बरनाला : केंद्र सरकार द्वारा लागू किए जा रहे कृषि अध्यादेशों के विरोध में पंजाब के किसान पहले दिन से सड़कों पर हैं. अब इन अध्यादेशों के खिलाफ किसान संगठनों ने एक बड़ा मोर्चा खोल दिया है. पंजाब के दस अलग-अलग किसान संगठनों ने आज देश की सरकार को चुनौती देने के लिए बरनाला की अनाज मंडी में एक विशाल चुनौती रैली का आयोजन किया.
जमीन हड़पना चाहती है केंद्र सरकार
रैली में विभिन्न जिलों के हजारों किसान, महिलाओं, युवाओं, मजदूरों और बुजुर्गों ने भाग लिया. इस अवसर पर बीकेयू डकोंदा के आगू मंजीत सिंह धनेर और पंजाब किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रुलदू सिंह ने कहा कि आज की चुनौती रैली का आयोजन केंद्र सरकार को चुनौती देने के लिए किया गया है.
इसका मुख्य उद्देश्य तीन कृषि अध्यादेशों और बिजली संशोधन अधिनियम 2020 को निरस्त करवाना है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कॉर्पोरेट घरानों के इशारे पर किसानों की जमीन हड़पना चाहती है. ये अध्यादेश इस नीति के तहत लाए गए हैं.
अध्यादेशों को किसी भी परिस्थिति में लागू नहीं होने दिया जाएगा
किसानों का कहना है कि इन अध्यादेशों को किसी भी परिस्थिति में लागू नहीं होने दिया जाएगा. किसान नेताओं ने कहा कि यदि पंजाब के किसी भी संसद सदस्य ने इन कृषि अध्यादेशों के पक्ष में मतदान किया, तो उनका भाग्य खराब हो जाएगा. इसके पक्ष में मतदान करने वाले किसी भी नेता को गांव में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
नेताओं ने कहा कि पंजाब में आज पांच रक्षात्मक रैलियां की जा रही हैं और अगले संघर्ष की घोषणा 16 सितंबर को 10 किसान संगठनों द्वारा की जाएगी. वहीं अमृतसर में ब्यास नदी पुल पर किसान संगठनों द्वारा आंदोलन शुरू किया गया. भारी मात्रा में किसान यहां प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस बल को भी तैनात किया गया है.
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