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नगालैंड में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ शांतिपूर्ण बंद - Citizenship Amendment Bill

संसद का शीतकालीन सत्र आगामी 13 दिसंबर तक चलेगा. सरकार इस दौरान राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश कर सकती है. हालांकि, पूर्वोत्तर राज्य नगालैंड में इस विधेयक का विरोध हो रहा है, लेकिन इन विरोधों के बीच अब तक कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई है. यह जानकारी पुलिस अधिकारी ने दी.

नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध करती महिलाएं
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Published : Nov 20, 2019, 11:50 PM IST

कोहिमा : संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में आगामी दिनों विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) पेश किये जाने के खिलाफ नगालैंड में 18 घंटे का बंद शांतिपूर्ण रहा. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी.

नार्थ ईस्ट फोरम फॉर इंडिजीनियस पीपुल (एनईएफआईपी) और ज्वॉइंट कमेटी ऑन प्रीवेंशन ऑफ इललीगल इमिग्रेंट्स (जेसीपीआई) ने मंगलवार छह बजे शाम से बुधवार दोपहर तक बंद का आह्वान किया था .

प्रस्तावित सीएबी के खिलाफ नगालैंड में विरोध प्रदर्शन.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि राज्य के किसी भी जिले से अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली. हालांकि इस दौरान सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहे और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे.

शीतकालीन सत्र के दौरान CAB का विरोध करेंगे पूर्वोत्तर नेता

नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोगों को सात साल भारत में रहने पर नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है. हालांकि, पूर्वोत्तर के राज्यों के मूल बाशिंदों का मानना है कि प्रवासियों के आने से उनकी पहचान और रोजी-रोटी पर खतरा होगा .

कोहिमा : संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में आगामी दिनों विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) पेश किये जाने के खिलाफ नगालैंड में 18 घंटे का बंद शांतिपूर्ण रहा. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी.

नार्थ ईस्ट फोरम फॉर इंडिजीनियस पीपुल (एनईएफआईपी) और ज्वॉइंट कमेटी ऑन प्रीवेंशन ऑफ इललीगल इमिग्रेंट्स (जेसीपीआई) ने मंगलवार छह बजे शाम से बुधवार दोपहर तक बंद का आह्वान किया था .

प्रस्तावित सीएबी के खिलाफ नगालैंड में विरोध प्रदर्शन.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि राज्य के किसी भी जिले से अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली. हालांकि इस दौरान सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहे और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे.

शीतकालीन सत्र के दौरान CAB का विरोध करेंगे पूर्वोत्तर नेता

नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोगों को सात साल भारत में रहने पर नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है. हालांकि, पूर्वोत्तर के राज्यों के मूल बाशिंदों का मानना है कि प्रवासियों के आने से उनकी पहचान और रोजी-रोटी पर खतरा होगा .

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नगालैंड में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बंद रहा शांतिपूर्ण

कोहिमा, 20 नवंबर (भाषा) संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आगामी दिनों में विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को रखे जाने के खिलाफ नगालैंड में 18 घंटे का बंद शांतिपूर्ण रहा। पुलिस ने बुधवार को इस बारे में बताया ।



नार्थ ईस्ट फोरम फॉर इंडिजीनियस पीपुल (एनईएफआईपी) और ज्वाइंट कमेटी ऑन प्रीवेंशन ऑफ इलीगल इमिग्रेंट्स (जेसीपीआई) ने मंगलवार छह बजे शाम से बुधवार दोपहर तक बंद का आह्वान किया था ।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि राज्य के किसी भी जिले से अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। इस दौरान सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहे और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे।

नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोगों को सात साल भारत में रहने पर नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है ।

हालांकि, पूर्वोत्तर के राज्यों के मूल बाशिंदों का मानना है कि प्रवासियों के आने से उनकी पहचान और रोजी-रोटी पर खतरा होगा ।


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