ETV Bharat / bharat

पीएम मोदी करेंगे ईमानदार करदाताओं के लिए एक विशेष मंच की शुरुआत - launch platform

पीएम नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान’ नामक एक मंच का शुभारंभ करेंगे.

pm
पीएम नरेंद्र मोदी
author img

By

Published : Aug 12, 2020, 1:26 PM IST

Updated : Aug 12, 2020, 1:43 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी बृहस्पतिवार को ईमानदारी से कर चुकाने वालों के लिए 'पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान' नामक एक मंच का शुभारंभ करेंगे. वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से होने वाले इस आयोजन में केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ वित्त के कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर भी उपस्थित रहेंगे.

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि, आयकर विभाग के अधिकारियों और पदाधिकारियों के अलावा विभिन्न वाणिज्य मंडलों, व्यापार संघों समेत चार्टर्ड एकाउंटेंट संघों के साथ-साथ जाने-माने करदाता भी इस आयोजन में शामिल होंगे. बयान में कहा गया है कि, 'प्रधानमंत्री 'पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान' के लिए जो प्‍लेटफॉर्म लॉन्च करेंगे वे प्रत्यक्ष कर सुधारों की यात्रा को और भी आगे ले जाएगा.'

लाभांश वितरण कर
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल के वर्षों में प्रत्यक्ष करों में कई प्रमुख या बड़े कर सुधार लागू किए हैं. पिछले वर्ष कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके साथ ही नई विनिर्माण इकाइयों के लिए इस दर को और भी अधिक घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया. 'लाभांश वितरण कर' को भी हटा दिया गया.

विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020
बयान में बताया गया कि, कर सुधारों के तहत टैक्‍स की दरों में कमी करने और प्रत्यक्ष कर कानूनों के सरलीकरण पर फोकस रहा है. आयकर विभाग के कामकाज में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए भी सीबीडीटी द्वारा कई पहल की गई हैं. लंबित कर विवादों का समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से आयकर विभाग ने प्रत्यक्ष कर 'विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020' भी प्रस्‍तुत किया है, जिसके तहत वर्तमान में विवादों को निपटाने के लिए घोषणाएं दाखिल की जा रही हैं.

पढ़ें: वैश्विक स्तर के उत्पाद विकसित करने के लिये नवप्रवर्तन को महत्वपूर्ण मानते है प्रधानमंत्री

आरंभिक मौद्रिक सीमाएं बढ़ा दी गई
करदाताओं की शिकायतों और मुकदमों में प्रभावकारी रूप से कमी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न अपीलीय न्यायालयों में विभागीय अपील दाखिल करने के लिए आरंभिक मौद्रिक सीमाएं बढ़ा दी गई हैं. डिजिटल लेन-देन और भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक मोड या तरीकों को बढ़ावा देने के लिए भी कई उपाय किए गए हैं और आयकर विभाग इन पहलों को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है.

वैधानिक समयसीमा बढ़ी
बयान के मुताबिक, 'विभाग ने 'कोविड काल' में करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाने के लिए भी कई तरह के प्रयास किए हैं, जिनके तहत रिटर्न दाखिल करने की वैधानिक समयसीमा बढ़ा दी गई है और करदाताओं के हाथों में तरलता या नकदी प्रवाह बढ़ाने के लिए तेजी से रिफंड जारी किए गए हैं.'

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी बृहस्पतिवार को ईमानदारी से कर चुकाने वालों के लिए 'पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान' नामक एक मंच का शुभारंभ करेंगे. वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से होने वाले इस आयोजन में केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ वित्त के कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर भी उपस्थित रहेंगे.

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि, आयकर विभाग के अधिकारियों और पदाधिकारियों के अलावा विभिन्न वाणिज्य मंडलों, व्यापार संघों समेत चार्टर्ड एकाउंटेंट संघों के साथ-साथ जाने-माने करदाता भी इस आयोजन में शामिल होंगे. बयान में कहा गया है कि, 'प्रधानमंत्री 'पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान' के लिए जो प्‍लेटफॉर्म लॉन्च करेंगे वे प्रत्यक्ष कर सुधारों की यात्रा को और भी आगे ले जाएगा.'

लाभांश वितरण कर
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल के वर्षों में प्रत्यक्ष करों में कई प्रमुख या बड़े कर सुधार लागू किए हैं. पिछले वर्ष कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके साथ ही नई विनिर्माण इकाइयों के लिए इस दर को और भी अधिक घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया. 'लाभांश वितरण कर' को भी हटा दिया गया.

विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020
बयान में बताया गया कि, कर सुधारों के तहत टैक्‍स की दरों में कमी करने और प्रत्यक्ष कर कानूनों के सरलीकरण पर फोकस रहा है. आयकर विभाग के कामकाज में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए भी सीबीडीटी द्वारा कई पहल की गई हैं. लंबित कर विवादों का समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से आयकर विभाग ने प्रत्यक्ष कर 'विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020' भी प्रस्‍तुत किया है, जिसके तहत वर्तमान में विवादों को निपटाने के लिए घोषणाएं दाखिल की जा रही हैं.

पढ़ें: वैश्विक स्तर के उत्पाद विकसित करने के लिये नवप्रवर्तन को महत्वपूर्ण मानते है प्रधानमंत्री

आरंभिक मौद्रिक सीमाएं बढ़ा दी गई
करदाताओं की शिकायतों और मुकदमों में प्रभावकारी रूप से कमी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न अपीलीय न्यायालयों में विभागीय अपील दाखिल करने के लिए आरंभिक मौद्रिक सीमाएं बढ़ा दी गई हैं. डिजिटल लेन-देन और भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक मोड या तरीकों को बढ़ावा देने के लिए भी कई उपाय किए गए हैं और आयकर विभाग इन पहलों को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है.

वैधानिक समयसीमा बढ़ी
बयान के मुताबिक, 'विभाग ने 'कोविड काल' में करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाने के लिए भी कई तरह के प्रयास किए हैं, जिनके तहत रिटर्न दाखिल करने की वैधानिक समयसीमा बढ़ा दी गई है और करदाताओं के हाथों में तरलता या नकदी प्रवाह बढ़ाने के लिए तेजी से रिफंड जारी किए गए हैं.'

Last Updated : Aug 12, 2020, 1:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.