नई दिल्ली : भारत-चीन गतिरोध को लेकर संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम शांति चाहते हैं, किंतु हमारी सेना हर चुनौती से निबटने के लिए तैयार है. इस पर विपक्ष ने निशाना साधा है.
रक्षा मंत्री के बयान के बाद कांग्रेस के सदस्यों ने कुछ प्रश्नों के जवाब की मांग की जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन में सहमति बनी है कि जब किसी लोक महत्व के विषय पर मंत्री द्वारा बयान दिया जाएगा तो उस पर कोई प्रश्न नहीं पूछा जाएगा.
प्रश्नों के जवाब नहीं दिये जाने पर विरोध जताते हुए कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया.
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कई सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि देश की सेना एकजुट है लेकिन राजनाथ सिंह यह बताएं कि चीन ने हमारी सरजमीं पर कब्जे का दुस्साहस कैसे किया? मोदी जी ने चीन द्वारा हमारे क्षेत्र में घुसपैठ न करने के बारे में गुमराह क्यों किया? चीन को हमारी सरजमीं से वापस कब खदेड़ेंगे? चीन को लाल आंख कब दिखाएंगे?
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में भारत चीन विवाद को लेकर कहा है कि भारत और चीन सीमा मुद्दा अभी भी अनसुलझा है. अब तक, पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान नहीं हुआ है. चीन ने एलएसी और आंतरिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सेना की बटालियन और सेनाएं जुटाई हैं.
पूर्वी लद्दाख, गोगरा, कोंगका ला, पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण में कई बिंदु पर भारतीय सेना ने काउंटर तैनाती की है. सिंह ने कहा, मैं यह बताना चाहता हूं कि सरकार की विभिन्न इंटेलिजेंस एजेंसियों के बीच पूरा तालमेल है. टेक्निकल और ह्यूमन इंटेलिजेंस को इकट्ठा किया जाता है और सशस्त्र बलों से साझा किया जाता है.
उन्होंने कहा कि भारत और चीन दोनों सहमत हैं कि भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए, द्विपक्षीय संबंधों के आगे विकास के लिए आवश्यक है. रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे जवानों ने सीमा ने पर दिलेरी दिखाई. जवानों की प्रशंसा की जानी चाहिए.
राजनाथ सिंह ने बताया कि समस्त देशवासी अपने वीर जवानों के साथ खड़े हैं. मैंने भी लद्दाख जाकर अपने शूरवीरों के साथ समय बिताया है और मैं आपको ये बताना चाहता हूं कि मैंने उनके अदम्य साहस और शौर्य को महसूस भी किया है.