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असम की तरह बिहार में भी लागू हो NRC : राकेश सिन्हा - एनआरसी पर राकेश सिन्हा

असम के बाद अब बिहार में भी एनआरसी लागू हो, ये कहना है बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा का. एनआरसी लागू करने का कारण बताते हुए वे कहते हैं कि बांग्लादेशी घुसपैठिए बिहार के सीमांचल में आ रहे हैं.

राकेश सिन्हा
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Published : Sep 2, 2019, 8:15 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 5:11 AM IST

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि असम के लिए एनआरसी जितना जरूरी है, बिहार के लिए भी उतना ही आवश्यक है. उनका कहना है कि बांग्लादेशी घुसपैठिएं बिहार के कई इलाकों में आकर गैर कानूनी तरीके से बस रहे हैं.

राकेश सिन्हा बताते हैं कि बिहार के सीमांचल इलाके, खासकर किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार में लगातार जनसंख्या वृद्धि हुई है. यह वृद्धि विदेशी घुसपैठियों के कारण ही हुई है.

राकेश सिन्हा से ईटीवी भारत की बातचीत.

उन्होंने कहा कि बिहार के सीमांचल के किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार जैसे जिलों में सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन प्रभावित हो रहा है. सीमांचल के कई इलाकों में हिंदुओं के धार्मिक अधिकारों पर घुसपैठियों के दबाव में प्रहार किए जा रहे हैं. सीमांचल में एनआरसी का होंना बहुत जरूरी है.

उन्होंने कहा कि जो लोग एनआरसी का विरोध कर रहे हैं वह देश की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं.

पढ़ें: NRC सूची पर JDU ने जताई नाराजगी, कहा-कई महत्वपूर्ण लोगों के नाम छूटे

बता दें, बिहार का जो सीमांचल इलाका है उससे बांग्लादेश की सीमाएं लगती हैं. इन इलाकों में बांग्लादेशी पश्चिम बंगाल और नेपाल के रास्ते होकर आते हैं और देश के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध दस्तावेज बनाकर रहने लगते हैं. असम में एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी हो गई है. अंतिम सूची से 19 लाख से ज्यादा लोग बाहर हैं. 3 करोड़ से अधिक लोगों को वैध करार दिया गया है.

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि असम के लिए एनआरसी जितना जरूरी है, बिहार के लिए भी उतना ही आवश्यक है. उनका कहना है कि बांग्लादेशी घुसपैठिएं बिहार के कई इलाकों में आकर गैर कानूनी तरीके से बस रहे हैं.

राकेश सिन्हा बताते हैं कि बिहार के सीमांचल इलाके, खासकर किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार में लगातार जनसंख्या वृद्धि हुई है. यह वृद्धि विदेशी घुसपैठियों के कारण ही हुई है.

राकेश सिन्हा से ईटीवी भारत की बातचीत.

उन्होंने कहा कि बिहार के सीमांचल के किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार जैसे जिलों में सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन प्रभावित हो रहा है. सीमांचल के कई इलाकों में हिंदुओं के धार्मिक अधिकारों पर घुसपैठियों के दबाव में प्रहार किए जा रहे हैं. सीमांचल में एनआरसी का होंना बहुत जरूरी है.

उन्होंने कहा कि जो लोग एनआरसी का विरोध कर रहे हैं वह देश की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं.

पढ़ें: NRC सूची पर JDU ने जताई नाराजगी, कहा-कई महत्वपूर्ण लोगों के नाम छूटे

बता दें, बिहार का जो सीमांचल इलाका है उससे बांग्लादेश की सीमाएं लगती हैं. इन इलाकों में बांग्लादेशी पश्चिम बंगाल और नेपाल के रास्ते होकर आते हैं और देश के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध दस्तावेज बनाकर रहने लगते हैं. असम में एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी हो गई है. अंतिम सूची से 19 लाख से ज्यादा लोग बाहर हैं. 3 करोड़ से अधिक लोगों को वैध करार दिया गया है.

Intro:असम की तरह बिहार में भी लागू हो एनआरसी, खासकर सीमांचल में ऐसा होना चाहिए- राकेश सिन्हा

नयी दिल्ली- भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा कि असम के लिए nrc जीतना जरूरी है, बिहार के लिए भी उतना ही आवश्यक है, बिहार में जो सीमांचल का इलाका है खासकर किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार वहां लगातार जनसंख्या वृद्धि हुई है और यह विदेशी घुसपैठियों के कारण हुई है


Body:उन्होंने कहा कि बिहार के सीमांचल के किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार जैसे जिलों में सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन प्रभावित हो रहा है, सीमांचल के कई इलाकों में हिंदुओं के धार्मिक अधिकारों पर घुसपैठियों के दबाव में प्रहार किए जा रहे हैं, सीमांचल में एनआरसी का होंना बहुत जरूरी है

उन्होंने कहा कि जो लोग nrc का विरोध कर रहे हैं वह देश की संप्रभुता पर आंच लाना चाहते हैं


Conclusion:बता दें बिहार का जो सीमांचल इलाका है वहां से बांग्लादेश बगल में है. कहा जाता है कि किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, अररिया जैसे इलाके में बांग्लादेशी पश्चिम बंगाल और नेपाल के रास्ते होकर आते हैं और देश के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध दस्तावेज बनाकर रहने लगते हैं

बता दें, असम में एनआरसी की अंतिम लिस्ट जारी हो गई है, अंतिम सूची से 19 लाख से ज्यादा लोग बाहर हैं, 3 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैध करार दिया गया है.
Last Updated : Sep 29, 2019, 5:11 AM IST
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