नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया. कोरोना वायरस को लेकर देश में लॉकडाउन है, इस संबंध में पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया. पीएम ने कहा कि इस रविवार पांच अप्रैल को, सबको मिलकर, कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है, उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है. उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी ही कोरोना का रामबाण इलाज है.
- बिंदुवार पढ़ें प्रधानमंत्री ने क्या कुछ कहा-
- हमारे यहां कहा गया है- उत्साहो बलवान् आर्य, न अस्ति उत्साह परम् बलम् स उत्साहस्य लोकेषु, न किंचित् अपि दुर्लभम्॥ यानि, हमारे उत्साह, हमारी स्प्रिट से बड़ी फोर्स दुनिया में कोई दूसरी नहीं है.
- सामाजिक दूरी की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है. सामाजिक दूरी को किसी भी हालत में तोड़ना नहीं है. कोरोना की चेन तोड़ने का यही रामबाण इलाज है.
- मेरी एक और प्रार्थना है कि इस आयोजन के समय किसी को भी, कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है. रास्तों में, गलियों या मोहल्लों में नहीं जाना है, अपने घर के दरवाजे, बालकनी से ही इसे करना है. सामाजिक दूरी ही कोरोना का रामबाण इलाज है.
- उस प्रकाश में, उस रोशनी में, उस उजाले में, हम अपने मन में यह संकल्प करें कि हम अकेले नहीं हैं, कोई भी अकेला नहीं है. 130 करोड़ देशवासी, एक ही संकल्प के साथ कृतसंकल्प हैं.
- उस समय यदि घर की सभी लाइटें बंद करेंगे, चारो तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दीप जलाएगा, तब प्रकाश की उस महाशक्ति का ऐहसास होगा, जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं, यह उजागर होगा.
- घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में, खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं.
- इस रविवार पांच अप्रैल को, हम सबको मिलकर, कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है, उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है. इस 5 अप्रैल को हमें, 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है.
- पांच अप्रैल को कोरोना के अंधकार को चुनौती देना है. नौ मिनट बैठकर मां भारती को याद करें.
- इस कोरोना संकट से जो अंधकार और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे समाप्त करके हमें उजाले और निश्चितता की तरफ बढ़ना है.
- इस अंधकारमय कोरोना संकट को पराजित करने के लिए, हमें प्रकाश के तेज को चारो दिशाओं में फैलाना है.
- हमें निरंतर प्रकाश की ओर जाना है, जो इस कोरोना संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, हमारे गरीब भाई-बहन उन्हें कोरोना संकट से पैदा हुई निराशा से आशा की तरफ ले जाना है.
- हमारे यहां माना जाता है कि जनता जनार्दन, ईश्वर का ही रूप होती है. इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो, तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए.
- यह लॉकडाउन का समय जरूर है, हम अपने अपने घरों में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है. 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है, हर व्यक्ति का.
- आपने जिस प्रकार 22 मार्च रविवार के दिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले हर किसी का धन्यवाद किया वह भी आज सभी देशों के लिए एक मिसाल बन गया है. आज कई देश इसको दोहरा रहे हैं.
- कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन को आज नौ दिन हो रहे हैं. इस दौरान आप सभी ने जिस प्रकार अनुशासन और सेवा भाव दोनों का परिचय दिया है वह अभूतपूर्व है. शासन प्रशासन और जनता ने इस स्थिति को अच्छे ढंग से संभालने का पूरा प्रयास किया है.
24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसका आज नौवां दिन है. देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की और कोरोना पर चर्चा की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्रियों से कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए अगले कुछ सप्ताह तक लोगों की जांच करने, संक्रमितों का पता लगाने, उन्हें पृथक रखने जैसे उपायों पर ध्यान देने को कहा ताकि जीवन का नुकसान कम से कम हो.
उन्होंने लॉकडाउन समाप्त होने के बाद सड़कों पर लोगों की आवाजाही क्रमबद्ध ढंग से सुनिश्चित करने के बारे में राज्यों से साझा रणनीति बनाने को भी कहा.