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करतारपुर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए खुशखबरी, बिना वीजा भी जा सकते हैं

करतारपुर गलियारा पर चल रही भारत- पाकिस्तान के बीच बातचीत जल्द ही पूरी होने के कागार पर है. इस पर पाकिस्तानी मीडिया में बात जोरों पर हैं.

करतारपुर गुरुद्वारा. (सौ twitter)
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Published : May 13, 2019, 5:34 PM IST

इस्लामाबाद: भारत में नई सरकार बनने के साथ ही पाकिस्तान करतारपुर गलियारा समझौते को अंतिम रूप देने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत बहाल करने के पक्ष में है. पाकिस्तानी मीडिया में इस आशय की खबरें प्रकाशित हुई हैं.

करतारपुर गलियारा पाकिस्तान के नरोवाल स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा. गलियारा बनने के बाद भारतीय सिखों को बिना वीजा के पाकिस्तान स्थित अपने पवित्र गुरुद्वारे तक जाने की अनुमति होगी.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सरकारी सूत्रों के हवाले से रविवार को प्रकाशित खबर में लिखा है कि भारत में नयी सरकार बनने के बाद पाकिस्तान करतारपुर गलियारे पर बातचीत फिर से शुरू होने को लेकर आशान्वित है.

पढ़ें: करतारपुर पर पाक का चेहरा आया सामने, खालिस्तानी अलगाववादी को किया शामिल, भारत ने रोकी बातचीत

गौरतलब है कि भारत में सात चरणों वाली आम चुनाव की लंबी प्रक्रिया 11 अप्रैल से शुरू हुई है. अंतिम चरण का मतदान 19 मई को है और वोटों की गिनती तथा परिणाम की घोषणा 23 मई को होनी है.

पहचान गुप्त रखने का अनुरोध करते हुए पाकिस्तान के एक अधिकारी का कहना है कि उनके देश की ओर से कोई देरी नहीं है. 'इस वक्त भारत इस मामले में आगे नहीं बढ़ना चाहता.'

हालांकि, अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान को विश्वास है कि चुनाव के बाद भारत बातचीत फिर से शुरू करेगा. दोनों देशों के बीच करतारपुर को लेकर 16 अप्रैल को बातचीत हुई थी.

पढ़ें: 'PAK ने करतारपुर साहिब गुरूद्वारे की जमीन चोरी छिपे हड़पी'

भारतीय दल को अप्रैल में पाकिस्तान जाना था लेकिन अंतिम समय में नयी दिल्ली ने बैठक में हिस्सा न लेने का फैसला किया. इसका कारण सिख श्रद्धालुओं के लिए पाकिस्तान की ओर से बनाई गई समिति को लेकर उपजी चिंता थी.

करतारपुर गलियारे पर पाकिस्तान की ओर से नियुक्त दस सदस्यीय 'पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति' (पीएसजीपीसी) में कई खालिस्तानी अलगाववादियों की मौजूदगी को लेकर भारत ने चिंता जताई थी.

इस्लामाबाद: भारत में नई सरकार बनने के साथ ही पाकिस्तान करतारपुर गलियारा समझौते को अंतिम रूप देने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत बहाल करने के पक्ष में है. पाकिस्तानी मीडिया में इस आशय की खबरें प्रकाशित हुई हैं.

करतारपुर गलियारा पाकिस्तान के नरोवाल स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा. गलियारा बनने के बाद भारतीय सिखों को बिना वीजा के पाकिस्तान स्थित अपने पवित्र गुरुद्वारे तक जाने की अनुमति होगी.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सरकारी सूत्रों के हवाले से रविवार को प्रकाशित खबर में लिखा है कि भारत में नयी सरकार बनने के बाद पाकिस्तान करतारपुर गलियारे पर बातचीत फिर से शुरू होने को लेकर आशान्वित है.

पढ़ें: करतारपुर पर पाक का चेहरा आया सामने, खालिस्तानी अलगाववादी को किया शामिल, भारत ने रोकी बातचीत

गौरतलब है कि भारत में सात चरणों वाली आम चुनाव की लंबी प्रक्रिया 11 अप्रैल से शुरू हुई है. अंतिम चरण का मतदान 19 मई को है और वोटों की गिनती तथा परिणाम की घोषणा 23 मई को होनी है.

पहचान गुप्त रखने का अनुरोध करते हुए पाकिस्तान के एक अधिकारी का कहना है कि उनके देश की ओर से कोई देरी नहीं है. 'इस वक्त भारत इस मामले में आगे नहीं बढ़ना चाहता.'

हालांकि, अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान को विश्वास है कि चुनाव के बाद भारत बातचीत फिर से शुरू करेगा. दोनों देशों के बीच करतारपुर को लेकर 16 अप्रैल को बातचीत हुई थी.

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भारतीय दल को अप्रैल में पाकिस्तान जाना था लेकिन अंतिम समय में नयी दिल्ली ने बैठक में हिस्सा न लेने का फैसला किया. इसका कारण सिख श्रद्धालुओं के लिए पाकिस्तान की ओर से बनाई गई समिति को लेकर उपजी चिंता थी.

करतारपुर गलियारे पर पाकिस्तान की ओर से नियुक्त दस सदस्यीय 'पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति' (पीएसजीपीसी) में कई खालिस्तानी अलगाववादियों की मौजूदगी को लेकर भारत ने चिंता जताई थी.

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