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रामोजी ग्रुप द्वारा बनवाए गए 121 घर बाढ़ में भी हैं सुरक्षित

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Published : Aug 16, 2020, 11:06 PM IST

Updated : Aug 17, 2020, 9:51 PM IST

केरल में 2018 और 2019 में लगातार बाढ़ आई थी. इस बाढ़ ने अलप्पुझा शहर के कई घरों को तबाह कर दिया था. रामोजी ग्रुप के चैयरमेन रामोजी राव बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए थे. रामोजी राव ने 121 परिवारों के लिए घर बनवाए थे. केरल में इस बार भी बाढ़ आई है, लेकिन रामोजी राव द्वारा बनवाए गए ये घर बाढ़ में सुरक्षित हैं.

केरल में रामोजी ग्रुप के घर
केरल में रामोजी ग्रुप के घर

तिरुवनंतपुरम : कोरोना वायरस ने दुनियाभर में कहर मचा रखा है. जिसके कारण दिन रात गुलजार रहने वाले पर्यटन केंद्र सुनसान पड़े हैं. केरल का अलाप्पुझा शहर जिसे 'पूर्व का वेनिस' भी कहा जाता है. केरल में 2018 और 2019 में आई बाढ़ के बाद सुधर रहा था, लेकिन 2020 में भी प्राकृतिक आपदा अपना कहर बरपा रही है.

यह केरल के उन जिलों में से एक है, जो अक्सर प्राकृतिक अपादाओं से प्रभावित रहता है. इसका एक प्रमुख कारण इस जिले की भौगोलिक बनावट भी है. केरल में जब भी भारी बारिश होती है और पूर्व से पानी का प्रवाह आमतौर पर अलाप्पुझा के अधिकांश स्थानों को जलमग्न कर देता है. इस साल भी ऐसा ही हुआ है.

पिछले दो वर्षों की भांति इस वर्ष भी अलप्पुझा में बाढ़ आ गई है. हालांकि संकट के बीच भी राहत के रूप में कुछ अच्छी खबरें सुनने को मिली हैं. इस बारिश के दौरान अलप्पुझा के नेदुमुडी की एक महिला लता शंकरनकुट्टी ने जिला उप कलेक्टर वी आर कृष्णा को पत्र लिखा है. उसने पत्र में लिखा कि इस बार मेरे इलाके में बाढ़ नहीं आई. धन्यवाद.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

2018 की बाढ़ से यहां के रहने वाले लोगों का घर पूरी तरह से तबाह हो गया था. इसके बाद रामोजी ग्रुप के चैयरमैन रामोजी राव बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए थे. रामोजी राव ने 121 परिवारों के लिए घर बनवाया था, जो बाढ़ प्रतिरोधी थे. इन घरों को यह ध्यान में रखते हुए बनाया गया था कि ये घर बाढ़ का सामना कर सकें.

इस बार केरल में मूसलाधार बारिश हो रही है, जिससे अलाप्पुझा शहर के कुट्टनाड के आस-पास के इलाकों में बाढ़ आ गई है. अलाप्पुझा के कुट्टनाड में जलभराव के बावजूद रामोजी समूह द्वारा निर्मित घर सौंपे थे. वे घर सुरक्षित हैं और बाढ़ से लोगों की रक्षा कर रहे हैं.

पढ़ेंः ईनाडु-रामोजी ग्रुप ने केरल बाढ़ पीड़ितों को सौंपी 121 घरों की चाबी

रामोजी समूह द्वारा बाढ़ पीड़ितों को दिए गए सभी 121 मकानों का निर्माण जमीनी स्तर से डेढ़ मीटर ऊपर किया गया है. निर्माण ने संरचना का निर्माण करते समय विशेष फ्लोटिंग ईंटों का भी उपयोग किया है.

तिरुवनंतपुरम : कोरोना वायरस ने दुनियाभर में कहर मचा रखा है. जिसके कारण दिन रात गुलजार रहने वाले पर्यटन केंद्र सुनसान पड़े हैं. केरल का अलाप्पुझा शहर जिसे 'पूर्व का वेनिस' भी कहा जाता है. केरल में 2018 और 2019 में आई बाढ़ के बाद सुधर रहा था, लेकिन 2020 में भी प्राकृतिक आपदा अपना कहर बरपा रही है.

यह केरल के उन जिलों में से एक है, जो अक्सर प्राकृतिक अपादाओं से प्रभावित रहता है. इसका एक प्रमुख कारण इस जिले की भौगोलिक बनावट भी है. केरल में जब भी भारी बारिश होती है और पूर्व से पानी का प्रवाह आमतौर पर अलाप्पुझा के अधिकांश स्थानों को जलमग्न कर देता है. इस साल भी ऐसा ही हुआ है.

पिछले दो वर्षों की भांति इस वर्ष भी अलप्पुझा में बाढ़ आ गई है. हालांकि संकट के बीच भी राहत के रूप में कुछ अच्छी खबरें सुनने को मिली हैं. इस बारिश के दौरान अलप्पुझा के नेदुमुडी की एक महिला लता शंकरनकुट्टी ने जिला उप कलेक्टर वी आर कृष्णा को पत्र लिखा है. उसने पत्र में लिखा कि इस बार मेरे इलाके में बाढ़ नहीं आई. धन्यवाद.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

2018 की बाढ़ से यहां के रहने वाले लोगों का घर पूरी तरह से तबाह हो गया था. इसके बाद रामोजी ग्रुप के चैयरमैन रामोजी राव बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए थे. रामोजी राव ने 121 परिवारों के लिए घर बनवाया था, जो बाढ़ प्रतिरोधी थे. इन घरों को यह ध्यान में रखते हुए बनाया गया था कि ये घर बाढ़ का सामना कर सकें.

इस बार केरल में मूसलाधार बारिश हो रही है, जिससे अलाप्पुझा शहर के कुट्टनाड के आस-पास के इलाकों में बाढ़ आ गई है. अलाप्पुझा के कुट्टनाड में जलभराव के बावजूद रामोजी समूह द्वारा निर्मित घर सौंपे थे. वे घर सुरक्षित हैं और बाढ़ से लोगों की रक्षा कर रहे हैं.

पढ़ेंः ईनाडु-रामोजी ग्रुप ने केरल बाढ़ पीड़ितों को सौंपी 121 घरों की चाबी

रामोजी समूह द्वारा बाढ़ पीड़ितों को दिए गए सभी 121 मकानों का निर्माण जमीनी स्तर से डेढ़ मीटर ऊपर किया गया है. निर्माण ने संरचना का निर्माण करते समय विशेष फ्लोटिंग ईंटों का भी उपयोग किया है.

Last Updated : Aug 17, 2020, 9:51 PM IST
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