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जानिए कितने भागों में बंटा हुआ है भारत का संविधान - भारत का संविधान

26 नवम्बर 1949 यानी वह दिन, जब भारत ने अंग्रेजों की गुलामी से आजाद होने के बाद वर्षों से लागू अंग्रेजी कानून की बेड़ियां तोड़ कर अपना संविधान बनाया और अपनी सम्प्रभुता कायम की. 29 अगस्त 1947 को डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में ड्रॉफ्ट कमिटी का गठन किया गया, जिसका मकसद भारत की जनता के लिए संविधान बनाना था. इस कमिटी ने 26 नवम्बर 1949 को भारत को संविधान समर्पित किया, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया.

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Published : Nov 26, 2019, 7:21 AM IST

Updated : Nov 26, 2019, 5:12 PM IST

नई दिल्ली : 26 नवम्बर 1949 यानी वह दिन, जब भारत ने अंग्रेजों की गुलामी से आजाद होने के बाद वर्षों से लागू अंग्रेजी कानून की बेड़ियां तोड़ कर अपना संविधान बनाया और अपनी सम्प्रभुता कायम की. 29 अगस्त 1947 को डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में ड्रॉफ्ट कमिटी का गठन किया गया, जिसका मकसद भारत की जनता के लिए संविधान बनाना था. इस कमिटी ने 26 नवम्बर 1949 को भारत को संविधान समर्पित किया, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया.

मूल रूप से संविधान में 395 अनुच्छेद शामिल हैं, जिनकी संख्या फिलहाल 448 हो गयी है, जबकि संविधान की 8 अनुसूचियों की तादाद अब बढ़कर 12 हो गयी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
  • भारतीय संविधान का पहला भाग राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित है. इसमें राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नाम और उनके क्षेत्रफल की व्याख्या की गई है.
  • दूसरे भाग में नागरिकता और नागरिकता की अधिकारों की व्याख्या
  • तीसरे भाग में मौलिक अधिकार से संबंधित है. इसमें लोगों के मौलिक अधिकारों की बात की गई है.
  • चौथे भाग में राज्य की नीति, निर्देश और लोक कल्याण प्रावधान पर आधारित है.
  • पांचवें भाग में संघ की कार्यपालिका, राष्ट्रपति का निर्वाचन न्युक्ति पर आधारित
  • छठे और सातवें भाग में राज्यपाल , राज्यपाल का निर्वाचन, अवधि और राज्य की कार्यपालिका का जिक्र और राज्य के प्रशासन आदि के प्रवाधान शामिल है
  • आठवां भाग में केंद्र और राज्य क्षेत्र का वर्णन किया गया है
  • नौवें भाग में पंचायत, टैक्स और नगरपालिका संबंधी प्रावधान है
  • दसवां भाग अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति क्षेत्र का वर्णन करता है.
  • 11वें भाग में राज्य और केंद्र के संबंधों की व्याख्या की गयी है, और उनके कार्यों के दायरे से जुड़ें प्रावधान शामिल किए गए हैं.
  • 12वें भाग में वित्त, सम्पत्ति, अनुबंध और सूट का जिक्र किया गया है.
  • 13वां भाग भारत में व्यापार, समागम की स्वत्रंता और वाणजिय की व्याख्या करता है.
  • 14वां भाग केंद्र और राज्य के तहत आने वालीं विभिन्न प्रशासनिक सेवाओं का वर्णन करता है.
  • 15वें भाग में चुनाव और निर्वाचन संबधी कार्यों का जिक्र किया गया है.
  • 16वां भाग कुछ विशेष वर्गों से संबधित है. इसमें आरक्षण आदि का जिक्र है.
  • 17वें भाग में राजभाषा, आधिकारिक भाषा और क्षेत्रीयभाषा का वर्णन किया गया है.
  • 18वें भाग में आपातकाल से संबंधी प्रावधानों का जिक्र किया गया है.
  • 19वें भाग में कई चीजें मिश्रित हैं. यह राष्ट्रपति और राज्यपाल से लेकर विभिन्न पदों की नियुक्तियों और अयोग्यता से जुड़ा है.
  • 20वें भाग में संविधान में संशोधन की प्रक्रिया और संसद की शक्तियों की व्याख्या की गई है.
  • 21वें भाग में अस्थायी और विशेष प्रावधान का जिक्र किया गया है.
  • 22वें भाग में कानून को हटाने या किसी कानून को निरस्त करने से संबंधित व्याख्या है.

नई दिल्ली : 26 नवम्बर 1949 यानी वह दिन, जब भारत ने अंग्रेजों की गुलामी से आजाद होने के बाद वर्षों से लागू अंग्रेजी कानून की बेड़ियां तोड़ कर अपना संविधान बनाया और अपनी सम्प्रभुता कायम की. 29 अगस्त 1947 को डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में ड्रॉफ्ट कमिटी का गठन किया गया, जिसका मकसद भारत की जनता के लिए संविधान बनाना था. इस कमिटी ने 26 नवम्बर 1949 को भारत को संविधान समर्पित किया, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया.

मूल रूप से संविधान में 395 अनुच्छेद शामिल हैं, जिनकी संख्या फिलहाल 448 हो गयी है, जबकि संविधान की 8 अनुसूचियों की तादाद अब बढ़कर 12 हो गयी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
  • भारतीय संविधान का पहला भाग राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित है. इसमें राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नाम और उनके क्षेत्रफल की व्याख्या की गई है.
  • दूसरे भाग में नागरिकता और नागरिकता की अधिकारों की व्याख्या
  • तीसरे भाग में मौलिक अधिकार से संबंधित है. इसमें लोगों के मौलिक अधिकारों की बात की गई है.
  • चौथे भाग में राज्य की नीति, निर्देश और लोक कल्याण प्रावधान पर आधारित है.
  • पांचवें भाग में संघ की कार्यपालिका, राष्ट्रपति का निर्वाचन न्युक्ति पर आधारित
  • छठे और सातवें भाग में राज्यपाल , राज्यपाल का निर्वाचन, अवधि और राज्य की कार्यपालिका का जिक्र और राज्य के प्रशासन आदि के प्रवाधान शामिल है
  • आठवां भाग में केंद्र और राज्य क्षेत्र का वर्णन किया गया है
  • नौवें भाग में पंचायत, टैक्स और नगरपालिका संबंधी प्रावधान है
  • दसवां भाग अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति क्षेत्र का वर्णन करता है.
  • 11वें भाग में राज्य और केंद्र के संबंधों की व्याख्या की गयी है, और उनके कार्यों के दायरे से जुड़ें प्रावधान शामिल किए गए हैं.
  • 12वें भाग में वित्त, सम्पत्ति, अनुबंध और सूट का जिक्र किया गया है.
  • 13वां भाग भारत में व्यापार, समागम की स्वत्रंता और वाणजिय की व्याख्या करता है.
  • 14वां भाग केंद्र और राज्य के तहत आने वालीं विभिन्न प्रशासनिक सेवाओं का वर्णन करता है.
  • 15वें भाग में चुनाव और निर्वाचन संबधी कार्यों का जिक्र किया गया है.
  • 16वां भाग कुछ विशेष वर्गों से संबधित है. इसमें आरक्षण आदि का जिक्र है.
  • 17वें भाग में राजभाषा, आधिकारिक भाषा और क्षेत्रीयभाषा का वर्णन किया गया है.
  • 18वें भाग में आपातकाल से संबंधी प्रावधानों का जिक्र किया गया है.
  • 19वें भाग में कई चीजें मिश्रित हैं. यह राष्ट्रपति और राज्यपाल से लेकर विभिन्न पदों की नियुक्तियों और अयोग्यता से जुड़ा है.
  • 20वें भाग में संविधान में संशोधन की प्रक्रिया और संसद की शक्तियों की व्याख्या की गई है.
  • 21वें भाग में अस्थायी और विशेष प्रावधान का जिक्र किया गया है.
  • 22वें भाग में कानून को हटाने या किसी कानून को निरस्त करने से संबंधित व्याख्या है.
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Last Updated : Nov 26, 2019, 5:12 PM IST
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