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अवमानना केस : SC में अधिवक्ता राजीव धवन दायर करेंगे रिव्यू पीटिशन

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Published : Aug 17, 2020, 3:45 PM IST

सुप्रीम कोर्ट के 14 अगस्त के फैसले के खिलाफ वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन रिव्यू पीटिशन दायर करेंगे. ट्वीट्स के मामले में प्रशांत भूषण दोषी करार दिए गए हैं.

prashant bhushan
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नई दिल्ली : कोर्ट की अवमानना के मामले में दोषी करार दिए गए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के मामले में रिव्यू पीटिशन दायर की जाएगी. वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस मामले में हम रिव्यू पीटिशन दायर करेंगे. बता दें कि ट्वीट्स के मामले में प्रशांत भूषण दोषी करार दिए गए हैं.

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुनवाई के दौरान पूछा कि मामले को क्यों नहीं खत्म किया जा सकता. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने जवाब दिया कि वे मामले को भी समाप्त करना चाहते हैं, लेकिन जो बुनियादी सवाल उनके सामने हैं, अगर आप किसी न्यायाधीश के खिलाफ शिकायत करना चाहते हैं, तो उसके लिए क्या प्रक्रिया होनी चाहिए. इसपर जस्टिस मिश्रा ने कहा कि किन परिस्थितियों में ऐसे आरोप लगाए जा सकते हैं, यह भी एक सवाल है.

सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि वे इस मुद्दे को हल करना चाहते हैं ताकि बाद में कोई भ्रम पैदा न हो. अधिवक्ता धवन ने कहा कि शांति भूषण और कपिल सिब्बल इस मामले में अदालत की सहायता करेंगे. मामले की सुनवाई 24 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

क्या है मामला

दरअसल, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबड़े और चार पूर्व सीजेआई को लेकर प्रशांत भूषण की ओर से किए गए दो अलग-अलग ट्वीट्स पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी. सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को नोटिस भेजा था.

नई दिल्ली : कोर्ट की अवमानना के मामले में दोषी करार दिए गए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के मामले में रिव्यू पीटिशन दायर की जाएगी. वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस मामले में हम रिव्यू पीटिशन दायर करेंगे. बता दें कि ट्वीट्स के मामले में प्रशांत भूषण दोषी करार दिए गए हैं.

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुनवाई के दौरान पूछा कि मामले को क्यों नहीं खत्म किया जा सकता. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने जवाब दिया कि वे मामले को भी समाप्त करना चाहते हैं, लेकिन जो बुनियादी सवाल उनके सामने हैं, अगर आप किसी न्यायाधीश के खिलाफ शिकायत करना चाहते हैं, तो उसके लिए क्या प्रक्रिया होनी चाहिए. इसपर जस्टिस मिश्रा ने कहा कि किन परिस्थितियों में ऐसे आरोप लगाए जा सकते हैं, यह भी एक सवाल है.

सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि वे इस मुद्दे को हल करना चाहते हैं ताकि बाद में कोई भ्रम पैदा न हो. अधिवक्ता धवन ने कहा कि शांति भूषण और कपिल सिब्बल इस मामले में अदालत की सहायता करेंगे. मामले की सुनवाई 24 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

क्या है मामला

दरअसल, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबड़े और चार पूर्व सीजेआई को लेकर प्रशांत भूषण की ओर से किए गए दो अलग-अलग ट्वीट्स पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी. सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को नोटिस भेजा था.

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