हैदराबादः पूर्व केंद्रीय मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने मेट्रों परियोजना को पूर्ण रुप से राज्यों के हाथों में सौंपने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए थे. रेड्डी ने 2008 में मेट्रो ट्रेन को देश कई हिस्सों में पहुंचाने के लिए प्रभावी काम किया है. खास तौर पर बात करें हैदराबाद मैट्रों की तो इसके विस्तार को लेकर उन्होंने काफी काम किया. ये कहना किसी और का नहीं, बल्कि हैदराबाद मेट्रों के एक उच्चस्तरीय अधिकारी का है.
हैदराबाद मेट्रों लिमटेड के प्रबंध निदेशक एन वी एस रेड्डी ने जयपाल रेड्डी के मृत्यु पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्री ने मेट्रो परियोजनाओं के लिए राज्य सरकारों को स्वतंत्रता देने के लिए काम किया था.
उन्होंने कहा कि जयपाल रेड्डी ने हैदराबाद मेट्रों परियोजना का सदैव समर्थन किया है.
एनवीएस रेड्डी ने ट्वीट करते हुए कहा कि 2008 में रेल नीति मंत्री समूह के सदस्य जयपाल मेट्रों के सही ढ़ंग से विस्तार के लिए राज्य सरकारों को स्वतंत्रा प्रदान करने की बात कहते थे. उनका मानना था कि राज्य सरकारें स्वतंत्र तौर पर मेट्रों परियोजना पर बेहतर तरीके से काम कर सकेंगी. जबकि भारतीय रेलवे इस पर सहमत न थी व लगातार इस पर आपत्ति जता रही थी.
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हैदराबाद मेट्रों लिमटेड ने कहा कि रेल मंत्रालय ने जल्द ही भारतीय शहरों में मेट्रों परियोजना के लिए ब्राड पैमाना लिया था. जबकि विश्व में मेट्रों के लिए मानक गेज और बी जी मेट्रो कोच उपलब्ध नहीं थे.
उन्होंने मेट्रों रेल परियोजना 2008 के मंत्री समूह को सदस्य होने के मानक गज को बीजी में बदलाव के समस्या को बताया. विदेशी दौरें के दौरान उन्होंने अंर्तराष्ट्रीय विशेषज्ञों से इस चर्चा किया.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार (मुम्बई मेट्रों के लिए) कर्नाटक सरकार (बेंग्लूरु मेट्रों के लिए) और आंध्र प्रदेश (हैदराबाद मेट्रों के लिए) सरकार को रेलवे के हस्तक्षेंप के बिना अत्याधुनिक मेट्रों बनाने के लिए मानक गज के प्रयोग के करने की अनुमति के याचना की.
केंद्र ने घोषणा की कि राज्य अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के लिए जो भी वे चाहते है अपनाने के लिए स्वतंत्र थे.