नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सैंडलवुड ड्रग मामले में कन्नड़ अभिनेत्री रागिनी द्विवेदी को गुरुवार को जमानत दे दी. न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने मामले में अभिनेत्री एवं अन्य को जमानत नहीं देने से संबंधित कर्नाटक उच्च न्यायालय के पिछले साल तीन नवंबर के फैसले को रद्द कर दिया.
मादक पदार्थों पर रोकथाम संबंधी एनडीपीएस कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत इन सभी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई के दौरान द्विवेदी की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि अभिनेत्री जेल में है. जबकि, तीन अन्य सह आरोपी जमानत पर बाहर हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले साल दो दिसंबर को द्विवेदी को गिरफ्तार किया गया, लेकिन उनके पास से मादक पदार्थ की बरामदगी नहीं हुई. उन्होंने मामले से जुड़े कई कानूनों का हवाला देते हुए जमानत का अनुरोध किया.
अभियोजन एजेंसी की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह मामला निजी तौर पर मादक पदार्थ के सेवन का नहीं है, बल्कि द्विवेदी ने विभिन्न स्थानों पर रेव पार्टी आयोजित की और उनमें मादक पदार्थ की आपूर्ति की.
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उन्होंने कहा कि सबूत के साथ भी छेड़छाड़ की गई और मूत्र के नमूने के बजाए पानी का नमूना दिया गया. पीठ ने कहा कि मामले में अब तक आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है. साथ ही कहा कि प्रथम दृष्टया अगर सारे अपराध साबित होते हैं तो, धारा 27 ए के तहत मादक पदार्थ के सेवन के लिए एक साल या छह महीने की सजा का प्रावधान है.
पीठ ने कहा कि यह ऐसा मामला है जिसमें जमानत मिलनी चाहिए और 'हम उन्हें जमानत देंगे और उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर रहे हैं.
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने तीन नवंबर को द्विवेदी और संजना गलरानी को मादक पदार्थ मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था. हालांकि 11 दिसंबर को उच्च न्यायालय से गलरानी को जमानत मिल गई. कर्नाटक पुलिस ने मामले में पिछले साल सितंबर में द्विवेदी, गलरानी एवं अन्य को गिरफ्तार किया था.