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घर बनाने में नई तकनीक का इस्तेमाल होगा : पीएम मोदी

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Published : Jan 1, 2021, 11:23 AM IST

Updated : Jan 1, 2021, 1:04 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 के पहले दिन, भारत के शहरी परिदृश्य को बदलने के उद्देश्य से छह राज्यों में छह स्थानों पर ‘लाइट हाउस’ परियोजनाओं की आधारशिला रखी.

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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वैश्विक आवास निर्माण प्रौद्योगिकी प्रतियोगिता-भारत (जीएचटीसी-इंडिया) के तहत छह राज्यों में छह स्थानों पर लाइट हाउस परियोजनाओं की आधारशिला रखी.

एलएचपी का निर्माण इंदौर, राजकोट, चेन्नई, रांची, अगरतला और लखनऊ में किया जाएगा, जिसमें संबद्ध अवसंरचना सुविधाओं के साथ प्रत्येक स्थान पर लगभग 1,000 घर शामिल होंगे.

पीएम मोदी बोले लाइट हाउस यानी प्रकाश स्तंभ की तरह

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा एक समय में आवास योजनाएं केंद्र सरकारों की प्राथमिकता में उतनी नहीं थीं जितनी होनी चाहिए. सरकार घर निर्माण की बारीकियों और गुणवत्ता पर नहीं जाती थी. आज देश ने एक अलग अप्रोच चुनी है.

ये 6 प्रोजेक्ट वाकई लाइट हाउस यानी प्रकाश स्तंभ की तरह हैं. ये 6 प्रोजेक्ट देश में हाउसिंग कंस्ट्रक्शन को नई दिशा दिखाएंगे. देश के हर क्षेत्र से राज्यों का इस अभियान में जुड़ना कॉपरेटिव फेडरलिज्म की हमारी भावना को और मजबूत कर रहा है.

अफोर्डेबल सस्टेनेबल हाउसिंग एक्सेलेरेटर्स -इंडिया (ASHA- इंडिया) कार्यक्रम देश में आधुनिक हाउसिंग टेक्नोलॉजी में अनुसंधान और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए चलाया जा रहा है.

आशा इंडिया कार्यक्रम पर पीएम मोदी

हर जगह एक साल में 1,000 घर बनाए जाएंगे, इसका मतलब प्रतिदिन 2.5-3 ​घर बनाने का औसत आएगा। अगली 26 जनवरी से पहले इस काम में सफलता पाने का इरादा है. इसके माध्यम से भारत में ही 21वीं सदी के घरों के निर्माण की नई और सस्ती तकनीक विकसित की जाएगी.

घर बनाने से जुड़े लोगों को नई तकनीक से जुड़ी स्किल अपग्रेड करने के​ लिए सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किया जा रहा है ताकि देशवासियों को घर निर्माण में दुनिया की सबसे अच्छी तकनीक और मटेरियल मिल सके.

लोगों के पास अब RERA जैसे कानून की शक्ति है. RERA ने लोगों में ये भरोसा लौटाया है कि जिस प्रोजेक्ट में वो पैसा लगा रहे हैं, वो पूरा होगा, उनका घर अब फंसेगा नहीं.

लाइट हाउस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक वीडियो कांफ्रेस से आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री आशा इंडिया यानी अफोर्डेबल सस्टेनेबल हाउसिंग एक्सेलरेटर के विजेताओं की घोषणा की. साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्वयन के लिए उत्कृष्टता का वार्षिक पुरस्कार दिए गए.

इस कार्यक्रम के दौरान मोदी नवप्रर्वतक निर्माण प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक नए पाठ्यक्रम की भी शुरुआत करेंगे. इस पाठ्यक्रम का नाम नवारितिह रखा गया है.

इस कार्यक्रम में आवासीय और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अलावा त्रिपुरा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए.

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने 2017 को जीएचटीसी-इंडिया के तहत लाइट हाउसद्ध परियोजनाओं के निर्माण के लिए पूरे देश में छह स्‍थानों का चयन करने के लिए राज्‍यों व केंद्रशासित प्रदेशों के लिए एक चुनौती की शुरूआत की थी.

मंत्रालय ने इस चुनौती में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए सभी राज्‍यों व केंद्रशासित प्रदेशों को प्रोत्‍साहित किया था तथा निर्धारित मानदंडों के अनुसार सबसे अधिक अंक अर्जित करने वाले छह राज्‍यों व केन्‍द्रशासित प्रदेशों को लाइट हाउस परियोजनाएं प्रदान करने की घोषणा की थी.

पढ़ें :- पीएम मोदी बोले- जल्द आएगी वैक्सीन, टीकाकरण की तैयारियां तेज

इन प्रदेशों को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई-शहरी) के दिशा-निर्देशों के अनुसार इन परियोजनाओं के निर्माण के लिए केंद्रीय सहायता उपलब्‍ध कराई गई. इसके अलावा नई प्रौद्योगिकी के उपयोग और अर्थव्‍यवस्‍थाओं से संबंधित मुद्दों से निपटने और अन्‍य संबंधित कारकों के कारण होने वाले किसी अतिरिक्‍त लागत के प्रभाव को दूर करने के लिए प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान (टीआईजी) का भी प्रावधान किया गया था.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वैश्विक आवास निर्माण प्रौद्योगिकी प्रतियोगिता-भारत (जीएचटीसी-इंडिया) के तहत छह राज्यों में छह स्थानों पर लाइट हाउस परियोजनाओं की आधारशिला रखी.

एलएचपी का निर्माण इंदौर, राजकोट, चेन्नई, रांची, अगरतला और लखनऊ में किया जाएगा, जिसमें संबद्ध अवसंरचना सुविधाओं के साथ प्रत्येक स्थान पर लगभग 1,000 घर शामिल होंगे.

पीएम मोदी बोले लाइट हाउस यानी प्रकाश स्तंभ की तरह

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा एक समय में आवास योजनाएं केंद्र सरकारों की प्राथमिकता में उतनी नहीं थीं जितनी होनी चाहिए. सरकार घर निर्माण की बारीकियों और गुणवत्ता पर नहीं जाती थी. आज देश ने एक अलग अप्रोच चुनी है.

ये 6 प्रोजेक्ट वाकई लाइट हाउस यानी प्रकाश स्तंभ की तरह हैं. ये 6 प्रोजेक्ट देश में हाउसिंग कंस्ट्रक्शन को नई दिशा दिखाएंगे. देश के हर क्षेत्र से राज्यों का इस अभियान में जुड़ना कॉपरेटिव फेडरलिज्म की हमारी भावना को और मजबूत कर रहा है.

अफोर्डेबल सस्टेनेबल हाउसिंग एक्सेलेरेटर्स -इंडिया (ASHA- इंडिया) कार्यक्रम देश में आधुनिक हाउसिंग टेक्नोलॉजी में अनुसंधान और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए चलाया जा रहा है.

आशा इंडिया कार्यक्रम पर पीएम मोदी

हर जगह एक साल में 1,000 घर बनाए जाएंगे, इसका मतलब प्रतिदिन 2.5-3 ​घर बनाने का औसत आएगा। अगली 26 जनवरी से पहले इस काम में सफलता पाने का इरादा है. इसके माध्यम से भारत में ही 21वीं सदी के घरों के निर्माण की नई और सस्ती तकनीक विकसित की जाएगी.

घर बनाने से जुड़े लोगों को नई तकनीक से जुड़ी स्किल अपग्रेड करने के​ लिए सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किया जा रहा है ताकि देशवासियों को घर निर्माण में दुनिया की सबसे अच्छी तकनीक और मटेरियल मिल सके.

लोगों के पास अब RERA जैसे कानून की शक्ति है. RERA ने लोगों में ये भरोसा लौटाया है कि जिस प्रोजेक्ट में वो पैसा लगा रहे हैं, वो पूरा होगा, उनका घर अब फंसेगा नहीं.

लाइट हाउस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक वीडियो कांफ्रेस से आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री आशा इंडिया यानी अफोर्डेबल सस्टेनेबल हाउसिंग एक्सेलरेटर के विजेताओं की घोषणा की. साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्वयन के लिए उत्कृष्टता का वार्षिक पुरस्कार दिए गए.

इस कार्यक्रम के दौरान मोदी नवप्रर्वतक निर्माण प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक नए पाठ्यक्रम की भी शुरुआत करेंगे. इस पाठ्यक्रम का नाम नवारितिह रखा गया है.

इस कार्यक्रम में आवासीय और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अलावा त्रिपुरा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए.

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने 2017 को जीएचटीसी-इंडिया के तहत लाइट हाउसद्ध परियोजनाओं के निर्माण के लिए पूरे देश में छह स्‍थानों का चयन करने के लिए राज्‍यों व केंद्रशासित प्रदेशों के लिए एक चुनौती की शुरूआत की थी.

मंत्रालय ने इस चुनौती में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए सभी राज्‍यों व केंद्रशासित प्रदेशों को प्रोत्‍साहित किया था तथा निर्धारित मानदंडों के अनुसार सबसे अधिक अंक अर्जित करने वाले छह राज्‍यों व केन्‍द्रशासित प्रदेशों को लाइट हाउस परियोजनाएं प्रदान करने की घोषणा की थी.

पढ़ें :- पीएम मोदी बोले- जल्द आएगी वैक्सीन, टीकाकरण की तैयारियां तेज

इन प्रदेशों को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई-शहरी) के दिशा-निर्देशों के अनुसार इन परियोजनाओं के निर्माण के लिए केंद्रीय सहायता उपलब्‍ध कराई गई. इसके अलावा नई प्रौद्योगिकी के उपयोग और अर्थव्‍यवस्‍थाओं से संबंधित मुद्दों से निपटने और अन्‍य संबंधित कारकों के कारण होने वाले किसी अतिरिक्‍त लागत के प्रभाव को दूर करने के लिए प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान (टीआईजी) का भी प्रावधान किया गया था.

Last Updated : Jan 1, 2021, 1:04 PM IST
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