नई दिल्ली: ऊर्जा क्षेत्र में रूस के साथ संबंधों को मजबूती देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी पूर्वी आर्थिक मंच में भाग लेने के लिए 4 सितंबर को व्लादिवोस्तोक की 36 घंटे की लंबी यात्रा पर जाएंगे.
मीडिया से बात करते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि कि हाइड्रो कार्बन सहयोग पर पांच साल का रोड मैप तैयार किया जाएगा. यह तभी मुमकिन हो सकेगा जब भारत तेल और गैस की आपूर्ति के लिए खाड़ी देशों पर अपनी निर्भरता को खत्म करना होगा और इस आपूर्ति के लिए नए विकल्प तलाश किए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि रूस के साथ ऊर्जा संबंधों को विकसित करने के लिए काम किया जाएगा और तेल और गैस की आपूर्ति के लिए किसी एक देश पर निर्भता को खत्म किया जाएगा.
विदेश सचिव ने यह भी दावा किया कि पीएम मोदी अपनी व्लादिवोस्तोक यात्रा के दौरान कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे.
इस दौरान पीएम मोदी के साथ लगभग 50 सदस्यीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहेगा.
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गोखले ने यह भी पुष्टि की कि निजी क्षेत्र द्वारा कई 15 से 16 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है.इसके अलावा, दोनों सरकारों के बीच कई अन्य समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे.
इसके अलावा इस बैठक में शहंघाई सहयोग संगठन (एससीओ), रूस भारत और चीन संगठन (आरआईसी),ब्रिक्स और अफगानिस्तान पर भी चर्चा होगी.