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शिक्षा प्रणाली को लेकर कोर्ट ने केन्द्र सरकार से पूछे सवाल

न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति एम आर शाह की अवकाश पीठ ने छात्रों के प्रवेश को लेकर परेशानियों का जिक्र किया और कहा कि प्रतिभाशाली छात्रों के लिए इस तरह की स्थिति बेहद कठिनाई वाली है. जानिए पीठ में और क्या कुछ कहा गया....

भारत का उच्चतम न्यायालय
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Published : Jun 4, 2019, 7:19 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कहा कि देश में समूची शिक्षा प्रणाली दुरुस्त की जानी चाहिए ताकि विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिये आवेदन करते समय छात्रों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.

न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति एम आर शाह की अवकाश पीठ ने महाराष्ट्र में 2019-20 के शैक्षणिक सत्र में पीजी मेडिकल और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की. पीठ ने प्रवेश को लेकर व्याप्त अनिश्चित्तता की वजह से छात्रों की परेशानियों का जिक्र किया और कहा कि प्रतिभाशाली छात्रों के लिये इस तरह की स्थिति बेहद कठिनाई वाली है.

पढ़ें: नए मंत्रियों के लिए लुटियन जोन में आलीशान बंगले बनकर तैयार

पीठ ने कहा, 'हमारी चिंता छात्रों को लेकर है. यह हर साल होता है और मेडिकल या दूसरे पाठ्यक्रमों में प्रवेश के बारे में छात्रों के दिमाग में अनिश्चित्तता बनी रहती है.'

पढ़ें: अयोध्या विवाद: मध्यस्थता पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

पीठ ने कहा, आप समूची शिक्षा प्रणाली को दुरूस्त क्यों नहीं करते? छात्रों के लिये यह तनाव और चिंता क्यों? यह सब मुकदमेबाजी क्यों?

पीठ ने कहा, 'हम राज्यों और केन्द्र सरकार से कह रहे हैं कि छात्रों की दशा पर गौर करें. प्रवेश को लेकर अनिश्चित्तता का अभ्यर्थियों के पूरे करियर पर प्रभाव पड़ता है.'

पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र में चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान पीजी मेडिकल और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश को लेकर व्याप्त अनिश्चित्तता के लिये राज्य सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है.

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कहा कि देश में समूची शिक्षा प्रणाली दुरुस्त की जानी चाहिए ताकि विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिये आवेदन करते समय छात्रों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.

न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति एम आर शाह की अवकाश पीठ ने महाराष्ट्र में 2019-20 के शैक्षणिक सत्र में पीजी मेडिकल और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की. पीठ ने प्रवेश को लेकर व्याप्त अनिश्चित्तता की वजह से छात्रों की परेशानियों का जिक्र किया और कहा कि प्रतिभाशाली छात्रों के लिये इस तरह की स्थिति बेहद कठिनाई वाली है.

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पीठ ने कहा, 'हमारी चिंता छात्रों को लेकर है. यह हर साल होता है और मेडिकल या दूसरे पाठ्यक्रमों में प्रवेश के बारे में छात्रों के दिमाग में अनिश्चित्तता बनी रहती है.'

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पीठ ने कहा, आप समूची शिक्षा प्रणाली को दुरूस्त क्यों नहीं करते? छात्रों के लिये यह तनाव और चिंता क्यों? यह सब मुकदमेबाजी क्यों?

पीठ ने कहा, 'हम राज्यों और केन्द्र सरकार से कह रहे हैं कि छात्रों की दशा पर गौर करें. प्रवेश को लेकर अनिश्चित्तता का अभ्यर्थियों के पूरे करियर पर प्रभाव पड़ता है.'

पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र में चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान पीजी मेडिकल और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश को लेकर व्याप्त अनिश्चित्तता के लिये राज्य सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है.

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