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हंदवाड़ा मुठभेड़ : शिवसेना बोली- केंद्र की 'देशभक्त' सरकार करे सर्जिकल स्ट्राइक - shiv sena politics handwara encounter

कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बल के पांच जवान शहीद हो गए. इस पर शिवसेना ने कहा कि केंद्र में मजबूत देशभक्त की सरकार है. शहीद जवानों का प्रतिशोध लेने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक किया जाना चाहिए.

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उद्धव ठाकरे
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Published : May 5, 2020, 3:10 PM IST

Updated : May 5, 2020, 3:36 PM IST

मुंबई : शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए सुरक्षा बल के पांच जवानों का प्रतिशोध लेने के लिए बिना हो-हल्ला मचाए सर्जिकल स्ट्राइक (लक्षित हमला) किया जाना चाहिए. शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में कहा कि बहादुर सैनिकों को अपनी ही धरती पर मार दिया गया और यह वैसे समय में हुआ जब केंद्र में मजबूत और बेहद देशभक्त सरकार है.

राजग के पूर्व घटक दल ने कहा कि देश कोविड-19 की वजह से उपजी जंग जैसी स्थिति से कश्मीर वॉर को भूल गया लेकिन पाकिस्तान नहीं भूल पाया.

सुरक्षा बलों द्वारा हाल ही में कोविड-19 के खिलाफ जंग लड़ रहे अस्पतालों पर फूल बरसाए जाने का हवाला देते हुए शिवसेना ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष कर रहे पुलिसकर्मियों, डॉक्टरों और नर्सों की प्रशंसा किया जाना बरकरार रहेगा लेकिन कश्मीर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने कहा, पांच जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए बिना किसी हो-हल्ले के सर्जिकल स्ट्राइक करना चाहिए। यह सही संकेत नहीं है कि हमारे पांच जवान एक बार में मार दिए गए.

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सितंबर 2016 में उरी आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे आतंकवादियों को निशाना बनाते हुए भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा के पार सात आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमला किया था.

हालांकि बाद में कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियों ने भाजपा पर इस लक्षित हमले का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए करने का आरोप लगाया था.

शिवसेना ने कहा, हमारे जवान अपनी ही धरती पर मारे जा रहे हैं. यह ऐसे समय में हो रहा है जब एक मजबूत और बेहद देशभक्त पार्टी दिल्ली में सत्ता (केंद्र सरकार) में है.

'सामना' में कहा गया है कि भारत जब कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष कर रहा है तब कश्मीर सीमा पर आतंकवादी गतिविधियां बढ़ गई हैं. पार्टी ने आरोप लगाया, 'भारत कोविड-19 से उपजी स्थिति की वजह से कश्मीर युद्ध भूल गया है लेकिन पाकिस्तान नहीं भूल पाया.'

बिना किसी पार्टी या सरकार का नाम लिए शिवसेना ने कहा कि हंदवाड़ा मुठभेड़ में शहीद हुए इन जवानों के परिवारों पर भी फूल बरसाए जाने चाहिए थे.

'सामना' में कहा गया है कि देश के लिए सर्वोच्च कुर्बानी देने वाले जवानों में एक मुस्लिम जवान भी था इसलिए जो भी हिंदू-मुस्लिम राजनीति कर रहे हैं, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए.

उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा क्षेत्र में दो दिन पहले आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के एक कर्नल और एक मेजर समेत सुरक्षा बल के पांच जवान आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे.

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शहीद हुए जवानों में 21 राष्ट्रीय रायफल के कमांडिंग अधिकारी कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक राजेश और लांस नायक दिनेश तथा जम्मू-कश्मीर पुलिस के उप निरीक्षक शकील काजी शामिल हैं.

शिवसेना ने कहा कि कर्नल शर्मा की बेटी ने एक मई को अपना जन्मदिन मनाया था और शर्मा देश की रक्षा करते हुए तीन मई को शहीद हो गए.

मुखपत्र में कहा गया, 'पिछले साल अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद से कश्मीर में बंद है और इसके बाद भी घुसपैठिए बंद के दौरान हमले कर रहे हैं.

शिवसेना ने कहा कि यह स्वीकार किए जाने की जरूरत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की मजबूत इच्छाशक्ति की वजह से अनुच्छेद हटा लेकिन वहां भारतीय जवानों का शहीद होना जारी है.

मुंबई : शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए सुरक्षा बल के पांच जवानों का प्रतिशोध लेने के लिए बिना हो-हल्ला मचाए सर्जिकल स्ट्राइक (लक्षित हमला) किया जाना चाहिए. शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में कहा कि बहादुर सैनिकों को अपनी ही धरती पर मार दिया गया और यह वैसे समय में हुआ जब केंद्र में मजबूत और बेहद देशभक्त सरकार है.

राजग के पूर्व घटक दल ने कहा कि देश कोविड-19 की वजह से उपजी जंग जैसी स्थिति से कश्मीर वॉर को भूल गया लेकिन पाकिस्तान नहीं भूल पाया.

सुरक्षा बलों द्वारा हाल ही में कोविड-19 के खिलाफ जंग लड़ रहे अस्पतालों पर फूल बरसाए जाने का हवाला देते हुए शिवसेना ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष कर रहे पुलिसकर्मियों, डॉक्टरों और नर्सों की प्रशंसा किया जाना बरकरार रहेगा लेकिन कश्मीर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने कहा, पांच जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए बिना किसी हो-हल्ले के सर्जिकल स्ट्राइक करना चाहिए। यह सही संकेत नहीं है कि हमारे पांच जवान एक बार में मार दिए गए.

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सितंबर 2016 में उरी आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे आतंकवादियों को निशाना बनाते हुए भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा के पार सात आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमला किया था.

हालांकि बाद में कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियों ने भाजपा पर इस लक्षित हमले का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए करने का आरोप लगाया था.

शिवसेना ने कहा, हमारे जवान अपनी ही धरती पर मारे जा रहे हैं. यह ऐसे समय में हो रहा है जब एक मजबूत और बेहद देशभक्त पार्टी दिल्ली में सत्ता (केंद्र सरकार) में है.

'सामना' में कहा गया है कि भारत जब कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष कर रहा है तब कश्मीर सीमा पर आतंकवादी गतिविधियां बढ़ गई हैं. पार्टी ने आरोप लगाया, 'भारत कोविड-19 से उपजी स्थिति की वजह से कश्मीर युद्ध भूल गया है लेकिन पाकिस्तान नहीं भूल पाया.'

बिना किसी पार्टी या सरकार का नाम लिए शिवसेना ने कहा कि हंदवाड़ा मुठभेड़ में शहीद हुए इन जवानों के परिवारों पर भी फूल बरसाए जाने चाहिए थे.

'सामना' में कहा गया है कि देश के लिए सर्वोच्च कुर्बानी देने वाले जवानों में एक मुस्लिम जवान भी था इसलिए जो भी हिंदू-मुस्लिम राजनीति कर रहे हैं, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए.

उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा क्षेत्र में दो दिन पहले आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के एक कर्नल और एक मेजर समेत सुरक्षा बल के पांच जवान आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे.

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शहीद हुए जवानों में 21 राष्ट्रीय रायफल के कमांडिंग अधिकारी कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक राजेश और लांस नायक दिनेश तथा जम्मू-कश्मीर पुलिस के उप निरीक्षक शकील काजी शामिल हैं.

शिवसेना ने कहा कि कर्नल शर्मा की बेटी ने एक मई को अपना जन्मदिन मनाया था और शर्मा देश की रक्षा करते हुए तीन मई को शहीद हो गए.

मुखपत्र में कहा गया, 'पिछले साल अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद से कश्मीर में बंद है और इसके बाद भी घुसपैठिए बंद के दौरान हमले कर रहे हैं.

शिवसेना ने कहा कि यह स्वीकार किए जाने की जरूरत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की मजबूत इच्छाशक्ति की वजह से अनुच्छेद हटा लेकिन वहां भारतीय जवानों का शहीद होना जारी है.

Last Updated : May 5, 2020, 3:36 PM IST
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