नई दिल्ली : जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कोविड- 19 के बीच नीट (NEET) और जेईई (JEE) परीक्षा स्थगित करने की मांग करने वाली छात्रों की याचिका को खारिज कर दिया. न्यायाधीशों ने कहा कि कोविड-19 आगे भी जारी रह सकता है. ऐसे में छात्रों को एक साल इंतजार करने से नुकसान होगा.
इस तरह की मांग के लिए कोर्ट ने छात्रों की ओर से पेश अधिवक्ता की भी खिंचाई की क्योंकि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस तरह के मामले के लिए सुनवाई का आग्रह किया.
न्यायाधीशों ने कहा कि जब अदालतें खुलने के लिए तैयार हैं, तो याचिकाकर्ता परीक्षा स्थगित करने के लिए कह रहे हैं. न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि ऐसे में स्कूलों को भी खोला जाना चाहिए.
आपको बता दें कि सुरक्षा मानकों और दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के खुलने की उम्मीद है.
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शीर्ष परीक्षण एजेंसी एनटीए को शिक्षा मंत्रालय द्वारा विशेष निर्देश जारी किए गए हैं. इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने महामारी के बीच परीक्षा के सुचारू संचालन के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी परीक्षा के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने और परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों की स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक सुरक्षा उपायों को लागू करेगी.
कोर्ट ने सीबीएसई, आईसीएसई के साथ-साथ एआईबीई और आईसीएआई परीक्षा के मामले में भी राहत प्रदान की है.
याचिकाकर्ताओं का ओर से पेश वकील अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने कोरोना महामारी के कारण विभिन्न परीक्षाओं को स्थगित करने और रद्द करने के संबंध में सरकार, शिक्षा मंत्रालय और एनटीए द्वारा उठाए गए सभी कदमों पर गौर किया.
अलख आलोक श्रीवास्तव ने प्रस्तुत किया कि कोरोना का जोखिम बढ़ रहा है और सीए, सीएलएटी आदी जैसी कई अन्य परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है.
अधिवक्ता ने प्रस्तुत किया कि कोरोना के लिए जल्द ही वैक्सीन आने की संभावना है. यहां तक प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त के अपने भाषण में इस संबंध में कहा है. अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष कहा, 'मैं परीक्षा को अनिश्चितकाल तक स्थगित करने की मांग कर रहा हूं, लेकिन कुछ वक्त के लिए स्थगित करने के लिए को कह रहा हूं.
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जेईई मेन 2020 और नीट 2020 परीक्षा को स्थगित करने की मांग करने वाली याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायाधीशों ने शुरुआती टिप्पणियां दीं, जिसमें संकेत दिया गया कि वह सीधे तौर पर स्थगित करने के पक्ष में नहीं हैं.
पीठ की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि परीक्षा स्थगित करने से छात्रों का करियर संकट में आ जाएगा.
उन्होंने कहा कि जीवन को कोरोना में भी आगे बढ़ाना चाहिए. क्या हम सिर्फ परीक्षा रोक सकते हैं. हमें आगे बढ़ाना चाहिए.
जस्टिस मिश्रा पूछा, 'यदि परीक्षा नहीं हुई तो क्या यह राष्ट्र के लिए नुकसान नहीं है. छात्र अपना शैक्षणिक वर्ष खो देंगे.
जस्टिस मिश्रा ने कहा कि क्या आप यह मांग नहीं करते है कि न्यायालय को खोला जाए. इसलिए परीक्षा को सावधानी से क्यों नहीं आयोजित किया जा सकता है.
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, एनटीए अगामी परीक्षाओं के एडमिट कार्ड जल्द जारी कर सकता है.