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सुप्रीम कोर्ट ने अडानी समूह को हवाई अड्डा सौंपने का निर्णय केरल हाई कोर्ट पर छोड़ा

केरल राज्य सरकार ने तिरुवनंतपुरम के हवाई अड्डे के प्रबंधन को अडानी समूह को सौंपने के खिलाफ याचिका दायर की. इसपर सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने केरल उच्च न्यायालय को केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर निर्णय लेने के लिए निर्देश दिया है.

sc leaves on hc to decide about adani takeover of thiruvanthpuram airport
सुप्रीम कोर्ट
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Published : Jun 4, 2020, 4:21 AM IST

नई दिल्ली : भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने केरल उच्च न्यायालय को केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर निर्णय लेने के लिए निर्देश दिया है. दरअसल तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे के प्रबंधन को अडानी समूह को सौंपने के खिलाफ केरल राज्य सरकार ने याचिका दायर किया है.

इस वर्ष की शुरुआत में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है, जिसमें कहा गया है कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को अनुच्छेद 12 के तहत अधीन नहीं माना जा सकता है और सरकार किसी अन्य निजी संस्था, अडानी द्वारा इसके अधिग्रहण का आदेश नहीं दे सकती है.

इसके अलावा यह कहा गया कि राज्य का निगम अडानी की तुलना में अधिक उचित मूल्य पर हवाई अड्डे की देखभाल करने के लिए बेहतर है. यह भी कहा गया कि अडानी समूह की इस क्षेत्र में कोई पूर्व अनुभव नहीं है और इसे बिना प्रबंधन के सौंपना सार्वजनिक हित के खिलाफ होगा.

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कोच्चि हवाई अड्डे राज्य द्वारा प्रबंधित अपने हवाई अड्डे को चलाने के लिए पूरी तरह से सौर ऊर्जा के माध्यम से मान्यता प्राप्त कर चुका है.

इंडिया का नाम 'भारत' करने की याचिका को केन्द्र प्रतिवेदन के रूप में ले : सुप्रीम कोर्ट

आपको बता दें कि 2019 में अडानी ने तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे के लिए बोली जीती थी.

नई दिल्ली : भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने केरल उच्च न्यायालय को केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर निर्णय लेने के लिए निर्देश दिया है. दरअसल तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे के प्रबंधन को अडानी समूह को सौंपने के खिलाफ केरल राज्य सरकार ने याचिका दायर किया है.

इस वर्ष की शुरुआत में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है, जिसमें कहा गया है कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को अनुच्छेद 12 के तहत अधीन नहीं माना जा सकता है और सरकार किसी अन्य निजी संस्था, अडानी द्वारा इसके अधिग्रहण का आदेश नहीं दे सकती है.

इसके अलावा यह कहा गया कि राज्य का निगम अडानी की तुलना में अधिक उचित मूल्य पर हवाई अड्डे की देखभाल करने के लिए बेहतर है. यह भी कहा गया कि अडानी समूह की इस क्षेत्र में कोई पूर्व अनुभव नहीं है और इसे बिना प्रबंधन के सौंपना सार्वजनिक हित के खिलाफ होगा.

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कोच्चि हवाई अड्डे राज्य द्वारा प्रबंधित अपने हवाई अड्डे को चलाने के लिए पूरी तरह से सौर ऊर्जा के माध्यम से मान्यता प्राप्त कर चुका है.

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आपको बता दें कि 2019 में अडानी ने तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे के लिए बोली जीती थी.

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