नई दिल्ली : केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने ऐलान किया है कि संपूर्ण भारत में स्वर्ण आभूषण और कलाकृतियों के लिए हॉल मार्किंग अनिवार्य किया जा रहा है.
उन्होंने कहा है कि इस बारे में अधिसूचना को मंजूरी दी जाएगी और केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा 1 वर्ष का कार्यान्वयन का समय देते हुए 15 जनवरी 2020 तक अधिसूचना को जारी किया जाएगा.
बता दें इस 1 वर्ष के कार्यान्वयन समय में नए ऐसेयिंग एवं हॉल मार्किंग केंद्र निजी व्यवसायियों द्वारा आवश्यकता अनुसार लगाए जाएंगे और ज्वैलर पंजीकरण प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इससे ज्वेलर/खुदरा व्यवसायियों को अपने मौजूदा/ पुराने भंडार को समाप्त करने के लिए 1 वर्ष का समय मिल जाएगा.
इस पर रामविलास पासवान ने कहा कि यह निर्णय आम उपभोक्ताओं और ज्वेलर्स के लाभ को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. हॉलमार्किंग जनता को मिलावट से बचाता है और यह सुनिश्चित करता है कि उपभोक्ताओं को घटिया गुणवत्ता वाले गहने खरीदने में धोखा ना मिले. यह निर्माताओं को शुद्धता के कानूनी मानकों को बनाए रखने के लिए भी बाध्य करता है.
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रामविलास पासवान ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) अधिनियम 2016 को 12 अक्टूबर 2017 और भारतीय मानक ब्यूरो (हॉल मार्किंग) विनियम 2018 को 14 जून 2018 से लागू किया गया. बीआईएस अप्रैल 2000 से सोने के आभूषणों के लिए हॉल मार्किंग योजना चला रहा है.
गौरतबल है कि 31 अक्टूबर 2019 को पूरे देश के 234 जिलों में, 877 ऐसेयिंग हॉल मार्किंग केंद्र है तथा 26019 ज्वैलरो ने बीआईएस का पंजीकरण ले रखा है.
उल्लेखनीय है कि भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 2016 में केंद्र सरकार द्वारा सोने की धातुओं ( स्वर्ण ज्वेलरी और आर्टिफैक्ट्स) की अनिवार्य हॉल मार्किंग करने के लिए धारा 14 और धारा 16 के तहत प्रावधानों को सक्षम किया गया है. इसे सोने के समान बेचने वाले सभी ज्वेलर्स को भारतीय मानक ब्यूरो के साथ पंजीकरण करना अनिवार्य होगा और केवल हॉल मार्क वाले सोने के आभूषण और कलाकृतियां बेची जा सकेंगी.
बता दें कि सोने के आभूषणों और सोने की शिल्पाकृतियों की अनिवार्य हॉल मार्किंग के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश 10 अक्टूबर 2019 को डब्ल्यूटीओ वेबसाइट पर टिप्पणियों के लिए 60 दिन के लिए डाला गया है.