नई दिल्ली: भारत के 11 राज्यों में राज्यपालों की नियुक्ति के लिए भाजपा ने नेताओं के नाम पर चर्चा शुरू कर दी है. वहीं, अमित शाह के गृह मंत्री बनने के बाद से 12 से अधिक राज्यपाल शाह से शिष्टाचार मुलाकात कर चुके हैं.
शाह और राज्यालों की मुलाकात सामान्य लग रही हो लेकिन सूत्रों की मानें तो 11 राज्यों में नए राज्यपाल नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है.
सूत्रों ने कहा कि भाजपा के कई शीर्ष नेता जो पिछले लोकसभा चुनाव में नहीं लड़े थे, उन्हें राज्यपाल के रूप में पदभार मिल सकता है. हालांकि सुषमा स्वराज ने हाल ही में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बनने की संभावना से इनकार किया था, लेकिन वरिष्ठ भाजपा नेता का नाम राज्यपाल की दौड़ में है.
अन्य नेताओं की बात करें तो मार्गदर्शक मंडल में शामिल पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, बंडारू दत्तात्रेय, कलराज मिश्र, करिया मुंडा, भगत सिंह कोश्यारी, बिजोय चक्रवर्ती, सुमित्रा महाजन के नाम को लेकर अटकलें लग रहीं हैं. सूत्र बता रहे हैं कि राज्यपाल बनाकर पार्टी अपने वरिष्ठ नेताओं को साधने की कोशिश में है.
गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा का 30 अगस्त 2019 को कार्यकाल खत्म हो रहा है. इसी तरह गुजरात के ओम प्रकाश कोहली 15 जुलाई, कर्नाटक के वजुभाई रुडा भाई वाला 31 अगस्त, केरला के राज्यपाल जस्टिस पी सदाशिवम चार सितंबर, महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव का कार्यकाल 29 अगस्त को खत्म हो रहा है. नागालैंड के राज्यपाल पद्मनाथ बालकृष्ण आचार्य 18 जुलाई, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह तीन सितंबर को, वहीं त्रिपुरा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी का कार्यकाल 26 जुलाई को समाप्त होगा. उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक 21 जुलाई 2019, पश्चिम बंगाल के केशरीनाथ त्रिपाठी 23 जुलाई 2019 को रिटायर हो रहे हैं.
आंध्रप्रदेश में ई. एस. एल. नरसिम्हन ऐसे इकलौते राज्यपाल हैं, जो यूपीए सरकार के जमाने से हैं. इन्हें भी इस साल के आखिर तक पद पर बने हुए दस साल हो जाएंगे. इस प्रकार देखें तो कुल 11 राज्यों में राज्यपालों की कुर्सियां खाली हो रहीं हैं. सूत्र बता रहे हैं कि ज्यादातर राज्यों में राज्यपालों की उम्र 70 से 80 वर्ष पार हो गई है. ऐसे में दोबारा मौका मिलने की संभावना नहीं है. जिससे बीजेपी अपने वरिष्ठ नेताओं को राज्यपाल बना सकती है.