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RSS ने असम NRC पर उठाए सवाल, कहा- सूची से बाहर अधिकांश लोग हिंदू

असम में जारी हुई एनआरसी की अंतिम सूची पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. आरएसएस ने भी एनआरसी सूची पर सवाल उठाए हैं. संघ ने दावा किया है कि एनआरसी सूची में से बाहर 19 लाख लोगों में से अधिकांश हिंदू हैं.

राम माधव
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Published : Sep 9, 2019, 9:22 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 1:18 AM IST

पुष्कर: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने असम में जारी हुई राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की फाइनल लिस्ट पर सवाल उठाए है. संघ का कहना है कि एनआरसी सूची में बहुत खामियां हैं और सरकार को आगे बढ़ने से पहले इन्हें दूर करना चाहिए.

सूत्रों के मुताबिक, आरएसएस की वार्षिक समन्वय बैठक के पहले दिन असम एनआरसी सूची में से कई लोगों के नाम नहीं होने पर चिंता व्यक्त की गई. सूची में से बाहर अधिकतर लोगों का दावा है कि वे हिंदू हैं. संघ नेताओं ने यह दावा करते हुए चिंता जताई कि सूची में से बाहर 19 लाख लोगों में से अधिकांस हिंदू हैं.

भाजपा महासचिव और सात पूर्वोत्तर राज्यों के प्रभारी राम माधव ने असम एनआरसी सूची पर चर्चा की और चिंताओं का समाधान किया.

बैठक के बाद आरएसएस के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि एनआरसी एक जटिल मुद्दा है. एनआरसी लिस्ट में बहुत से अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए अपना नाम डलवाने में सफल हुए हैं.

पढ़ें-अनुच्छेद 371 के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करेगी सरकार : अमित शाह

उन्होंने आगे कहा कि इस समय असम में 35-40 लाख बांग्लादेशी के अवैध अप्रवासी रह रहे हैं और पिछली सरकार ने उन्हें कानूनी दस्तावेज दे दिए हैं. यह एक जटिल मुद्दा है और इसका समाधान होना चाहिए.

बता दें, असम में 31 अगस्त को प्रकाशित एनआरसी की अंतिम सूची में लाख लोगों का नाम नहीं था.

पढ़ें-नई शिक्षा प्रणाली में भारतीय मूल्य भी शामिल होंगे, भागवत ने जताया भरोसा

संघ की समन्वय बैठक में आरएसएस के 35 सहयोगियों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया. यह लोकसभा चुनाव के बाद पहली बैठक थी. बैठक में बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और बीएल संतोष भी शामिल हुए.

पुष्कर: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने असम में जारी हुई राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की फाइनल लिस्ट पर सवाल उठाए है. संघ का कहना है कि एनआरसी सूची में बहुत खामियां हैं और सरकार को आगे बढ़ने से पहले इन्हें दूर करना चाहिए.

सूत्रों के मुताबिक, आरएसएस की वार्षिक समन्वय बैठक के पहले दिन असम एनआरसी सूची में से कई लोगों के नाम नहीं होने पर चिंता व्यक्त की गई. सूची में से बाहर अधिकतर लोगों का दावा है कि वे हिंदू हैं. संघ नेताओं ने यह दावा करते हुए चिंता जताई कि सूची में से बाहर 19 लाख लोगों में से अधिकांस हिंदू हैं.

भाजपा महासचिव और सात पूर्वोत्तर राज्यों के प्रभारी राम माधव ने असम एनआरसी सूची पर चर्चा की और चिंताओं का समाधान किया.

बैठक के बाद आरएसएस के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि एनआरसी एक जटिल मुद्दा है. एनआरसी लिस्ट में बहुत से अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए अपना नाम डलवाने में सफल हुए हैं.

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उन्होंने आगे कहा कि इस समय असम में 35-40 लाख बांग्लादेशी के अवैध अप्रवासी रह रहे हैं और पिछली सरकार ने उन्हें कानूनी दस्तावेज दे दिए हैं. यह एक जटिल मुद्दा है और इसका समाधान होना चाहिए.

बता दें, असम में 31 अगस्त को प्रकाशित एनआरसी की अंतिम सूची में लाख लोगों का नाम नहीं था.

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संघ की समन्वय बैठक में आरएसएस के 35 सहयोगियों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया. यह लोकसभा चुनाव के बाद पहली बैठक थी. बैठक में बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और बीएल संतोष भी शामिल हुए.

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RSS-LD NRC
Some errors in NRC's final list, govt should move forward after removing those: RSS
By Jatin Takkar
         Pushkar, Sep 9 (PTI) The RSS on Monday said there are "some errors" in the final list of the National Register of Citizens in Assam and the government should remove those before moving forward, but asserted that the exercise is a welcome step.
         Concerns were raised on the first day of the RSS' annual coordination meeting on Saturday over several genuine citizens being left out of the final list of NRC in Assam, majority of whom they claimed are Hindus, sources said.
         BJP's general secretary Ram Madhav, who is also the party's in charge for all the seven northeastern states, has briefed the meeting about the NRC exercise carried out in Assam and its final list.
         Addressing a press conference here on the final day of the Sangh's coordination meeting, RSS' joint general secretary Dattatreya Hosabale described NRC as a "complicated and complex issue" as names of many Bangladeshi illegal immigrants are in the voters list.
         "There are about 35 to 40 lakh illegal immigrants from Bangladeshis who are now settled in Assam, and had been issued legal documents during previous governments, which have complicated and made the entire issue more complex," he said, adding that the NRC was discussed in the meeting.
         Suggesting that before moving forward the government should rectify the NRC list, the RSS leader said, "NRC's final list is not a law...there are some errors and mistakes in it..government should move forward by removing those."
         However, he applauded the state BJP government for carrying out NRC exercise, saying they have to complete this task in a stipulated time after coming into power.
         According to the sources present in the meeting, the NRC issue was discussed at length and concerns were raised on several genuine citizens being left out, especially those who settled in Assam from the neighbouring states.
         The leaders also expressed concerns claiming that majority of the 1.9 million people excluded are Hindus, they said.
         The BJP has criticised the updated NRC list and said the government will bring in a legislation to safeguard Indian citizens if the Foreigners Tribunals deliver adverse judgements against the appeals.
         The final list of the NRC in Assam, published on August 31, left out over 1.9 million people.
         More than 200 delegates of 35 RSS affiliates attended the coordination meeting, the first such after the Lok Sabha election. BJP working president J P Nadda, general secretary (organisation) B L Santhosh were among those present. PTI JTR
KJ
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NNNN
Last Updated : Sep 30, 2019, 1:18 AM IST
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