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अयोध्या LIVE : जानिए, कैसी चल रही भूमि पूजन की तैयारी - धार्मिक गतिविधियां शुरू

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Published : Aug 4, 2020, 8:11 AM IST

Updated : Aug 4, 2020, 6:22 PM IST

18:10 August 04

15:05 August 04

प्रियंका गांधी का ट्वीट

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प्रियंका गांधी द्वारा जारी वक्तव्य

सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है. राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं. भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने. मेरा वक्तव्य. 

13:19 August 04

मंदिर में बनेगी 751 दीपों की माला

मंदिर के पुजारी अंबिका प्रसाद से ईटीवी भारत की खास बातचीत

ईटीवी भारत से खास बातचीत में मंदिर के पुजारी अंबिका प्रसाद कहते हैं कि माता मंदिर को सजाया जा रहा है. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण सभी के लिए खुशी की बात है. माता मंदिर के लिए यह मौका और भी बड़ा है क्योंकि यहां शक्ति का निवास है. शक्ति की पूजा से ही सब काम मुमकिन हो पाएंगे.

पुजारी बताते हैं कि मंगलवार को सबसे पहले यहां भक्तों को ओम ध्वज वितरित जिए जा रहे हैं. यह एक नई शुरुआत और ऊर्जा के लिए हैं. बीते दिन सोमवार को मंदिर में भव्य रोशनी की गई थी. आज भी यह क्रम जारी रहेगा. कल यानी पांच अगस्त को मंदिर में 751 दीपों की माला बनेगी.

साथ ही आतिशबाजी भी होगी. मंदिर में भक्तों के बीच भी जबरदस्त उत्साह है. कोरोना के मद्देनजर दिन में यहां आने वाले औसतन लोगों की संख्या और उनके उत्साह दोनों में बढ़ोतरी हुई है. अम्बिका कहते हैं कि अब वो मंदिर बनने का इंतजार कर रहे हैं.

12:45 August 04

रामार्चन पूजा के चार चरण

धार्मिक गतिविधियां जारी

राम मंदिर के पुजारी सत्यानारायण दास ने जानकारी दी कि रामार्चन पूजा के चार चरण हैं. प्रथम चरण में भगवान राम के अलावा अन्य देवताओं की पूजा की जाएगी. दूसरे चरण में, अयोध्या में भगवान राम के सेनापतियों जैसे नल, नील और सुग्रीव की पूजा की जाएगी. 

इसके साथ ही वहां पूजा-अर्चना शुरू हो चुकी है. 

10:18 August 04

पीएम मोदी का अयोध्या कार्यक्रम

पीएम नरेंद्र मोदी बुधवार को राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में अयोध्या आ रहे हैं. उनके आगमन को लेकर तैयारियां लगभग पूरी की जा चुकी हैं. अयोध्या में पीएम मोदी तीन घंटे तक रूकेंगे. जानें उनके् कार्यक्रम का सिलसिलेवार ब्योरा :

  • 5 अगस्त की सुबह दिल्ली से प्रस्थान करेंगे.
  • 9:35 बजे दिल्ली से उड़ेगा विशेष विमान.
  • 10:35 बजे लखनऊ एयरपोर्ट पर होगी लैंडिंग.
  • 10:40 बजे हेलिकॉप्टर से अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे.
  • 11:30 बजे अयोध्या साकेत कॉलेज के हेलिपैड पर लैंडिंग होगी.
  • 11:40 बजे हनुमान गढ़ी पहुंच कर 10 मिनट दर्शन-पूजन.
  • 12 बजे राम जन्मभूमि परिसर पहुंचने का कार्यक्रम.
  • 10 मिनट में रामलला विराजमान का दर्शन-पूजन.
  • 12:15 बजे रामलला परिसर में पारिजात का पौधारोपण करेंगे.
  • 12:30 बजे भूमिपूजन कार्यक्रम का शुभारंभ होगा.
  • 12:40 बजे राम मंदिर की आधारशिला की स्थापना होगी.
  • 2:05 बजे साकेत कॉलेज हेलिपैड के लिये प्रस्थान.
  • 2:20 बजे लखनऊ के लिए उड़ेगा हेलिकॉप्टर.

09:50 August 04

अनुष्ठान कराने वाले अयोध्या के संत रामानंद दास से ईटीवी भारत की खास बातचीत

अयोध्या के संत रामानंद दास से ईटीवी भारत की खास बातचीत

गणेश पूजन के साथ श्रीराम जन्मभूमि पर भूमि पूजन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मुख्य अनुष्ठान से पहले हनुमानगढ़ी पर निशान पूजन और रामर्चा पूजा बेहद खास है. भगवान राम की जन्मस्थान पर सुबह 9 बजे से शुरू हो रही रामर्चा पूजा 4 घंटे चलेगी. वैदिक रीति-रिवाज के अनुसार छह पुजारी इस अनुष्ठान को कराएंगे.

राम मंदिर निर्माण के लिए तीन दिन तक चलने वाले भूमि पूजन के अनुष्ठान का श्री गणेश हो चुका है. दूसरे दिन अनुष्ठान हनुमानगढ़ी पर निशान पूजन के साथ शुरू हो रहा है. इसके साथ भगवान राम के जन्मस्थान पर करीब चार घंटे तक रामर्चा पूजा की जाएगी. भूमि पूजन के अनुष्ठान में यह प्रमुख पूजा का कार्यक्रम है. इसके जरिए भगवान राम के साथ सभी देवी-देवताओं का पूजन-अर्चन किया जाएगा. रामर्चा पूजा इसलिए भी खास है, क्योंकि इसे अयोध्या में ही प्रकट किया गया था. 

ऐसे में ईटीवी भारत ने अनुष्ठान कराने वाले अयोध्या के संत रामानंद दास से बातचीत की. उन्होंने बताया कि अयोध्या के प्रमुख संत रहे श्रीराम वल्लभाशरण जी महाराज ने अयोध्या में रामर्चा पूजा को प्रकट किया. श्रीराम वल्लभाशरण जी महाराज अयोध्या के प्रमुख श्री राम वल्लभाकुंज के प्रतिष्ठापक रहे. रामर्चा पूजा प्रकट करने वाले संत के शिष्य के शिष्य रामानंद दास रामर्चा पूजा का अनुष्ठान संपन्न करा रहे हैं. 

रामलला के मूल गर्भगृह पर रामर्चा पूजा कराने वाले संत रामानंद दास अयोध्या के मंदिर श्रीराम कुंज कथा मंडप के महंत हैं. उन्होंने बताया कि 100 वर्ष पहले अयोध्या में रामर्चा पूजा शुरू हुई थी. रामर्चा पूजा अयोध्या के प्रमुख संत श्री राम वल्लभाशरण जी महाराज ने प्रकट किया था. आचार्य रामानंद दास ने बताया कि रामर्चा पूजा में भगवान राम की त्रिपाद विभूति रूप में तीन आवरण की पूजा होती है. समस्त देवताओं के अंग का आह्वान किया जाता है. उनका षोड्शोपचार से पूजा होती है. इसके बाद अंगी भगवान की विधिवत पूजा होती है.

इसमें विशेष कर भगवान श्रीराम के माता-पिता चक्रवर्ती राजा दशरथ, कौशल्या, कैकेई, सुमित्रा, हनुमान, सुग्रीव और इसके साथ सभी देवी-देवताओं का पूजन-अर्चन किया जाता है. रामर्चा पूजा के बाद राजाओं को साक्षात भगवान प्रकट हुए थे. दर्शन आचार्य रामदास कहते हैं कि शास्त्रों में पूजा-पाठ की पद्धति पुरानी है, लेकिन इसे सर्वजन सुलभ बनाने के लिए श्री राम वल्लभाकुंज के प्रतिष्ठापक व अयोध्या के प्रमुख संत श्रीराम वल्लभाशरण जी महाराज ने इस विशेष पूजा को अपने तप के प्रभाव से प्रकट किया था. रामर्चा पूजा के जरिए उन्होंने उस समय अनेक राजाओं ने महाराज श्री के शिष्य बनकर इस रामर्चा पूजन के जरिए भगवान के साथ साक्षात्कार किया. इस अनुष्ठान के प्रभाव से इसका प्रसार पूरे विश्व में हो चुका है. वर्तमान में देश के कोने-कोने में रामर्चा पूजा हो रही है.

हनुमानगढ़ी के निशान पूजन का महत्व
भगवान राम के जन्म स्थान पर रामर्चा पूजा से ठीक पहले हनुमानगढ़ी में निशान पूजन होना है. इस पूजन में हनुमान भजन का पूजन किया जाता है. माना जाता है कि अयोध्या के रक्षक और कलयुग के देवता हनुमान जी की पूजा से कार्य में सिद्धि मिलती है. हनुमानगढ़ी बजरंगबली का प्रथम निवास माना जाता है. राम दरबार के आगे भी कलयुग के देवता हनुमान विराजमान हैं. माना जाता है कि भगवान राम के बाद कलयुग में अयोध्या के राजा हनुमान जी हैं. हनुमानगढ़ी से पूरी अयोध्या का दर्शन किया जा सकता है. मान्यता है कि बजरंगबली अपने स्थान से पूरी अयोध्या की रखवाली करते हैं. ऐसे में किसी भी कार्य की शुरुआत करने से पहले अयोध्या में निशान पूजन यानी हनुमान ध्वजा पूजन का विशेष महत्व है. 

07:46 August 04

अयोध्या लाइव अपडेट-

अयोध्या/नई दिल्ली : अयोध्या में राम जन्मभूमि निर्माण के लिए भूमि पूजन से दो दिन पहले से ही धार्मिक गतिविधियां जारी है. अयोध्या में हर जगह बैरीकेड लगा दिए गए हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपील की है कि अयोध्या में बुधवार को होने वाले भूमि-पूजन समारोह में सिर्फ वही लोग आएं, जिन्हें आमंत्रित किया गया है.

योगी ने राम जन्मभूमि के पास घंटों रह कर समारोह की तैयारियों की समीक्षा की. उच्चतम न्यायालय के पिछले साल के फैसले के बाद यहां मंदिर निर्माण का काम शुरू होने वाला है.

सोमवार को 12 पुजारियों ने भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की. उसके बाद भगवान राम और माता सीता के राजवंशों के देवी-देवताओं की पूजा की जाएगी. मंगलवार को अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा की जाएगी.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने कई ट्वीट और संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुख्य समारोह के लिए आमंत्रित किए गए 175 लोगों में से 135 संत हैं जो विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं का हिस्सा हैं.

ट्रस्ट ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण धार्मिक नेताओं सहित कुछ अतिथियों को भूमि-पूजन समारोह में शामिल होने में कुछ दिक्कतें आ रही हैं.

राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली और बाबरी मस्जिद ध्वंस मामले में आरोपी भाजपा की अनुभवी नेता उमा भारती ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण वह भूमि पूजन में भाग नहीं लेंगी. उन्होंने कहा कि वह पूजन समाप्त होने के बाद अपनी पूजा करेंगी.

ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं से कहा है कि कोविड-19 से जुड़ी पाबंदियों को ध्यान में रखते हुए वे अयोध्या के बाहर ही ‘‘भजन-कीर्तन’ का आयोजन करें.

भूमि पूजन में आमंत्रित अतिथियों में इकबाल अंसारी भी शामिल हैं. वह मंदिर-मस्जिद विवाद मामले में पक्षकार थे.

69 वर्षीय अंसारी ने  कहा, मैं इसमें पक्का हिस्सा लूंगा. न्यायालय के फैसले के बाद अब विवाद खत्म हो गया है.

अंसारी के पिता हाशीम अंसारी इस मामले में सबसे पुराने पक्षकार थे, जिनकी 2016 में मृत्यु हो गई. उनके बाद बेटे ने इस मुकदमे को अदालत में जारी रखा.

उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि अयोध्या के एक सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद शरीफ को भी कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया गया है लेकिन वह बड़ी उम्र और बीमारी के कारण इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे.

कार्यक्रम के दौरान मंच पर सिर्फ पांच लोग होंगे.... प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, ट्रस्ट के प्रमुख महंत नृत्य गोपालदास महाराज, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.

वामपंथी दलों ने कार्यक्रम का विरोध करते हुए कहा है कि केन्द्र और राज्य सरकार के तत्वाधान में भूमि पूजन का आयोजन उच्चतम न्यायालय के आदेश के विरूद्ध है जिसने इसके लिए ट्रस्ट के गठन का आदेश दिया था.

भाकपा और माकपा ने अलग-अलग बयान जारी कर कहा कि फैसला सुनाते हुए उच्चतम न्यायालय ने 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने की घटना की निंदा की थी.

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भूमि पूजन के लिए घोषित पांच अगस्त की तिथि को अशुभ मुहुर्त बताते हुए सोमवार को फिर से प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया कि वह इस कार्यक्रम को स्थगित कर दें और चतुर्मास खत्म होने के बाद इसे करें.

दिग्विजय सिंह द्वारा पांच अगस्त को भूमि पूजन के लिए अशुभ मुहुर्त बताने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि अरे कांग्रेसियों, राम का नाम लेने से ही समय शुभ हो जाता है.’ पिछले नौ दिनों से भोपाल स्थित चिरायु मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमण का अपना इलाज करवा रहे चौहान ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया,  

कांग्रेस के नेता, जिन्होंने श्रीराम के अस्तित्व को ही नकार दिया, आज राम मंदिर के निर्माण के शुभ-अशुभ समय का निर्धारण करने में लगे हैं. अरे कांग्रेसियों, राम का नाम लेने से ही समय शुभ हो जाता है.

गौरतलब है कि चौहान कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण अस्पताल में भर्ती हैं.

वहीं योगी आदित्यनाथ ने इस आयोजन को ‘ऐतिहासिक’ बताया.

उन्होंने बताया, यह ना सिर्फ ऐतिहासिक है बल्कि भावनात्मक पल भी है क्योंकि 500 साल के बाद राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू हो रहा है. यह नये भारत की नींव होगा.

कार्यक्रम का दूरदर्शन पर साीधा प्रसारण होगा.

18:10 August 04

15:05 August 04

प्रियंका गांधी का ट्वीट

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प्रियंका गांधी द्वारा जारी वक्तव्य

सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है. राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं. भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने. मेरा वक्तव्य. 

13:19 August 04

मंदिर में बनेगी 751 दीपों की माला

मंदिर के पुजारी अंबिका प्रसाद से ईटीवी भारत की खास बातचीत

ईटीवी भारत से खास बातचीत में मंदिर के पुजारी अंबिका प्रसाद कहते हैं कि माता मंदिर को सजाया जा रहा है. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण सभी के लिए खुशी की बात है. माता मंदिर के लिए यह मौका और भी बड़ा है क्योंकि यहां शक्ति का निवास है. शक्ति की पूजा से ही सब काम मुमकिन हो पाएंगे.

पुजारी बताते हैं कि मंगलवार को सबसे पहले यहां भक्तों को ओम ध्वज वितरित जिए जा रहे हैं. यह एक नई शुरुआत और ऊर्जा के लिए हैं. बीते दिन सोमवार को मंदिर में भव्य रोशनी की गई थी. आज भी यह क्रम जारी रहेगा. कल यानी पांच अगस्त को मंदिर में 751 दीपों की माला बनेगी.

साथ ही आतिशबाजी भी होगी. मंदिर में भक्तों के बीच भी जबरदस्त उत्साह है. कोरोना के मद्देनजर दिन में यहां आने वाले औसतन लोगों की संख्या और उनके उत्साह दोनों में बढ़ोतरी हुई है. अम्बिका कहते हैं कि अब वो मंदिर बनने का इंतजार कर रहे हैं.

12:45 August 04

रामार्चन पूजा के चार चरण

धार्मिक गतिविधियां जारी

राम मंदिर के पुजारी सत्यानारायण दास ने जानकारी दी कि रामार्चन पूजा के चार चरण हैं. प्रथम चरण में भगवान राम के अलावा अन्य देवताओं की पूजा की जाएगी. दूसरे चरण में, अयोध्या में भगवान राम के सेनापतियों जैसे नल, नील और सुग्रीव की पूजा की जाएगी. 

इसके साथ ही वहां पूजा-अर्चना शुरू हो चुकी है. 

10:18 August 04

पीएम मोदी का अयोध्या कार्यक्रम

पीएम नरेंद्र मोदी बुधवार को राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में अयोध्या आ रहे हैं. उनके आगमन को लेकर तैयारियां लगभग पूरी की जा चुकी हैं. अयोध्या में पीएम मोदी तीन घंटे तक रूकेंगे. जानें उनके् कार्यक्रम का सिलसिलेवार ब्योरा :

  • 5 अगस्त की सुबह दिल्ली से प्रस्थान करेंगे.
  • 9:35 बजे दिल्ली से उड़ेगा विशेष विमान.
  • 10:35 बजे लखनऊ एयरपोर्ट पर होगी लैंडिंग.
  • 10:40 बजे हेलिकॉप्टर से अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे.
  • 11:30 बजे अयोध्या साकेत कॉलेज के हेलिपैड पर लैंडिंग होगी.
  • 11:40 बजे हनुमान गढ़ी पहुंच कर 10 मिनट दर्शन-पूजन.
  • 12 बजे राम जन्मभूमि परिसर पहुंचने का कार्यक्रम.
  • 10 मिनट में रामलला विराजमान का दर्शन-पूजन.
  • 12:15 बजे रामलला परिसर में पारिजात का पौधारोपण करेंगे.
  • 12:30 बजे भूमिपूजन कार्यक्रम का शुभारंभ होगा.
  • 12:40 बजे राम मंदिर की आधारशिला की स्थापना होगी.
  • 2:05 बजे साकेत कॉलेज हेलिपैड के लिये प्रस्थान.
  • 2:20 बजे लखनऊ के लिए उड़ेगा हेलिकॉप्टर.

09:50 August 04

अनुष्ठान कराने वाले अयोध्या के संत रामानंद दास से ईटीवी भारत की खास बातचीत

अयोध्या के संत रामानंद दास से ईटीवी भारत की खास बातचीत

गणेश पूजन के साथ श्रीराम जन्मभूमि पर भूमि पूजन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मुख्य अनुष्ठान से पहले हनुमानगढ़ी पर निशान पूजन और रामर्चा पूजा बेहद खास है. भगवान राम की जन्मस्थान पर सुबह 9 बजे से शुरू हो रही रामर्चा पूजा 4 घंटे चलेगी. वैदिक रीति-रिवाज के अनुसार छह पुजारी इस अनुष्ठान को कराएंगे.

राम मंदिर निर्माण के लिए तीन दिन तक चलने वाले भूमि पूजन के अनुष्ठान का श्री गणेश हो चुका है. दूसरे दिन अनुष्ठान हनुमानगढ़ी पर निशान पूजन के साथ शुरू हो रहा है. इसके साथ भगवान राम के जन्मस्थान पर करीब चार घंटे तक रामर्चा पूजा की जाएगी. भूमि पूजन के अनुष्ठान में यह प्रमुख पूजा का कार्यक्रम है. इसके जरिए भगवान राम के साथ सभी देवी-देवताओं का पूजन-अर्चन किया जाएगा. रामर्चा पूजा इसलिए भी खास है, क्योंकि इसे अयोध्या में ही प्रकट किया गया था. 

ऐसे में ईटीवी भारत ने अनुष्ठान कराने वाले अयोध्या के संत रामानंद दास से बातचीत की. उन्होंने बताया कि अयोध्या के प्रमुख संत रहे श्रीराम वल्लभाशरण जी महाराज ने अयोध्या में रामर्चा पूजा को प्रकट किया. श्रीराम वल्लभाशरण जी महाराज अयोध्या के प्रमुख श्री राम वल्लभाकुंज के प्रतिष्ठापक रहे. रामर्चा पूजा प्रकट करने वाले संत के शिष्य के शिष्य रामानंद दास रामर्चा पूजा का अनुष्ठान संपन्न करा रहे हैं. 

रामलला के मूल गर्भगृह पर रामर्चा पूजा कराने वाले संत रामानंद दास अयोध्या के मंदिर श्रीराम कुंज कथा मंडप के महंत हैं. उन्होंने बताया कि 100 वर्ष पहले अयोध्या में रामर्चा पूजा शुरू हुई थी. रामर्चा पूजा अयोध्या के प्रमुख संत श्री राम वल्लभाशरण जी महाराज ने प्रकट किया था. आचार्य रामानंद दास ने बताया कि रामर्चा पूजा में भगवान राम की त्रिपाद विभूति रूप में तीन आवरण की पूजा होती है. समस्त देवताओं के अंग का आह्वान किया जाता है. उनका षोड्शोपचार से पूजा होती है. इसके बाद अंगी भगवान की विधिवत पूजा होती है.

इसमें विशेष कर भगवान श्रीराम के माता-पिता चक्रवर्ती राजा दशरथ, कौशल्या, कैकेई, सुमित्रा, हनुमान, सुग्रीव और इसके साथ सभी देवी-देवताओं का पूजन-अर्चन किया जाता है. रामर्चा पूजा के बाद राजाओं को साक्षात भगवान प्रकट हुए थे. दर्शन आचार्य रामदास कहते हैं कि शास्त्रों में पूजा-पाठ की पद्धति पुरानी है, लेकिन इसे सर्वजन सुलभ बनाने के लिए श्री राम वल्लभाकुंज के प्रतिष्ठापक व अयोध्या के प्रमुख संत श्रीराम वल्लभाशरण जी महाराज ने इस विशेष पूजा को अपने तप के प्रभाव से प्रकट किया था. रामर्चा पूजा के जरिए उन्होंने उस समय अनेक राजाओं ने महाराज श्री के शिष्य बनकर इस रामर्चा पूजन के जरिए भगवान के साथ साक्षात्कार किया. इस अनुष्ठान के प्रभाव से इसका प्रसार पूरे विश्व में हो चुका है. वर्तमान में देश के कोने-कोने में रामर्चा पूजा हो रही है.

हनुमानगढ़ी के निशान पूजन का महत्व
भगवान राम के जन्म स्थान पर रामर्चा पूजा से ठीक पहले हनुमानगढ़ी में निशान पूजन होना है. इस पूजन में हनुमान भजन का पूजन किया जाता है. माना जाता है कि अयोध्या के रक्षक और कलयुग के देवता हनुमान जी की पूजा से कार्य में सिद्धि मिलती है. हनुमानगढ़ी बजरंगबली का प्रथम निवास माना जाता है. राम दरबार के आगे भी कलयुग के देवता हनुमान विराजमान हैं. माना जाता है कि भगवान राम के बाद कलयुग में अयोध्या के राजा हनुमान जी हैं. हनुमानगढ़ी से पूरी अयोध्या का दर्शन किया जा सकता है. मान्यता है कि बजरंगबली अपने स्थान से पूरी अयोध्या की रखवाली करते हैं. ऐसे में किसी भी कार्य की शुरुआत करने से पहले अयोध्या में निशान पूजन यानी हनुमान ध्वजा पूजन का विशेष महत्व है. 

07:46 August 04

अयोध्या लाइव अपडेट-

अयोध्या/नई दिल्ली : अयोध्या में राम जन्मभूमि निर्माण के लिए भूमि पूजन से दो दिन पहले से ही धार्मिक गतिविधियां जारी है. अयोध्या में हर जगह बैरीकेड लगा दिए गए हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपील की है कि अयोध्या में बुधवार को होने वाले भूमि-पूजन समारोह में सिर्फ वही लोग आएं, जिन्हें आमंत्रित किया गया है.

योगी ने राम जन्मभूमि के पास घंटों रह कर समारोह की तैयारियों की समीक्षा की. उच्चतम न्यायालय के पिछले साल के फैसले के बाद यहां मंदिर निर्माण का काम शुरू होने वाला है.

सोमवार को 12 पुजारियों ने भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की. उसके बाद भगवान राम और माता सीता के राजवंशों के देवी-देवताओं की पूजा की जाएगी. मंगलवार को अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा की जाएगी.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने कई ट्वीट और संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुख्य समारोह के लिए आमंत्रित किए गए 175 लोगों में से 135 संत हैं जो विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं का हिस्सा हैं.

ट्रस्ट ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण धार्मिक नेताओं सहित कुछ अतिथियों को भूमि-पूजन समारोह में शामिल होने में कुछ दिक्कतें आ रही हैं.

राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली और बाबरी मस्जिद ध्वंस मामले में आरोपी भाजपा की अनुभवी नेता उमा भारती ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण वह भूमि पूजन में भाग नहीं लेंगी. उन्होंने कहा कि वह पूजन समाप्त होने के बाद अपनी पूजा करेंगी.

ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं से कहा है कि कोविड-19 से जुड़ी पाबंदियों को ध्यान में रखते हुए वे अयोध्या के बाहर ही ‘‘भजन-कीर्तन’ का आयोजन करें.

भूमि पूजन में आमंत्रित अतिथियों में इकबाल अंसारी भी शामिल हैं. वह मंदिर-मस्जिद विवाद मामले में पक्षकार थे.

69 वर्षीय अंसारी ने  कहा, मैं इसमें पक्का हिस्सा लूंगा. न्यायालय के फैसले के बाद अब विवाद खत्म हो गया है.

अंसारी के पिता हाशीम अंसारी इस मामले में सबसे पुराने पक्षकार थे, जिनकी 2016 में मृत्यु हो गई. उनके बाद बेटे ने इस मुकदमे को अदालत में जारी रखा.

उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि अयोध्या के एक सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद शरीफ को भी कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया गया है लेकिन वह बड़ी उम्र और बीमारी के कारण इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे.

कार्यक्रम के दौरान मंच पर सिर्फ पांच लोग होंगे.... प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, ट्रस्ट के प्रमुख महंत नृत्य गोपालदास महाराज, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.

वामपंथी दलों ने कार्यक्रम का विरोध करते हुए कहा है कि केन्द्र और राज्य सरकार के तत्वाधान में भूमि पूजन का आयोजन उच्चतम न्यायालय के आदेश के विरूद्ध है जिसने इसके लिए ट्रस्ट के गठन का आदेश दिया था.

भाकपा और माकपा ने अलग-अलग बयान जारी कर कहा कि फैसला सुनाते हुए उच्चतम न्यायालय ने 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने की घटना की निंदा की थी.

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भूमि पूजन के लिए घोषित पांच अगस्त की तिथि को अशुभ मुहुर्त बताते हुए सोमवार को फिर से प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया कि वह इस कार्यक्रम को स्थगित कर दें और चतुर्मास खत्म होने के बाद इसे करें.

दिग्विजय सिंह द्वारा पांच अगस्त को भूमि पूजन के लिए अशुभ मुहुर्त बताने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि अरे कांग्रेसियों, राम का नाम लेने से ही समय शुभ हो जाता है.’ पिछले नौ दिनों से भोपाल स्थित चिरायु मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमण का अपना इलाज करवा रहे चौहान ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया,  

कांग्रेस के नेता, जिन्होंने श्रीराम के अस्तित्व को ही नकार दिया, आज राम मंदिर के निर्माण के शुभ-अशुभ समय का निर्धारण करने में लगे हैं. अरे कांग्रेसियों, राम का नाम लेने से ही समय शुभ हो जाता है.

गौरतलब है कि चौहान कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण अस्पताल में भर्ती हैं.

वहीं योगी आदित्यनाथ ने इस आयोजन को ‘ऐतिहासिक’ बताया.

उन्होंने बताया, यह ना सिर्फ ऐतिहासिक है बल्कि भावनात्मक पल भी है क्योंकि 500 साल के बाद राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू हो रहा है. यह नये भारत की नींव होगा.

कार्यक्रम का दूरदर्शन पर साीधा प्रसारण होगा.

Last Updated : Aug 4, 2020, 6:22 PM IST
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