श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अपने विवादित बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल के रूप में मुझे ऐसा बयान नहीं देना चाहिए. साथ ही राज्यपाल ने नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला पर पलटवार करते हुए उन्हें राजनैतिक नौसिखिया बताया है.
बता दें, मलिक ने रविवार को आतंकवादियों से कहा था कि वे सुरक्षाकर्मियों समेत बेगुनाहों की हत्या करना बंद करें और इसके बजाय उन लोगों को निशाना बनायें 'जिन्होंने वर्षों तक कश्मीर की सम्पदा को लूटा' है.
हताशा और गुस्से में दिया बयान
अपने बयान पर सफाई देते हुए मलिक ने कहा कि मैंने जो भी कहा वो लगातार बढ़ रहे भ्रष्टाचार से आई हताशा और गुस्से में कहा. राज्यपाल होने के नाते मुझे ऐसा बयान नहीं देना चाहिए लेकिन मेरी निजी सोच यही है. बहुत से नेता और नौकरशाह भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं.
अब्दुल्ला राजनैतिक नौसिखिया
वहीं, उमर अब्दुल्ला के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए मलिक ने कहा कि वह (अब्दुल्ला) राजनैतिक नौसिखिये हैं जो हर मुद्दे पर ट्वीट करते हैं. उनके ट्वीट पर आईं प्रतिक्रियाएं पढ़ लीजिए आप खुद समझ जाएंगे.
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#WATCH J&K Governor, SP Malik to ANI on National Conference leader Omar Abdullah's tweet over his statement: He is a political juvenile tweeting on everything, see the reaction to his tweets and you will find out. pic.twitter.com/3rLMwN1jpv
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— ANI (@ANI) July 22, 2019
पब्लिक से पूछो मेरी रेपुटेशन
उन्होंने आगे कहा, 'यहां देखो मेरी रेपुटेशन, पब्लिक से पूछो, मेरी भी पूछो और इनकी भी पूछो. मैं दिल्ली में अपनी रेपुटेशन की वजह से यहां हूं और आप अपनी रेपुटेशन की वजह से वहां हो जहां हो.'
मेरे पास बाप-दादा का नाम नहीं
राज्यपाल मलिक ने यह भी कहा, 'न मेरे पास दादा-बाप का नाम है, न रुपया है तुम्हारी तरह. डेढ़ कमरे के मकान से यहां आया हूं. मैं आपको गारंटी करता हूं कि इनका जो भ्रष्टाचार है उसको सबको दिखा कर जाऊंगा.'
उमर अब्दुल्ला ने साधा निशाना
बता दें, राज्यपाल की टिप्पणी पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि मलिक को दिल्ली में अपनी प्रतिष्ठा की पड़ताल करनी चाहिए. अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, 'यह शख्स जो जाहिर तौर पर एक जिम्मेदार संवैधानिक पद पर काबिज है और वह आतंकवादियों को भ्रष्ट समझे जाने वाले नेताओं की हत्या के लिये कह रहा है.'
हत्या होने पर राज्यपाल होंगे जिम्मेदार
बाद में, नेकां नेता ने कहा, 'इस ट्वीट को सहेज लें - आज के बाद जम्मू-कश्मीर में मारे गये किसी भी मुख्यधारा के नेता या सेवारत/सेवानिवृत्त नौकरशाह की अगर हत्या होती है तो समझा जायेगा कि यह जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आदेशों पर की गयी है.'
राज्यपाल के इस बयान पर राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया. राज्यपाल के इस बयान की मुख्यधारा के नेताओं ने आलोचना की है.
क्या कहा था मलिक ने
लद्दाख संभाग के करगिल में एक पर्यटन कार्यक्रम में मलिक ने कहा, 'ये लड़के जिन्होंने हथियार उठाये है वे अपने ही लोगों की हत्या कर रहे हैं, वे पीएसओ (निजी सुरक्षा अधिकारियों) और एसपीओ (विशेष पुलिस अधिकारियों) की हत्या कर रहे हैं. इनकी हत्या क्यों कर रहे हो? उनकी हत्या करो जिन्होंने कश्मीर की सम्पदा लूटी है. क्या तुमने इनमें से किसी मारा है?'
पढ़ें-सत्यपाल मलिक का विवादित बयान, कहा- कोई उन्हें क्यों नहीं मारता जिन्होंने कश्मीर को लूटा
कांग्रेस ने साधा निशाना
राज्य कांग्रेस प्रमुख जी ए मीर से पूछा, 'क्या वह जंगल राज को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं?' उन्होंने कहा कि मलिक जिस संवैधानिक पद पर हैं, उनका यह बयान उसकी गरिमा के खिलाफ है.
बाद में बयान से पलटे
हालांकि राज्यपाल ने फौरन यह भी कहा कि हथियार उठाना कभी भी किसी समस्या का हल नहीं हो सकता और उन्होंने श्रीलंका में लिट्टे का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा, 'भारत सरकार कभी हथियार के आगे घुटने नहीं टेकेगी.' उन्होंने आतंकवादियों से हिंसा का रास्ता नहीं अपनाने को कहा.
उन्होंने मुख्यधारा के नेताओं पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि ये नेता दिल्ली में अलग भाषा बोलते हैं और कश्मीर में कुछ और बोलते हैं.