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प्रधानमंत्री ने किया छह परियोजनाओं का लोकार्पण, जानें खासियत

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Published : Sep 29, 2020, 7:07 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नमामि गंगे मिशन के तहत उत्तराखंड में कुल आठ (दो अपग्रेडेड) STP परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया. इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी जुड़े रहे और राज्य में हो रही कार्य प्रगति पर रिपोर्ट पेश की.

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छह परियोजनाओं का लोकार्पण

नई दिल्ली/ देहरादून : गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अलग से गंगा मंत्रालय बनाया गया था. नमामि गंगे के तहत गोमुख से गंगासागर तक गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये भी खर्च किए हैं, मगर उसके बावजूद भी गंगा पूरी तरह से स्वच्छ नहीं हो सकी है.

अब गंगा को स्वच्छ बनाने और गंदे पानी को गंगा में जाने से रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा ज्यादा मात्रा में पानी के ट्रीटमेंट के लिए प्लांट बनाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उत्तराखंड को छह बड़ी परियोजनाओं का तोहफा दिया है. इनमें दो अपग्रेडेशन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) भी शामिल हैं.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी ने नमामि गंगे मिशन के तहत हरिद्वार, ऋषिकेश और बदरीनाथ के लिए छह बड़ी और दो अपग्रेडेड परियोजनाओं का उद्घाटन किया. उत्तराखंड में नमामि गंगे के तहत 521 करोड़ रुपये की लागत से यह आठ एसटीपी प्रोजेक्ट तैयार किए गए हैं.

इन परियोजनाओं के लोकार्पण के बाद उत्तराखंड में सीवेज ट्रीटमेंट क्षमता 2014 के मुकाबले लगभग साढ़े तीन गुना बढ़कर 215.5 एमएलडी प्रतिदिन हो जाएगी, जो पहले 61.5 एमएलडी थी. परिणामस्वरूप गंगाजल की गुणवत्ता में साफी सुधार होगा.

प्रोजेक्ट की जानकारी लेते पीएम मोदी.
प्रोजेक्ट की जानकारी लेते पीएम मोदी.

हरिद्वार में बड़े प्रोजेक्ट
इन प्रोजेक्ट्स में हरिद्वार के जगजीतपुर में 230.32 करोड़ रुपये की लागत के 68 एमएलडी (मेगालीटर) एसटीपी प्लांट और 19.65 करोड़ रुपये की लागत के 27 एमएलडी का अपग्रेडेशन एसटीपी और सराय में 12.99 करोड़ रुपये की लागत के 18 एमएलडी का एसटीपी प्लांट शामिल हैं.

27 एमएलडी प्लांट जगजीतपुर और 18 एमएलडी प्लांट सराय, दोनों पुराने प्लांट हैं, इन दोनों को अपग्रेड किया गया है. इन ट्रीटमेंट प्लांट्स से नदियों को स्वच्छ रखने में सहायता मिलेगी. यह प्लांट शहर में सीवरेज ट्रीटमेंट के लिए सुचारू रहेंगे. इसके अलावा पीएम ने हरिद्वार के चंडी घाट पर नवनिर्मित गंगा अवलोकन केंद्र और रिवरफ्रंट का भी उद्घाटन किया.

हरिद्वार के जगजीतपुर एमएलडी एसटीपी प्लांट
हरिद्वार के जगजीतपुर एमएलडी एसटीपी प्लांट

ऑटोमोड एसटीपी
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीर्थनगरी ऋषिकेश को 238 करोड़ रुपये की सीवर ट्रीटमेंट योजनाओं की सौगात दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने लक्कड़घाट में 158 करोड़ रुपये से बने 26 एमएलडी, चंद्रेश्वर नगर में 41.13 करोड़ रुपये की लागत से बने 7.5 एमएलडी और मुनि की रेती स्थित चोरपानी में 5 एमएलडी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का ऑनलाइन लोकार्पण किया.

बता दें कि लक्कड़घाट सीवर ट्रीटमेंट प्लांट देश का दूसरा ऐसा प्लांट है, जोकि पूरी तरह ऑटोमोड में संचालित होगा. प्लांट से ट्रीट किए गए पानी को सिंचाई के लिए उपयोग में लाया जा सकेगा. इससे पहले हरिद्वार में इस तरह के प्लांट की शुरुआत हो चुकी है.

ऋषिकेश के चंद्रेश्वर में एसटीपी प्लांट
ऋषिकेश के चंद्रेश्वर में एसटीपी प्लांट

मल्टी स्टोरी एसटीपी
उधर, ऋषिकेश के चंद्रेश्वर नगर में बने 7.5 एमएलडी के मल्टीपर्पज सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नमामि गंगे योजना के तहत पेयजल निगम द्वारा बनाया गया है. 41.12 करोड़ रुपये की लागत से बने इस एसटीपी से चंद्रश्वर नाला, ढालवाला नाला व श्मशान घाट नाला के दूषित जल को ट्रीट किया जाएगा.

एसटीपी से शोधित जल का सिंचाई के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा. इस प्लांट के बनने से चंद्रेश्वर नगर से निकलने वाला बड़ा नाला टेप होगा. प्रधानमंत्री मोदी ने इस एसटीपी का खास तौर पर जिक्र किया और कहा कि ये एसटीपी देश का पहला ऐसा एसटीपी है, जो चार मंजिला ट्रीटमेंट प्लांट है और इसकी ऊंचाई 21 मीटर है.

बदरीनाथ में एमएलडी एसटीपी प्लांट
बदरीनाथ में एमएलडी एसटीपी प्लांट

बदरीनाथ मंदिर के पास प्लांट
इसके साथ ही नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत बदरीनाथ धाम में 18.23 करोड़ की लागत से पुल के पास 1 एमएलडी और बदरीनाथ मंदिर के पास 0.01 एमएलडी प्लांट तैयार किया गया है. एसटीपी के लोकार्पण के साथ ही बदरीनाथ धाम में सीवरेज की वर्षों पुरानी समस्या दूर हो गई है. गंगा नदी को उद्गम स्थलों से ही स्वच्छ बनाने के लिए बदरीनाथ में सीवरेज शोधन संयंत्र बनाकर सीवर नालों को टेप किया गया है और सीवरेज ट्रीटमेंट के बाद ही स्वच्छ जल को नदी में छोड़ा जा रहा है.

चोर पानी ऋषिकेश में 7.5 एमएलडी प्लांट
चोर पानी ऋषिकेश में 7.5 एमएलडी प्लांट

सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की विशेषताएं
इन इको फ्रेंडली प्लांट से निकलने वाला पानी काफी साफ और सुथरा रहेगा. ट्रीट पानी का सिंचाई में भी उपयोग हो सकेगा. यहां लगी स्क्रीन पर देखा जा सकेगा कि ट्रीट किए गए पानी में ऑक्सीजन की मात्रा क्या है. पूरी तरह कंप्यूटराज्ड होने के कारण दिल्ली में बैठे अफसर भी इस प्रोजेक्ट के जल की गुणवत्ता की निगरानी कर सकेंगे. कंपनी प्लांट शुरू होने के बाद अगले 15 साल तक देखरेख और संचालन का काम करेगी.

परियोजनाओं का लोकार्पण करते पीएम मोदी.
परियोजनाओं का लोकार्पण करते पीएम मोदी.

क्या बोले प्रधानमंत्री?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नमामि गंगे योजना और जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखंड में बेहतर काम हो रहा है. ज्यादातर प्रोजेक्ट पूरे होने की कगार पर हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सीवरेज ट्रीटमेंट की क्षमता चार गुना तक बढ़ गई है. उन्होंने यह भी कहा कि गंगा में यमुनोत्री-गंगोत्री से लेकर हरिद्वार तक तकरीबन 130 नाले सीधे गंगा में गिरते थे जो कि अब बंद हो चुके हैं.

संबोधित करते पीएम मोदी.
संबोधित करते पीएम मोदी.

पीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने चारों दिशाओं में एक साथ काम आगे बढ़ाया है. पहला काम- गंगा जल में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का जाल बिछाना शुरू किया. दूसरा काम- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ऐसे बनाए, जो अगले 10-15 साल की भी जरूरतें पूरी कर सकें. तीसरा काम- गंगा नदी के किनारे बसे सौ बड़े शहरों और पांच हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त करना और चौथा काम- जो गंगा जी की सहायक नदियां हैं, उनमें भी प्रदूषण रोकने के लिए पूरी ताकत लगाना.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को शुरू हुए डॉल्फिन मिशन का भी जिक्र किया और कहा कि पहाड़ से लेकर मैदान तक गंगा को साफ करने का काम तेज गति से चल रहा है और यह डॉल्फिन मिशन को कामयाबी तक पहुंचाएगा. वहीं, उन्होंने कहा कि अबतक पानी से जुड़े अलग-अलग मंत्रालय से अलग-अलग योजनाएं बनती थीं लेकिन समन्वय स्थापित न होने के कारण धरातल पर कारगर साबित नहीं हो पाती थी. अब एक हुये जल शक्ति मंत्रालय का असर धरातल पर दिखने लगा है.

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की तारीफ की और कहा कि उत्तराखंड में एक रुपए में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है. पिछले 4 से 5 महीनों में जो कि लॉकडाउन के थे, वहां पर तकरीबन 50 हजार से ज्यादा पानी के कनेक्शन बांटे गए. उन्होंने कहा कि उनका यह लक्ष्य 2022 तक पूरा हो जाएगा.

पीएम को जानकारी देते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत.
पीएम को जानकारी देते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत.

पीएम मोदी ने जल जीवन मिशन के तहत सभी प्राथमिक विद्यालयों, बेसिक विद्यालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों में आगामी 100 दिनों का लक्ष्य देते हुए नल से जल अभियान चलाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत सभी स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था करना हमारा लक्ष्य है.

यह भी पढ़ें- पीएम मोदी ने त्रिवेंद्र सरकार की थपथपाई पीठ, कहा- 'नई सोच-नई अप्रोच' पर फोकस

लोकार्पण कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नमामि गंगे योजना के तहत संचालित तमाम योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में कुल दूषित 135 नाले गंगा में गिर रहे थे, जिनमें से 128 को टेप किया जा चुका है जबकि 7 नालों की टेपिंग अभी बाकी है. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को भरोसा दिलाया कि आगामी कुंभ तक इन नालों को भी टेप कर लिया जाएगा.

हरिद्वार महाकुंभ का जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जिस तरह प्रयागराज में हुए कुंभ मेले में गंगा के अविरलता को करोड़ों श्रद्धालुओं ने नमन किया था, उसी तरह 2021 महाकुंभ में हरिद्वार में भी करोड़ों श्रद्धालु मां गंगा का आशीर्वाद लेने आएंगे, जिसके लिए हरिद्वार पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने हरिद्वार में रिवरफ्रंट म्यूजियम और तमाम योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि गंगा म्यूजियम के बनने से यहां का आकर्षण और अधिक बढ़ जाएगा.

विपक्ष को भी लिया आड़े हाथ
केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की उपलब्धियां गिनाते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि बिल हो रहे विरोध को कांग्रेस के खुराफाती दिमाग की उपज बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों को बरगलाने का काम कर रही है, भ्रम फैला रही है. पीएम ने कहा कि कांग्रेस पहले वन रैंक-वन पेंशन पर भी विरोध कर रही थी, लेकिन इस योजना के तहत उत्तराखंड जैसे राज्य में तकरीबन एक लाख से ज्यादा सैनिकों को लाभ मिला है. इसके अलावा कांग्रेस रफाल पर भी विरोध कर रही थी, लेकिन आज रफाल विमान देश की सीमाओं पर गरज रहे हैं. कांग्रेस सर्जिकल स्ट्राइक पर भी सवाल उठा रही थी, लेकिन हमारे देश के जवानों ने दुश्मनों के घर में घुसकर उन्हें जवाब दिया. वहीं, जब पूरा विश्व योग को अपना रहा था, तब कांग्रेस अपने ही देश में योग का विरोध कर रही थी.

इसके अलावा उन्होंने राम मंदिर का भी जिक्र किया और कहा कि कांग्रेसी पहले राम मंदिर का विरोध कर रही थी, बाद में भूमि पूजन का विरोध करने लगी. इस तरह से कांग्रेस ने केवल नकारात्मकता फैलाने का काम किया है.

नई दिल्ली/ देहरादून : गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अलग से गंगा मंत्रालय बनाया गया था. नमामि गंगे के तहत गोमुख से गंगासागर तक गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये भी खर्च किए हैं, मगर उसके बावजूद भी गंगा पूरी तरह से स्वच्छ नहीं हो सकी है.

अब गंगा को स्वच्छ बनाने और गंदे पानी को गंगा में जाने से रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा ज्यादा मात्रा में पानी के ट्रीटमेंट के लिए प्लांट बनाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उत्तराखंड को छह बड़ी परियोजनाओं का तोहफा दिया है. इनमें दो अपग्रेडेशन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) भी शामिल हैं.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी ने नमामि गंगे मिशन के तहत हरिद्वार, ऋषिकेश और बदरीनाथ के लिए छह बड़ी और दो अपग्रेडेड परियोजनाओं का उद्घाटन किया. उत्तराखंड में नमामि गंगे के तहत 521 करोड़ रुपये की लागत से यह आठ एसटीपी प्रोजेक्ट तैयार किए गए हैं.

इन परियोजनाओं के लोकार्पण के बाद उत्तराखंड में सीवेज ट्रीटमेंट क्षमता 2014 के मुकाबले लगभग साढ़े तीन गुना बढ़कर 215.5 एमएलडी प्रतिदिन हो जाएगी, जो पहले 61.5 एमएलडी थी. परिणामस्वरूप गंगाजल की गुणवत्ता में साफी सुधार होगा.

प्रोजेक्ट की जानकारी लेते पीएम मोदी.
प्रोजेक्ट की जानकारी लेते पीएम मोदी.

हरिद्वार में बड़े प्रोजेक्ट
इन प्रोजेक्ट्स में हरिद्वार के जगजीतपुर में 230.32 करोड़ रुपये की लागत के 68 एमएलडी (मेगालीटर) एसटीपी प्लांट और 19.65 करोड़ रुपये की लागत के 27 एमएलडी का अपग्रेडेशन एसटीपी और सराय में 12.99 करोड़ रुपये की लागत के 18 एमएलडी का एसटीपी प्लांट शामिल हैं.

27 एमएलडी प्लांट जगजीतपुर और 18 एमएलडी प्लांट सराय, दोनों पुराने प्लांट हैं, इन दोनों को अपग्रेड किया गया है. इन ट्रीटमेंट प्लांट्स से नदियों को स्वच्छ रखने में सहायता मिलेगी. यह प्लांट शहर में सीवरेज ट्रीटमेंट के लिए सुचारू रहेंगे. इसके अलावा पीएम ने हरिद्वार के चंडी घाट पर नवनिर्मित गंगा अवलोकन केंद्र और रिवरफ्रंट का भी उद्घाटन किया.

हरिद्वार के जगजीतपुर एमएलडी एसटीपी प्लांट
हरिद्वार के जगजीतपुर एमएलडी एसटीपी प्लांट

ऑटोमोड एसटीपी
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीर्थनगरी ऋषिकेश को 238 करोड़ रुपये की सीवर ट्रीटमेंट योजनाओं की सौगात दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने लक्कड़घाट में 158 करोड़ रुपये से बने 26 एमएलडी, चंद्रेश्वर नगर में 41.13 करोड़ रुपये की लागत से बने 7.5 एमएलडी और मुनि की रेती स्थित चोरपानी में 5 एमएलडी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का ऑनलाइन लोकार्पण किया.

बता दें कि लक्कड़घाट सीवर ट्रीटमेंट प्लांट देश का दूसरा ऐसा प्लांट है, जोकि पूरी तरह ऑटोमोड में संचालित होगा. प्लांट से ट्रीट किए गए पानी को सिंचाई के लिए उपयोग में लाया जा सकेगा. इससे पहले हरिद्वार में इस तरह के प्लांट की शुरुआत हो चुकी है.

ऋषिकेश के चंद्रेश्वर में एसटीपी प्लांट
ऋषिकेश के चंद्रेश्वर में एसटीपी प्लांट

मल्टी स्टोरी एसटीपी
उधर, ऋषिकेश के चंद्रेश्वर नगर में बने 7.5 एमएलडी के मल्टीपर्पज सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नमामि गंगे योजना के तहत पेयजल निगम द्वारा बनाया गया है. 41.12 करोड़ रुपये की लागत से बने इस एसटीपी से चंद्रश्वर नाला, ढालवाला नाला व श्मशान घाट नाला के दूषित जल को ट्रीट किया जाएगा.

एसटीपी से शोधित जल का सिंचाई के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा. इस प्लांट के बनने से चंद्रेश्वर नगर से निकलने वाला बड़ा नाला टेप होगा. प्रधानमंत्री मोदी ने इस एसटीपी का खास तौर पर जिक्र किया और कहा कि ये एसटीपी देश का पहला ऐसा एसटीपी है, जो चार मंजिला ट्रीटमेंट प्लांट है और इसकी ऊंचाई 21 मीटर है.

बदरीनाथ में एमएलडी एसटीपी प्लांट
बदरीनाथ में एमएलडी एसटीपी प्लांट

बदरीनाथ मंदिर के पास प्लांट
इसके साथ ही नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत बदरीनाथ धाम में 18.23 करोड़ की लागत से पुल के पास 1 एमएलडी और बदरीनाथ मंदिर के पास 0.01 एमएलडी प्लांट तैयार किया गया है. एसटीपी के लोकार्पण के साथ ही बदरीनाथ धाम में सीवरेज की वर्षों पुरानी समस्या दूर हो गई है. गंगा नदी को उद्गम स्थलों से ही स्वच्छ बनाने के लिए बदरीनाथ में सीवरेज शोधन संयंत्र बनाकर सीवर नालों को टेप किया गया है और सीवरेज ट्रीटमेंट के बाद ही स्वच्छ जल को नदी में छोड़ा जा रहा है.

चोर पानी ऋषिकेश में 7.5 एमएलडी प्लांट
चोर पानी ऋषिकेश में 7.5 एमएलडी प्लांट

सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की विशेषताएं
इन इको फ्रेंडली प्लांट से निकलने वाला पानी काफी साफ और सुथरा रहेगा. ट्रीट पानी का सिंचाई में भी उपयोग हो सकेगा. यहां लगी स्क्रीन पर देखा जा सकेगा कि ट्रीट किए गए पानी में ऑक्सीजन की मात्रा क्या है. पूरी तरह कंप्यूटराज्ड होने के कारण दिल्ली में बैठे अफसर भी इस प्रोजेक्ट के जल की गुणवत्ता की निगरानी कर सकेंगे. कंपनी प्लांट शुरू होने के बाद अगले 15 साल तक देखरेख और संचालन का काम करेगी.

परियोजनाओं का लोकार्पण करते पीएम मोदी.
परियोजनाओं का लोकार्पण करते पीएम मोदी.

क्या बोले प्रधानमंत्री?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नमामि गंगे योजना और जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखंड में बेहतर काम हो रहा है. ज्यादातर प्रोजेक्ट पूरे होने की कगार पर हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सीवरेज ट्रीटमेंट की क्षमता चार गुना तक बढ़ गई है. उन्होंने यह भी कहा कि गंगा में यमुनोत्री-गंगोत्री से लेकर हरिद्वार तक तकरीबन 130 नाले सीधे गंगा में गिरते थे जो कि अब बंद हो चुके हैं.

संबोधित करते पीएम मोदी.
संबोधित करते पीएम मोदी.

पीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने चारों दिशाओं में एक साथ काम आगे बढ़ाया है. पहला काम- गंगा जल में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का जाल बिछाना शुरू किया. दूसरा काम- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ऐसे बनाए, जो अगले 10-15 साल की भी जरूरतें पूरी कर सकें. तीसरा काम- गंगा नदी के किनारे बसे सौ बड़े शहरों और पांच हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त करना और चौथा काम- जो गंगा जी की सहायक नदियां हैं, उनमें भी प्रदूषण रोकने के लिए पूरी ताकत लगाना.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को शुरू हुए डॉल्फिन मिशन का भी जिक्र किया और कहा कि पहाड़ से लेकर मैदान तक गंगा को साफ करने का काम तेज गति से चल रहा है और यह डॉल्फिन मिशन को कामयाबी तक पहुंचाएगा. वहीं, उन्होंने कहा कि अबतक पानी से जुड़े अलग-अलग मंत्रालय से अलग-अलग योजनाएं बनती थीं लेकिन समन्वय स्थापित न होने के कारण धरातल पर कारगर साबित नहीं हो पाती थी. अब एक हुये जल शक्ति मंत्रालय का असर धरातल पर दिखने लगा है.

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की तारीफ की और कहा कि उत्तराखंड में एक रुपए में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है. पिछले 4 से 5 महीनों में जो कि लॉकडाउन के थे, वहां पर तकरीबन 50 हजार से ज्यादा पानी के कनेक्शन बांटे गए. उन्होंने कहा कि उनका यह लक्ष्य 2022 तक पूरा हो जाएगा.

पीएम को जानकारी देते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत.
पीएम को जानकारी देते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत.

पीएम मोदी ने जल जीवन मिशन के तहत सभी प्राथमिक विद्यालयों, बेसिक विद्यालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों में आगामी 100 दिनों का लक्ष्य देते हुए नल से जल अभियान चलाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत सभी स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था करना हमारा लक्ष्य है.

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लोकार्पण कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नमामि गंगे योजना के तहत संचालित तमाम योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में कुल दूषित 135 नाले गंगा में गिर रहे थे, जिनमें से 128 को टेप किया जा चुका है जबकि 7 नालों की टेपिंग अभी बाकी है. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को भरोसा दिलाया कि आगामी कुंभ तक इन नालों को भी टेप कर लिया जाएगा.

हरिद्वार महाकुंभ का जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जिस तरह प्रयागराज में हुए कुंभ मेले में गंगा के अविरलता को करोड़ों श्रद्धालुओं ने नमन किया था, उसी तरह 2021 महाकुंभ में हरिद्वार में भी करोड़ों श्रद्धालु मां गंगा का आशीर्वाद लेने आएंगे, जिसके लिए हरिद्वार पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने हरिद्वार में रिवरफ्रंट म्यूजियम और तमाम योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि गंगा म्यूजियम के बनने से यहां का आकर्षण और अधिक बढ़ जाएगा.

विपक्ष को भी लिया आड़े हाथ
केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की उपलब्धियां गिनाते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि बिल हो रहे विरोध को कांग्रेस के खुराफाती दिमाग की उपज बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों को बरगलाने का काम कर रही है, भ्रम फैला रही है. पीएम ने कहा कि कांग्रेस पहले वन रैंक-वन पेंशन पर भी विरोध कर रही थी, लेकिन इस योजना के तहत उत्तराखंड जैसे राज्य में तकरीबन एक लाख से ज्यादा सैनिकों को लाभ मिला है. इसके अलावा कांग्रेस रफाल पर भी विरोध कर रही थी, लेकिन आज रफाल विमान देश की सीमाओं पर गरज रहे हैं. कांग्रेस सर्जिकल स्ट्राइक पर भी सवाल उठा रही थी, लेकिन हमारे देश के जवानों ने दुश्मनों के घर में घुसकर उन्हें जवाब दिया. वहीं, जब पूरा विश्व योग को अपना रहा था, तब कांग्रेस अपने ही देश में योग का विरोध कर रही थी.

इसके अलावा उन्होंने राम मंदिर का भी जिक्र किया और कहा कि कांग्रेसी पहले राम मंदिर का विरोध कर रही थी, बाद में भूमि पूजन का विरोध करने लगी. इस तरह से कांग्रेस ने केवल नकारात्मकता फैलाने का काम किया है.

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