण भारतीय नागरिकों को लीबिया की यात्रा करने से बचने का परामर्श जारी किया था.