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चार सितंबर को खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट, यह हैं दिशानिर्देश

सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट चार सितंबर को सुबह 10 बजे आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. यात्रा लगभग एक महीने पांच दिन तक चलेगी. जानिए, कोरोना को देखते हुए श्रद्धालुओं के लिए क्या हैं दिशानिर्देश...

हेमकुंड साहिब के कपाट
हेमकुंड साहिब के कपाट
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Published : Sep 1, 2020, 2:28 PM IST

चमोली : उत्तराखंड में आम श्रद्धालुओं के लिए चार सितंबर को 15,225 फीट की ऊंचाई पर स्थित सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट खोले जाने हैं. जिला प्रशासन और गुरुद्वारा प्रबंधन के बीच तैयारियों को लेकर जिला सभागार में बैठक का आयोजन किया गया.

इस दौरान यह तय हुआ कि 72 घंटे पहले ही कोरोना पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट दिखाने के बाद ही धाम में श्रद्धालुओं को प्रवेश मिल सकेगा. साथ ही घांघरिया से प्रतिदिन 200 सिख श्रद्धालुओं को ही हेमकुंड जाने की अनुमति मिल पाएगी.

दरअसल, इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते हेमकुंड साहिब के कपाट देरी से खोले जा रहे हैं. पिछले कई वर्षों से हेमकुंड साहिब के कपाट 25 जुलाई और एक जून के बीच खोले जाते थे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इस बारे में जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि इस वर्ष हेमकुंड साहिब की यात्रा में घोड़े और खच्चर नहीं होंगे. इसे देखते हुए गुरुद्वारा प्रबंधन की ओर से उम्रदराज, बुजुर्ग यात्रियों को यात्रा में न आने की सलाह दी गई है. जिससे कि यात्रा के दौरान कोई समस्या न आए. साथ ही गोविंदघाट में एसडीआरएफ और पुलिस तैनात कर दी गई है.

यह भी पढ़ें: कोरोना जांच के बाद ही हेमकुंड साहिब आ सकेंगे श्रद्धालु

यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाओं को लेकर डीएम ने डेंजर जोन और फिसलन वाली जगहों को ठीक करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं. साथ ही बिजली, पानी सहित अन्य सुविधायों को तत्काल सुचारू करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

हेमकुंड साहिब में सैटेलाइट फोन भी उपलब्ध कराए जाएंगे. बताया गया है कि गोविंदघाट से पुलना तक सड़क मार्ग खोला जा चुका है. वहीं यात्रा मार्ग पर विद्युत और पेयजल की आपूर्ति सुचारू कर दी गई है. घांघरिया में फिलहाल गुरुद्वारे और होटलों में विद्युत आपूर्ति बहाल करने का कार्य किया जा रहा है.

चमोली : उत्तराखंड में आम श्रद्धालुओं के लिए चार सितंबर को 15,225 फीट की ऊंचाई पर स्थित सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट खोले जाने हैं. जिला प्रशासन और गुरुद्वारा प्रबंधन के बीच तैयारियों को लेकर जिला सभागार में बैठक का आयोजन किया गया.

इस दौरान यह तय हुआ कि 72 घंटे पहले ही कोरोना पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट दिखाने के बाद ही धाम में श्रद्धालुओं को प्रवेश मिल सकेगा. साथ ही घांघरिया से प्रतिदिन 200 सिख श्रद्धालुओं को ही हेमकुंड जाने की अनुमति मिल पाएगी.

दरअसल, इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते हेमकुंड साहिब के कपाट देरी से खोले जा रहे हैं. पिछले कई वर्षों से हेमकुंड साहिब के कपाट 25 जुलाई और एक जून के बीच खोले जाते थे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इस बारे में जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि इस वर्ष हेमकुंड साहिब की यात्रा में घोड़े और खच्चर नहीं होंगे. इसे देखते हुए गुरुद्वारा प्रबंधन की ओर से उम्रदराज, बुजुर्ग यात्रियों को यात्रा में न आने की सलाह दी गई है. जिससे कि यात्रा के दौरान कोई समस्या न आए. साथ ही गोविंदघाट में एसडीआरएफ और पुलिस तैनात कर दी गई है.

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यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाओं को लेकर डीएम ने डेंजर जोन और फिसलन वाली जगहों को ठीक करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं. साथ ही बिजली, पानी सहित अन्य सुविधायों को तत्काल सुचारू करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

हेमकुंड साहिब में सैटेलाइट फोन भी उपलब्ध कराए जाएंगे. बताया गया है कि गोविंदघाट से पुलना तक सड़क मार्ग खोला जा चुका है. वहीं यात्रा मार्ग पर विद्युत और पेयजल की आपूर्ति सुचारू कर दी गई है. घांघरिया में फिलहाल गुरुद्वारे और होटलों में विद्युत आपूर्ति बहाल करने का कार्य किया जा रहा है.

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