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विपक्षी दलों को सीएए की पर्याप्त जानकारी नहीं : राम माधव

भाजपा के वरिष्ठ नेता राम माधव ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) देश के किसी नागरिक के खिलाफ नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को सीएए की पर्याप्त जानकारी नहीं है.

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राम माधव
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Published : Jan 3, 2020, 11:27 PM IST

हैदराबाद : भाजपा के वरिष्ठ नेता राम माधव ने इस बात पर जोर दिया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) देश के किसी नागरिक के खिलाफ नहीं है और कानून का विरोध कर रहे विपक्षी दलों को इस विषय की पर्याप्त जानकारी नहीं है.

माधव ने सीएए का विरोध करने वाले दलों पर कानून के तथ्यों से वाकिफ नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा, 'वे तथ्यों को जानने का प्रयास भी नहीं करते. इसलिये वे लोगों को गुमराह करने का प्रयास करते हैं.'
माधव ने यहां उस्मानिया विश्वविद्यालय में 'संशोधित नागरिकता कानून पर चर्चा' के दौरान कहा कि जैसे पहले हम 'वाटरप्रूफ' घड़ियां इस्तेमाल करते थे, उसी प्रकार ये दल ज्ञान रोधी हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि देश की नागरिकता हासिल करने के लिये कुछ नियम हैं, जिसके तहत अखिल भारतीय कांग्रेस समिति अध्यक्ष सोनिया गांधी और गायक अदनान सामी भारतीय नागरिक बने हैं.
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल या सीएए का विरोध कर रहे लोग सांप्रदायिक आधार पर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वे राजनीतिक मोर्चे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सामना नहीं कर सकते.

संशोधित नागरिकता कानून में दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, आफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना की वजह से भारत आए वहां के अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है.

उनके मुताबिक बांग्लादेश द्वारा खुद को इस्लामी राष्ट्र घोषित किये जाने और उसके बाद की गतिविधियों के कारण वहां से बड़ी संख्या में हिंदू, बौद्ध और ईसाई भारत आए और बीते कई दशकों से रह रहे हैं.

उन्होंने कहा, '...वे प्रतिकूल और असहनीय परिस्थितियों में भारत आए...अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा 1993 में प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक भारत में 44 लाख शरणार्थी थे.'

बांग्लादेश में बीते दस साल के दौरान स्थिति में सुधार हुआ है.

माधव ने मुसलमानों से अनुरोध किया कि वे कुछ विपक्षी दलों द्वारा चलाए जा रहे भ्रामक प्रचार अभियान का शिकार न हों.

उन्होंने आरोप लगाया, 'सीएए मुसलमानों या किसी अन्य धर्म के खिलाफ नहीं है. हमारे देश में अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोग पहले इस तरह के प्रचार में बलि का बकरा बन चुके हैं.'

ये भी पढ़ें- गृहमंत्री अमित शाह की दो टूक, नहीं लेंगे CAA को वापस

बाद में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय से ही सीएए केंद्र का अपूर्ण एजेंडा रहा है. उन्होंने दावा किया, 'नेहरू ने यह किया था. इंदिरा गांधी ने यह किया था. अब हम उन्हें नागरिकता की पेशकश कर इसे तार्किक अंजाम तक पहुंचा रहे हैं. लेकिन विपक्ष इसके बारे में गलत बातें फैला रहा है.'

हैदराबाद : भाजपा के वरिष्ठ नेता राम माधव ने इस बात पर जोर दिया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) देश के किसी नागरिक के खिलाफ नहीं है और कानून का विरोध कर रहे विपक्षी दलों को इस विषय की पर्याप्त जानकारी नहीं है.

माधव ने सीएए का विरोध करने वाले दलों पर कानून के तथ्यों से वाकिफ नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा, 'वे तथ्यों को जानने का प्रयास भी नहीं करते. इसलिये वे लोगों को गुमराह करने का प्रयास करते हैं.'
माधव ने यहां उस्मानिया विश्वविद्यालय में 'संशोधित नागरिकता कानून पर चर्चा' के दौरान कहा कि जैसे पहले हम 'वाटरप्रूफ' घड़ियां इस्तेमाल करते थे, उसी प्रकार ये दल ज्ञान रोधी हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि देश की नागरिकता हासिल करने के लिये कुछ नियम हैं, जिसके तहत अखिल भारतीय कांग्रेस समिति अध्यक्ष सोनिया गांधी और गायक अदनान सामी भारतीय नागरिक बने हैं.
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल या सीएए का विरोध कर रहे लोग सांप्रदायिक आधार पर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वे राजनीतिक मोर्चे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सामना नहीं कर सकते.

संशोधित नागरिकता कानून में दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, आफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना की वजह से भारत आए वहां के अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है.

उनके मुताबिक बांग्लादेश द्वारा खुद को इस्लामी राष्ट्र घोषित किये जाने और उसके बाद की गतिविधियों के कारण वहां से बड़ी संख्या में हिंदू, बौद्ध और ईसाई भारत आए और बीते कई दशकों से रह रहे हैं.

उन्होंने कहा, '...वे प्रतिकूल और असहनीय परिस्थितियों में भारत आए...अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा 1993 में प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक भारत में 44 लाख शरणार्थी थे.'

बांग्लादेश में बीते दस साल के दौरान स्थिति में सुधार हुआ है.

माधव ने मुसलमानों से अनुरोध किया कि वे कुछ विपक्षी दलों द्वारा चलाए जा रहे भ्रामक प्रचार अभियान का शिकार न हों.

उन्होंने आरोप लगाया, 'सीएए मुसलमानों या किसी अन्य धर्म के खिलाफ नहीं है. हमारे देश में अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोग पहले इस तरह के प्रचार में बलि का बकरा बन चुके हैं.'

ये भी पढ़ें- गृहमंत्री अमित शाह की दो टूक, नहीं लेंगे CAA को वापस

बाद में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय से ही सीएए केंद्र का अपूर्ण एजेंडा रहा है. उन्होंने दावा किया, 'नेहरू ने यह किया था. इंदिरा गांधी ने यह किया था. अब हम उन्हें नागरिकता की पेशकश कर इसे तार्किक अंजाम तक पहुंचा रहे हैं. लेकिन विपक्ष इसके बारे में गलत बातें फैला रहा है.'

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Summary : Bjp's General secretary Ram Madhav Dhave said that CAA Act was introduced only to repatriate only the disabled migrators. Dhave also made it clear that the opposition is creating an unnecessary radical situation without understanding the Act.
CAA is meant for nations interest
The seminar on CAA was held under the aegis of ABVP in Hyderabad Osmania University. The Chief Guest at the seminar was Bjp's National General Secretary Ram madhav Davey. He also made it clear that the Citizenship Amendment Act is not against any of the religion. Ram madhav dhave told that the opposition parties do not know the truth about the Act. At least those parties not even trying to know the complete information provided in the Act.  CAA is for refugees from neigh bouring countries said by Ram madhav dhave.
CAA for Citizenship of India
He also added all Islamic tribes are in India... but not in Islamic countries. Ram madhav dhave asked each and every opponent party that... what is the status of refugees in India. It is India's responsibility to grant citizenship to asylum seekers that whcih PM Modi has done the same thing.

Conclusion:
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