नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब कुछ दिन ही शेष हैं. इसके मद्देनजर बीजेपी ने कमर कस ली है और डेढ़ सौ बड़े-छोटे नेताओं को चुनाव प्रचार में लगाया है. इस गहन प्रचार अभियान पर पार्टी सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि भाजपा डोर टू डोर की पॉलिसी पर विश्वास करती है. इसलिए इतने लोगों को यहां पर बुलाया गया है. इसके अलावा दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल के झूठ से ऊब चुकी है और अब उनके छलावे में नहीं आने वाली है. दिल्ली की जनता मन बना चुकी है कि किस पार्टी को वोट देना है.
रीता बहुगुणा जोशी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि लोकतंत्र में हर पार्टी को अपनी बात जनता तक पहुंचानी चाहिए.
उन्होंने कहा, 'केजरीवाल और उनकी पार्टी जो झूठ बोलती है, उसका भंडाफोड़ करना है. केजरीवाल जनता से मात्र झूठ बोलते हैं. हम यह नहीं होने देंगे.'
भाजपा सांसद ने कहा कि जनता मन बना चुकी है और अब उनके छलावे में नहीं आने वाली है. केजरीवाल हर बात के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं और केंद्र की एक भी योजना को लागू होने नहीं देते.
भाजपा बड़ी रैलियों के बजाय छोटी-छोटी सभाएं कर रही है. इस मसले पर जोशी ने कहा कि बड़ी रैलियां भी होगीं, लेकिन बीजेपी डोर टू डोर वाली पॉलिसी पर ज्यादा विश्वास करती है. अभी नहीं पूरे साल भर बीजेपी जितने भी कार्यक्रम करती है. वे सभी एक-एक घर जाने के होते हैं.
दिल्ली की जनता विकास के नाम पर वोट करेगी या संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और अनुच्छेद 370 के नाम पर. इस पर इलाहाबाद की सांसद ने कहा, 'जनता मोदी जी में विश्वास रखती है और केंद्र सरकार की जनपरख सोच है. उस पर लोगों का विश्वास है, तभी तो हम लोकसभा चुनाव में 282 से 303 सीटों तक पहुंच गए.'
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने मोहल्ला क्लीनिक जैसी योजनाएं चलाईं, जो कहीं से भी कारगर नहीं हैं. लेकिन केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना को दिल्ली में लागू नहीं होने दिया. इन बातों को जनता समझती है और इस चुनाव में जनता उन्हें जवाब देगी.
भाजपा सांसद ने कहा कि झूठ के बल पर अरविंद केजरीवाल दिल्ली का चुनाव लड़ रहे हैं, मगर केंद्र सरकार ने काम किया है. झुग्गी झोपड़ियों को रहने वाले लोगों को पक्के मकान दिए हैं. दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित किया गया और तमाम ऐसी योजनाएं दिल्ली के लिए केंद्र सरकार ने बनाईं. जो दिल्ली की जनता को सीधे फायदा पहुंचाती है. दिल्ली की जनता समझदार है और वह सोच समझकर ही वोट करेगी.
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शिवसेना के मुख पत्र 'सामना' में शनिवार को प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि बंग्लादेश,पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए मुसलमानों को देश से बाहर कर देना चाहिए, इस पर डॉ. रीता ने कहा, 'हमारी सरकार का स्पष्ट कहना है कि जो भी अल्पसंख्यक तीनों देशों से भगाए गए हैं. उनको तो हम सीधे नागरिकता देंगे, लेकिन इन लोगों को देश में छह साल निवास करना पड़ेगा.'
भाजपा सांसद ने कहा कि इसके अलावा भी अगर कहीं अन्य कोई दूसरा नागरिक प्रताड़ित महसूस करता है और वह भारत की नागरिकता लेना चाहता है तो उसके लिए भी कानून बनाए गए हैं.
डॉ. जोशी ने कहा कि शिवसेना को पहले यह तय कर लेना चाहिए कि वह गठबंधन में जिनके साथ है, उनकी बोली बोलेगी या फिर अपना गठबंधन धर्म निभाएगी. शिवसेना को यह पता ही नहीं है कि उसे करना क्या है, उसे पहले यह तय कर लेना चाहिए कि उसे क्या करना है.