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1965 में भारत-पाक युद्ध के हीरो परमवीर अब्दुल हमीद की पत्नी का निधन - रसूलन बीबी का निधन

रसूलन बीबी शहीद परमवीर अब्दुल हमीद की पत्नी थीं. आज उनका उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में निधन हो गया. जानें कैसा था अब्दुल हमीद का शौर्य

रसूलन बीबी (फाइल फोटो)
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Published : Aug 2, 2019, 7:16 PM IST

नई दिल्ली: परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद भारतीय सेना में 4 ग्रेनेडियर के क्वार्टर मास्टर हवलदार थे. आज उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में शहीद अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी का निधन हो गया.

अब्दुल हमीद पूर्वी उत्तर प्रदेश के बहुत ही साधारण परिवार से आते थे. हालांकि, मौका मिलने पर अब्दुल हमीद ने वीरता और साहस की असाधारण मिसाल कायम की.

1965 के भारत-पाक युद्ध में शहीद होने के बाद उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था. तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अब्दुल हमीद का जीता हुआ परमवीर चक्र उनकी पत्नी रसूलन बीबी के हाथों में दिया था.

1965 की भारत-पाकिस्तान लड़ाई में खेमकरन सेक्टर में अब्दुल हमीद ने अद्भुत शौर्य दिखाया था. पाकिस्तान के कई पैटन टैंकों को नष्ट करने के लिए उन्हें सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से नवाजा गया था.

लेखिका रचना बिष्ट रावत की किताब 'द ब्रेव परमवीर स्टोरीज़ में शहीद अब्दुल हमीद से जुड़े किस्सों का जिक्र है.

ये भी पढ़ें: कारगिल विजय दिवस: ऑपरेशन विजय को 20 साल पूरे

एक अन्य लेखक हरबख़्श सिंह ने भी अपनी किताब 'वॉर डिस्पेचेज़' में अब्दुल हमीद के शौर्य का जिक्र किया है.

मेजर जनरल इयान कारडोजो ने अपनी किताब में हमीद को परमवीर चक्र देने की सिफारिश भेजे जाने का जिक्र किया है. किताब में लिखा गया है कि सिफारिश के अगले दिन अब्दुल हमीद ने तीन और पाकिस्तानी टैंक नष्ट किए थे.

नई दिल्ली: परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद भारतीय सेना में 4 ग्रेनेडियर के क्वार्टर मास्टर हवलदार थे. आज उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में शहीद अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी का निधन हो गया.

अब्दुल हमीद पूर्वी उत्तर प्रदेश के बहुत ही साधारण परिवार से आते थे. हालांकि, मौका मिलने पर अब्दुल हमीद ने वीरता और साहस की असाधारण मिसाल कायम की.

1965 के भारत-पाक युद्ध में शहीद होने के बाद उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था. तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अब्दुल हमीद का जीता हुआ परमवीर चक्र उनकी पत्नी रसूलन बीबी के हाथों में दिया था.

1965 की भारत-पाकिस्तान लड़ाई में खेमकरन सेक्टर में अब्दुल हमीद ने अद्भुत शौर्य दिखाया था. पाकिस्तान के कई पैटन टैंकों को नष्ट करने के लिए उन्हें सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से नवाजा गया था.

लेखिका रचना बिष्ट रावत की किताब 'द ब्रेव परमवीर स्टोरीज़ में शहीद अब्दुल हमीद से जुड़े किस्सों का जिक्र है.

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एक अन्य लेखक हरबख़्श सिंह ने भी अपनी किताब 'वॉर डिस्पेचेज़' में अब्दुल हमीद के शौर्य का जिक्र किया है.

मेजर जनरल इयान कारडोजो ने अपनी किताब में हमीद को परमवीर चक्र देने की सिफारिश भेजे जाने का जिक्र किया है. किताब में लिखा गया है कि सिफारिश के अगले दिन अब्दुल हमीद ने तीन और पाकिस्तानी टैंक नष्ट किए थे.

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