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अयोध्या फैसला : जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने SC में पुनर्विचार याचिका दायर की

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Published : Dec 2, 2019, 1:11 PM IST

Updated : Dec 2, 2019, 5:46 PM IST

मुस्लिमों का प्रमुख संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है. जानें पूरा विवरण

review petition on ayodhya in SC
SC

नई दिल्ली : जमीयत उलेमा-ए-हिंद अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है. मुस्लिमों के इस प्रमुख संगठन ने 217 पन्ने की याचिका दायर की है.

गौरतलब है कि जमीयत की कार्यकारी समिति ने 14 नवंबर को पांच सदस्यों का एक पैनल गठित किया था, जिसमें कानूनी विशेषज्ञ और धार्मिक मामलों के विद्वानों को शामिल किया गया था. इस समिति का गठन उच्चतम न्यायालय के नौ नवंबर के फैसले के प्रत्येक पहलू को देखने के लिए किया गया था.

जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने इस पैनल की अगुआई की. इस पैनल में शीर्ष अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिका की संभावनाओं को देखा गया. उन्होंने सिफारिश की कि इस मामले में समीक्षा याचिका दायर की जानी चाहिए.

मुस्लिम पक्ष के वकील एजाज मकबूल.

पढ़ें-अयोध्या फैसला : AIMPLB की बैठक, पुनर्विचार याचिका पर हुई चर्चा

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अपना फैसला सुना चुका है. इसके अनुसार विवादास्पद जमीन रामलला को दे दी गई. केंद्र सरकार ट्रस्ट बनाकर इस पर आगे का काम करेगी. मुस्लिम पक्षों को अयोध्या में पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है.

इस मामले पर मुस्लिम पक्ष के वकील एजाज मकबूल का कहना है, 'हम पहले से कहते आए हैं कि देश के हर नागरिक को सुप्रीम कोर्ट के फैसला मानना चाहिए, लेकिन हमने कोर्ट के फैसले के कुछ बिंदुओं पर पुनर्विचार याचिका दायर की है.'

पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ अयूब.

वहीं, इस मामले पर पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ अयूब ने कहा, 'हमें न्यायलय से न्याय की उम्मीद थी, जिसके बाद हमने फैसला किया है कि हम इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे.'

नई दिल्ली : जमीयत उलेमा-ए-हिंद अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है. मुस्लिमों के इस प्रमुख संगठन ने 217 पन्ने की याचिका दायर की है.

गौरतलब है कि जमीयत की कार्यकारी समिति ने 14 नवंबर को पांच सदस्यों का एक पैनल गठित किया था, जिसमें कानूनी विशेषज्ञ और धार्मिक मामलों के विद्वानों को शामिल किया गया था. इस समिति का गठन उच्चतम न्यायालय के नौ नवंबर के फैसले के प्रत्येक पहलू को देखने के लिए किया गया था.

जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने इस पैनल की अगुआई की. इस पैनल में शीर्ष अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिका की संभावनाओं को देखा गया. उन्होंने सिफारिश की कि इस मामले में समीक्षा याचिका दायर की जानी चाहिए.

मुस्लिम पक्ष के वकील एजाज मकबूल.

पढ़ें-अयोध्या फैसला : AIMPLB की बैठक, पुनर्विचार याचिका पर हुई चर्चा

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अपना फैसला सुना चुका है. इसके अनुसार विवादास्पद जमीन रामलला को दे दी गई. केंद्र सरकार ट्रस्ट बनाकर इस पर आगे का काम करेगी. मुस्लिम पक्षों को अयोध्या में पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है.

इस मामले पर मुस्लिम पक्ष के वकील एजाज मकबूल का कहना है, 'हम पहले से कहते आए हैं कि देश के हर नागरिक को सुप्रीम कोर्ट के फैसला मानना चाहिए, लेकिन हमने कोर्ट के फैसले के कुछ बिंदुओं पर पुनर्विचार याचिका दायर की है.'

पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ अयूब.

वहीं, इस मामले पर पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ अयूब ने कहा, 'हमें न्यायलय से न्याय की उम्मीद थी, जिसके बाद हमने फैसला किया है कि हम इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे.'

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जमीयत उलेमा-ए-हिंद सोमवार दोपहर अयोध्या मामले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेगा

नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) जमीयत उलेमा-ए-हिंद अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ सोमवार की दोपहर पुनर्विचार याचिका दायर करेगा. मुस्लिमों के इस प्रमुख संगठन के सूत्रों ने यह जानकारी दी.



जमीयत की कार्यकारी समिति ने 14 नवंबर को पांच सदस्यों का एक पैनल गठित किया था जिसमें कानूनी विशेषज्ञ और धार्मिक मामलों के विद्वानों को शामिल किया गया था. इस समिति का गठन उच्चतम न्यायालय के नौ नवंबर के फैसले के प्रत्येक पहलु को देखने के लिए किया गया था.



जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी की अगुवाई में इस पैनल ने शीर्ष अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिका की संभावनाओं को देखा और सिफारिश की इस मामले में समीक्षा याचिका दायर की जानी चाहिए.


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Last Updated : Dec 2, 2019, 5:46 PM IST
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