शिमला : भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर बीते दिनों हुई हिंसक झड़प पर देशभर में विभिन्न राजनीतिक दल और संगठन चीन के खिलाफ जमकर विरोध कर रहे हैं. तिब्बती समुदाय के कुछ संगठनों ने धर्मशाला में गुरुवार को संयुक्त बयान जारी किया.
तिब्बती समुदाय से जुड़े संगठनों ने भारत सहित विश्व के अन्य देशों से चीन की विस्तार वादी नीतियों पर लगाम कसने और अन्य देशों की सीमा पर चीन की तरफ से किए जा रहे आक्रमण को रोकने की अपील की है.
तिब्बती यूथ कांग्रेस, डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ तिब्बत, तिब्बत वूमेन ऑर्गेनाइजेशन सहित अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने चीन द्वारा किए गए हमले में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि चीन पर भरोसा करके भारत को हमेशा धोखा मिला है. भारत ने तिब्बत के संघर्ष की अनदेखी और चीन से दोस्ती करने की कोशिश करके गलती की है.
इन संगठनों ने विश्व समुदाय से चीन के अत्याचार के शिकार देशों का समर्थन करने, चीनी उत्पादों के बहिष्कार के आंदोलन में शामिल होने और भारत के इलाके में चीनी आक्रमण की निंदा करने का आग्रह किया है.
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बता दें कि हिमाचल के धर्मशाला में चीन की इस हरकत का भारी विरोध देखने को मिल रहा है. बीते दिनों मैक्लोडगंज स्थित निर्वासित तिब्बत सरकार के मुख्यालय के पास तिब्बतियों ने चीन के खिलाफ विरोध जताया. तिब्बती यूथ कांग्रेस के सदस्यों ने मैक्लोडगंज में चीन सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था.
तिब्बती यूथ कांग्रेस के सदस्यों ने हाथ में बैनर लेकर तिब्बतियों, भारतीयों और पूरी दुनिया के लोगों को चीन में बने उत्पादों का बहिष्कार करने का आग्रह भी किया था.