पुष्कर: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने असम में जारी हुई राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की फाइनल लिस्ट पर सवाल उठाए है. संघ का कहना है कि एनआरसी सूची में बहुत खामियां हैं और सरकार को आगे बढ़ने से पहले इन्हें दूर करना चाहिए.
सूत्रों के मुताबिक, आरएसएस की वार्षिक समन्वय बैठक के पहले दिन असम एनआरसी सूची में से कई लोगों के नाम नहीं होने पर चिंता व्यक्त की गई. सूची में से बाहर अधिकतर लोगों का दावा है कि वे हिंदू हैं. संघ नेताओं ने यह दावा करते हुए चिंता जताई कि सूची में से बाहर 19 लाख लोगों में से अधिकांस हिंदू हैं.
भाजपा महासचिव और सात पूर्वोत्तर राज्यों के प्रभारी राम माधव ने असम एनआरसी सूची पर चर्चा की और चिंताओं का समाधान किया.
बैठक के बाद आरएसएस के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि एनआरसी एक जटिल मुद्दा है. एनआरसी लिस्ट में बहुत से अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए अपना नाम डलवाने में सफल हुए हैं.
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उन्होंने आगे कहा कि इस समय असम में 35-40 लाख बांग्लादेशी के अवैध अप्रवासी रह रहे हैं और पिछली सरकार ने उन्हें कानूनी दस्तावेज दे दिए हैं. यह एक जटिल मुद्दा है और इसका समाधान होना चाहिए.
बता दें, असम में 31 अगस्त को प्रकाशित एनआरसी की अंतिम सूची में लाख लोगों का नाम नहीं था.
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संघ की समन्वय बैठक में आरएसएस के 35 सहयोगियों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया. यह लोकसभा चुनाव के बाद पहली बैठक थी. बैठक में बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और बीएल संतोष भी शामिल हुए.