ETV Bharat / bharat

बिहार से फिर गायब हैं तेजस्वी, राजनीतिक परिपक्वता पर उठ रहे सवाल

author img

By

Published : Dec 31, 2020, 6:03 AM IST

बिहार में इन दिनों राजनीतिक सरगर्मी तेज है. नई सरकार के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं. ऐसे समय में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव एक बार फिर बिहार से लापता हैं. पहले भी कई अहम मौकों पर उनकी गैर मौजूदगी को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं. गायब रहने के चलते एक बार फिर तेजस्वी चर्चा में हैं. उनकी राजनीतिक परिपक्वता पर सवाल उठ रहे हैं.

बिहार से फिर गायब हैं तेजस्वी
बिहार से फिर गायब हैं तेजस्वी

पटना : तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ही नहीं महागठबंधन के नेता भी हैं. बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने यह साबित किया कि एनडीए को तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने कड़ी टक्कर दी. बिहार में एनडीए ने सरकार जरूर बना ली, लेकिन इसके भविष्य को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. भाजपा और जदयू के बीच के रिश्ते पहले जैसे नहीं रहे, लेकिन इस सवाल को उठाने में विपक्ष कमजोर पड़ रहा है. इसकी मुख्य वजह विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की बिहार से गैर मौजूदगी मानी जा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट.

सत्ता पक्ष सवाल उठा रहा है कि आखिर तेजस्वी यादव का पॉलिटिकल टूरिज्म कब खत्म होगा. विशेषज्ञ भी नेता प्रतिपक्ष के तौर पर तेजस्वी यादव की राजनीतिक परिपक्वता पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

इन मौकों पर भी गायब थे तेजस्वी
सितंबर 2019 में हुई भारी बारिश के चलते पटना में जल जमाव हो गया था. राजधानी का बड़ा हिस्सा एक सप्ताह से अधिक समय तक डूबा रहा. उस समय तेजस्वी बिहार से बाहर थे. 2019 के लोक सभा चुनाव में करारी हार झेलने के बाद तेजस्वी 33 दिन गायब रहे थे. 2019 में उत्तर बिहार के कई जिलों में चमकी बुखार से बच्चों की मौत हुई थी. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी सामने आई थी, लेकिन मुद्दे को भुनाने के लिए विपक्ष के नेता मौजूद नहीं थे.

राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर संजय कुमार कहते हैं कि जब भी बिहार को जरूरत पड़ी है उस वक्त तेजस्वी यादव बिहार से गायब रहे हैं. वह अहम मौकों पर सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते थे. वह अगर चाहें तो विपक्ष की मुखर आवाज बन सकते हैं, लेकिन हर कुछ दिन पर वह बिहार से गायब क्यों हो जाते हैं यह बड़ा सवाल है.

भाजपा नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि चमकी बुखार हो या विधानसभा का बजट सत्र, पटना का जल जमाव हो या हाल में किसानों का प्रदर्शन. तमाम मौकों पर तेजस्वी यादव कहां चले जाते हैं? बिहार की राजनीति में उनकी गंभीरता कब नजर आएगी?

"बजट सत्र के समय तेजस्वी गायब थे. चमकी बुखार से बच्चे मर रहे थे और तेजस्वी गायब थे. उन्होंने किसानों को आंदोलन के लिए आगे बढ़ाया और खुद सीन से गायब हो गए."- प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता

तेजस्वी के चलते राजद 80 से 75 पर पहुंचा
जदयू प्रवक्ता निहोरा यादव ने कहा कि बिहार में तेजस्वी यादव का मन नहीं लगता. वह बिहार के प्रति कभी गंभीर हुए ही नहीं. इसलिए उनसे किसी तरह की उम्मीद लगाना व्यर्थ है. तेजस्वी यादव की ऐसी आदतों के कारण राजद 80 से 75 पर पहुंच गया.

"पटना में तेजस्वी यादव का दिल नहीं लगता है. उन्हें बिहार के किसी मामले में कोई दर्द नहीं है. पता नहीं कहां जाते हैं. नव वर्ष में हो सकता है कि कहीं पिकनिक मनाने गए हों."- निहोरा यादव, जदयू प्रवक्ता

पार्टी के काम से दिल्ली में हैं तेजस्वी
सत्ता पक्ष के इस सवाल पर राजद नेता कहते हैं कि तेजस्वी यादव पार्टी के काम से दिल्ली में हैं. राजद नेता शक्ति यादव ने कहा कि पश्चिम बंगाल चुनाव में राजद की क्या भूमिका होगी. इसे लेकर तेजस्वी यादव राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से दिल्ली में चर्चा कर रहे हैं. बिहार को जब भी जरूरत होती है तेजस्वी यादव हमेशा उपलब्ध रहते हैं.

"जिन लोगों को काम करना है वे खुद अपने मामलों में उलझे हैं. तेजस्वी यादव को क्यों खोज रहे हैं? नीतीश कुमार को खोजिए. भाजपा और जदयू पहले आपस का रिश्ता ठीक करे. तेजस्वी की आभा ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को झटका दिया इसके बाद भी इन्हें होश नहीं है."- शक्ति यादव, राजद प्रवक्ता

रिपोर्ट- अमित वर्मा

पटना : तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ही नहीं महागठबंधन के नेता भी हैं. बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने यह साबित किया कि एनडीए को तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने कड़ी टक्कर दी. बिहार में एनडीए ने सरकार जरूर बना ली, लेकिन इसके भविष्य को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. भाजपा और जदयू के बीच के रिश्ते पहले जैसे नहीं रहे, लेकिन इस सवाल को उठाने में विपक्ष कमजोर पड़ रहा है. इसकी मुख्य वजह विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की बिहार से गैर मौजूदगी मानी जा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट.

सत्ता पक्ष सवाल उठा रहा है कि आखिर तेजस्वी यादव का पॉलिटिकल टूरिज्म कब खत्म होगा. विशेषज्ञ भी नेता प्रतिपक्ष के तौर पर तेजस्वी यादव की राजनीतिक परिपक्वता पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

इन मौकों पर भी गायब थे तेजस्वी
सितंबर 2019 में हुई भारी बारिश के चलते पटना में जल जमाव हो गया था. राजधानी का बड़ा हिस्सा एक सप्ताह से अधिक समय तक डूबा रहा. उस समय तेजस्वी बिहार से बाहर थे. 2019 के लोक सभा चुनाव में करारी हार झेलने के बाद तेजस्वी 33 दिन गायब रहे थे. 2019 में उत्तर बिहार के कई जिलों में चमकी बुखार से बच्चों की मौत हुई थी. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी सामने आई थी, लेकिन मुद्दे को भुनाने के लिए विपक्ष के नेता मौजूद नहीं थे.

राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर संजय कुमार कहते हैं कि जब भी बिहार को जरूरत पड़ी है उस वक्त तेजस्वी यादव बिहार से गायब रहे हैं. वह अहम मौकों पर सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते थे. वह अगर चाहें तो विपक्ष की मुखर आवाज बन सकते हैं, लेकिन हर कुछ दिन पर वह बिहार से गायब क्यों हो जाते हैं यह बड़ा सवाल है.

भाजपा नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि चमकी बुखार हो या विधानसभा का बजट सत्र, पटना का जल जमाव हो या हाल में किसानों का प्रदर्शन. तमाम मौकों पर तेजस्वी यादव कहां चले जाते हैं? बिहार की राजनीति में उनकी गंभीरता कब नजर आएगी?

"बजट सत्र के समय तेजस्वी गायब थे. चमकी बुखार से बच्चे मर रहे थे और तेजस्वी गायब थे. उन्होंने किसानों को आंदोलन के लिए आगे बढ़ाया और खुद सीन से गायब हो गए."- प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता

तेजस्वी के चलते राजद 80 से 75 पर पहुंचा
जदयू प्रवक्ता निहोरा यादव ने कहा कि बिहार में तेजस्वी यादव का मन नहीं लगता. वह बिहार के प्रति कभी गंभीर हुए ही नहीं. इसलिए उनसे किसी तरह की उम्मीद लगाना व्यर्थ है. तेजस्वी यादव की ऐसी आदतों के कारण राजद 80 से 75 पर पहुंच गया.

"पटना में तेजस्वी यादव का दिल नहीं लगता है. उन्हें बिहार के किसी मामले में कोई दर्द नहीं है. पता नहीं कहां जाते हैं. नव वर्ष में हो सकता है कि कहीं पिकनिक मनाने गए हों."- निहोरा यादव, जदयू प्रवक्ता

पार्टी के काम से दिल्ली में हैं तेजस्वी
सत्ता पक्ष के इस सवाल पर राजद नेता कहते हैं कि तेजस्वी यादव पार्टी के काम से दिल्ली में हैं. राजद नेता शक्ति यादव ने कहा कि पश्चिम बंगाल चुनाव में राजद की क्या भूमिका होगी. इसे लेकर तेजस्वी यादव राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से दिल्ली में चर्चा कर रहे हैं. बिहार को जब भी जरूरत होती है तेजस्वी यादव हमेशा उपलब्ध रहते हैं.

"जिन लोगों को काम करना है वे खुद अपने मामलों में उलझे हैं. तेजस्वी यादव को क्यों खोज रहे हैं? नीतीश कुमार को खोजिए. भाजपा और जदयू पहले आपस का रिश्ता ठीक करे. तेजस्वी की आभा ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को झटका दिया इसके बाद भी इन्हें होश नहीं है."- शक्ति यादव, राजद प्रवक्ता

रिपोर्ट- अमित वर्मा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.